यशायाह 31:3 in Hindi

हिंदी हिंदी बाइबिल यशायाह यशायाह 31 यशायाह 31:3

Isaiah 31:3
मिस्री लोग ईश्वर नहीं, मनुष्य ही हैं; और उनके घोड़े आत्मा नहीं, मांस ही हैं। जब यहोवा हाथ बढ़ाएगा, तब सहायता करने वाले और सहायता चाहने वाले दोनों ठोकर खाकर गिरेंगे, और वे सब के सब एक संग नष्ट हो जाएंगे।

Isaiah 31:2Isaiah 31Isaiah 31:4

Isaiah 31:3 in Other Translations

King James Version (KJV)
Now the Egyptians are men, and not God; and their horses flesh, and not spirit. When the LORD shall stretch out his hand, both he that helpeth shall fall, and he that is holpen shall fall down, and they all shall fail together.

American Standard Version (ASV)
Now the Egyptians are men, and not God; and their horses flesh, and not spirit: and when Jehovah shall stretch out his hand, both he that helpeth shall stumble, and he that is helped shall fall, and they all shall be consumed together.

Bible in Basic English (BBE)
For the Egyptians are men, and not God; and their horses are flesh, and not spirit: and when the Lord's hand is stretched out, the helper and he who is helped will come down together.

Darby English Bible (DBY)
And the Egyptians are men, and not ùGod, and their horses flesh, and not spirit; and Jehovah shall stretch forth his hand, and he that helpeth shall stumble, and he that is helped shall fall, and they all shall perish together.

World English Bible (WEB)
Now the Egyptians are men, and not God; and their horses flesh, and not spirit: and when Yahweh shall stretch out his hand, both he who helps shall stumble, and he who is helped shall fall, and they all shall be consumed together.

Young's Literal Translation (YLT)
And the Egyptians `are men', and not God, And their horses `are' flesh, and not spirit, And Jehovah stretcheth out His hand, And stumbled hath the helper, And fallen hath the helped one, And together all of them are consumed.

Now
the
Egyptians
וּמִצְרַ֤יִםûmiṣrayimoo-meets-RA-yeem
are
men,
אָדָם֙ʾādāmah-DAHM
not
and
וְֽלֹאwĕlōʾVEH-loh
God;
אֵ֔לʾēlale
and
their
horses
וְסוּסֵיהֶ֥םwĕsûsêhemveh-soo-say-HEM
flesh,
בָּשָׂ֖רbāśārba-SAHR
and
not
וְלֹאwĕlōʾveh-LOH
spirit.
ר֑וּחַrûaḥROO-ak
Lord
the
When
וַֽיהוָ֞הwayhwâvai-VA
shall
stretch
out
יַטֶּ֣הyaṭṭeya-TEH
hand,
his
יָד֗וֹyādôya-DOH
both
he
that
helpeth
וְכָשַׁ֤לwĕkāšalveh-ha-SHAHL
shall
fall,
עוֹזֵר֙ʿôzēroh-ZARE
holpen
is
that
he
and
וְנָפַ֣לwĕnāpalveh-na-FAHL
shall
fall
down,
עָזֻ֔רʿāzurah-ZOOR
all
they
and
וְיַחְדָּ֖וwĕyaḥdāwveh-yahk-DAHV
shall
fail
כֻּלָּ֥םkullāmkoo-LAHM
together.
יִכְלָיֽוּן׃yiklāywwnyeek-LAI-wn

Cross Reference

यशायाह 9:17
इस कारण प्रभु न तो इनके जवानों से प्रसन्न होगा, और न इनके अनाथ बालकों और विधवाओं पर दया करेगा; क्योंकि हर एक भक्तिहीन और कुकर्मी है, और हर एक के मुख से मूर्खता की बातें निकलती हैं। इतने पर भी उसका क्रोध शान्त नहीं हुआ और उसका हाथ अब तक बढ़ा हुआ है॥

यहेजकेल 28:9
तब, क्या तू अपने घात करने वाले के साम्हने कहता रहेगा कि तू परमेश्वर है? तू अपने घायल करने वाले के हाथ में ईश्वर नहीं, मनुष्य ही ठहरेगा।

यहेजकेल 20:33
प्रभु यहोवा यों कहता है, मेरे जीवन की शपथ मैं निश्चय बली हाथ और बढ़ाई हुई भुजा से, और भड़काई इुई जलजलाहट के साथ तुम्हारे ऊपर राज्य करूंगा।

यिर्मयाह 15:6
यहोवा की यह वाणी है कि तू मुझ को त्यागकर पीछे हट गई है, इसलिये मैं तुझ पर हाथ बढ़ाकर तेरा नाश करूंगा; क्योंकि, मैं तरस खाते खाते उकता गया हूँ।

2 थिस्सलुनीकियों 2:4
जो विरोध करता है, और हर एक से जो परमेश्वर, या पूज्य कहलाता है, अपने आप को बड़ा ठहराता है, यहां तक कि वह परमेश्वर के मन्दिर में बैठकर अपने आप को परमेश्वर प्रगट करता है।

प्रेरितों के काम 12:22
और लोग पुकार उठे, कि यह तो मनुष्य का नहीं परमेश्वर का शब्द है।

यिर्मयाह 37:7
इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यों कहता है, यहुदा के जिस राजा ने तुम को प्रार्थना करने के लिये मेरे पास भेजा है, उस से यों कहो, कि देख, फिरौन की जो सेना तुम्हारी सहायता के लिये निकली है वह अपने देश मिस्र में लौट जाएगी।

यशायाह 36:9
फिर तू रथों और सवारों के लिये मिस्र पर भरोसा रखकर मेरे स्वामी के छोटे से छोटे कर्मचारी को भी कैसे हटा सकेगा?

यशायाह 36:6
सुन, तू तो उस कुचले हुए नरकट अर्थात मिस्र पर भरोसा रखता है; उस पर यदि कोई टेक लगाए तो वह उसके हाथ में चुभकर छेद कर देगा। मिस्र का राजा फिरौन उन सब के साथ ऐसा ही करता है जो उस पर भरोसा रखते हैं।

यशायाह 30:7
क्योंकि मिस्र की सहायता व्यर्थ और निकम्मी है, इस कारण मैं ने उसको बैठी रहने वाली रहब कहा है॥

यशायाह 30:5
वे सब एक ऐसी जाति के कारण लज्जित होंगे जिस से उनका कुछ लाभ न होगा, जो सहायता और लाभ के बदले लज्जा और नामधराई का कारण होगी॥

भजन संहिता 146:3
तुम प्रधानों पर भरोसा न रखना, न किसी आदमी पर, क्योंकि उस में उद्धार करने की भी शक्ति नहीं।

भजन संहिता 33:17
बच निकलने के लिये घोड़ा व्यर्थ है, वह अपने बड़े बल के द्वारा किसी को नहीं बचा सकता है॥

भजन संहिता 9:20
हे परमेश्वर, उन को भय दिला! जातियां अपने को मनुष्य मात्र ही जानें।

व्यवस्थाविवरण 32:30
यदि उनकी चट्टान ही उन को न बेच देती, और यहोवा उन को औरों के हाथ में न कर देता; तो यह क्योंकर हो सकता कि उनके हजार का पीछा एक मनुष्य करता, और उनके दस हजार को दो मनुष्य भगा देते?