Isaiah 30:25
और उस महासंहार के समय जब गुम्मट गिर पड़ेंगे, सब ऊंचे ऊंचे पहाड़ों और पहाडिय़ों पर नालियां और सोते पाए जाएंगे।
Isaiah 30:25 in Other Translations
King James Version (KJV)
And there shall be upon every high mountain, and upon every high hill, rivers and streams of waters in the day of the great slaughter, when the towers fall.
American Standard Version (ASV)
And there shall be upon every lofty mountain, and upon every high hill, brooks `and' streams of waters, in the day of the great slaughter, when the towers fall.
Bible in Basic English (BBE)
And there will be rivers and streams of water on every tall mountain and on every high hill, in the day when great numbers are put to the sword, when the towers come down.
Darby English Bible (DBY)
And there shall be upon every high mountain and upon every hill that is lifted up, brooks [and] water-courses, in the day of the great slaughter, when the towers fall.
World English Bible (WEB)
There shall be on every lofty mountain, and on every high hill, brooks [and] streams of waters, in the day of the great slaughter, when the towers fall.
Young's Literal Translation (YLT)
And there hath been on every high mount, And on every exalted hill, Rivulets -- streams of waters, In a day of much slaughter, in the falling of towers.
| And there shall be | וְהָיָ֣ה׀ | wĕhāyâ | veh-ha-YA |
| upon | עַל | ʿal | al |
| every | כָּל | kāl | kahl |
| high | הַ֣ר | har | hahr |
| mountain, | גָּבֹ֗הַ | gābōah | ɡa-VOH-ah |
| and upon | וְעַל֙ | wĕʿal | veh-AL |
| every | כָּל | kāl | kahl |
| high | גִּבְעָ֣ה | gibʿâ | ɡeev-AH |
| hill, | נִשָּׂאָ֔ה | niśśāʾâ | nee-sa-AH |
| rivers | פְּלָגִ֖ים | pĕlāgîm | peh-la-ɡEEM |
| streams and | יִבְלֵי | yiblê | yeev-LAY |
| of waters | מָ֑יִם | māyim | MA-yeem |
| in the day | בְּיוֹם֙ | bĕyôm | beh-YOME |
| great the of | הֶ֣רֶג | hereg | HEH-reɡ |
| slaughter, | רָ֔ב | rāb | rahv |
| when the towers | בִּנְפֹ֖ל | binpōl | been-FOLE |
| fall. | מִגְדָּלִֽים׃ | migdālîm | meeɡ-da-LEEM |
Cross Reference
यशायाह 43:19
देखो, मैं एक नई बात करता हूं; वह अभी प्रगट होगी, क्या तुम उस से अनजान रहोगे? मैं जंगल में एक मार्ग बनाऊंगा और निर्जल देश में नदियां बहाऊंगा।
यशायाह 35:6
तब लंगड़ा हरिण की सी चौकडिय़ां भरेगा और गूंगे अपनी जीभ से जयजयकार करेंगे। क्योंकि जंगल में जल के सोते फूट निकलेंगे और मरूभूमि में नदियां बहने लगेंगी
प्रकाशित वाक्य 22:1
फिर उस ने मुझे बिल्लौर की सी झलकती हुई, जीवन के जल की एक नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेंम्ने के सिंहासन से निकल कर उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी।
प्रकाशित वाक्य 16:1
फिर मैं ने मन्दिर में किसी को ऊंचे शब्द से उन सातों स्वर्गदूतों से यह कहते सुना कि जाओ, परमेश्वर के प्रकोप के सातों कटोरों को पृथ्वी पर उंडेल दो॥
2 कुरिन्थियों 10:4
क्योंकि हमारी लड़ाई के हथियार शारीरिक नहीं, पर गढ़ों को ढा देने के लिये परमेश्वर के द्वारा सामर्थी हैं।
यूहन्ना 7:38
जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्र शास्त्र में आया है उसके ह्रृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी।
नहूम 3:12
तेरे सब गढ़ ऐसे अंजीर के वृक्षों के समान होंगे जिन में पहिले पक्के अंजीर लगे हों, यदि वे हिलाए जाएं तो फल खाने वाले के मुंह में गिरेंगे।
यहेजकेल 39:17
फिर हे मनुष्य के सन्तान, परमेश्वर यहोवा यों कहता हे, भांति भांति के सब पक्षियों और सब वनपशुओं को आज्ञा दे, इकट्ठे हो कर आओ, मेरे इस बड़े यज्ञ में जो मैं तुम्हारे लिये इस्राएल के पहाड़ों पर करता हूँ, हर एक दिशा से इकट्ठे हो कि तुम मांस खाओ और लोहू पीओ।
यहेजकेल 34:26
और मैं उन्हें और अपनी पहाड़ी के आस पास के स्थानों को आशीष का कारण बना दूंगा; और मेंह को मैं ठीक समय में बरसाया करूंगा; और वे आशीषों की वर्षा होंगी।
यहेजकेल 34:13
और मैं उन्हें देश देश के लोगों में से निकालूंगा, और देश देश से इकट्ठा करूंगा, और उन्हीं के निज भूमि में ले आऊंगा; और इस्राएल के पहाड़ों पर ओर नालों में और उस देश के सब बसे हुए स्थानों में चराऊंगा।
यहेजकेल 17:22
फिर प्रभु यहोवा यों कहता है, मैं भी देवदार की ऊंची फुनगी में से कुछ ले कर लगाऊंगा, और उसकी सब से ऊपर वाली कनखाओं में से एक कोमल कनखा तोड़ कर एक अति ऊंचे पर्वत पर लगाऊंगा।
यशायाह 63:1
यह कौन है जो एदोम देश के बोस्त्रा नगर से बैंजनी वस्त्र पहिने हुए चला आता है, जो अति बलवान और भड़कीला पहिरावा पहिने हुए झूमता चला आता है? यह मैं ही हूं, जो धर्म से बोलता और पूरा उद्धार करने की शक्ति रखता हूं।
यशायाह 44:3
क्योंकि मैं प्यासी भूमि पर जल और सूखी भूमि पर धाराएं बहाऊंगा; मैं तेरे वंश पर अपनी आत्मा और तेरी सन्तान पर अपनी आशीष उण्डेलूंगा।
यशायाह 41:18
मैं मुण्डे टीलों से भी नदियां और मैदानों के बीच में सोते बहऊंगा; मैं जंगल को ताल और निर्जल देश को सोते ही सोते कर दूंगा।
यशायाह 37:36
तब यहोवा के दूत ने निकलकर अश्शूरियों की छावनी में एक लाख पचासी हजार पुरूषों को मारा; और भोर को जब लोग सवेरे उठे तब क्या देखा कि लोथ ही लोथ पड़ी हैं।
यशायाह 34:2
यहोवा सब जातियों पर क्रोध कर रहा है, और उनकी सारी सेना पर उसकी जलजलाहट भड़की हुई है, उसने उन को सत्यानाश होने, और संहार होने को छोड़ दिया है।
यशायाह 32:14
क्योंकि राजभवन त्यागा जाएगा, कोलाहल से भरा नगर सुनसान हो जाएगा और पहाड़ी और उन पर के पहरूओं के घर सदा के लिये मांदे और जंगली गदहों को विहारस्थान और घरैलू पशुओं की चराई उस समय तक बने रहेंगे
यशायाह 2:14
बासान के सब बांजवृक्षों पर; और सब ऊंचे पहाड़ों और सब ऊंची पहाडिय़ों पर ;