यशायाह 30:2
वे मुझ से बिन पूछे मिस्र को जाते हैं कि फिरौन की रक्षा में रहे और मिस्र की छाया में शरण लें।
That walk | הַהֹלְכִים֙ | hahōlĕkîm | ha-hoh-leh-HEEM |
to go down | לָרֶ֣דֶת | lāredet | la-REH-det |
into Egypt, | מִצְרַ֔יִם | miṣrayim | meets-RA-yeem |
not have and | וּפִ֖י | ûpî | oo-FEE |
asked | לֹ֣א | lōʾ | loh |
at my mouth; | שָׁאָ֑לוּ | šāʾālû | sha-AH-loo |
strengthen to | לָעוֹז֙ | lāʿôz | la-OZE |
themselves in the strength | בְּמָע֣וֹז | bĕmāʿôz | beh-ma-OZE |
of Pharaoh, | פַּרְעֹ֔ה | parʿō | pahr-OH |
trust to and | וְלַחְס֖וֹת | wĕlaḥsôt | veh-lahk-SOTE |
in the shadow | בְּצֵ֥ל | bĕṣēl | beh-TSALE |
of Egypt! | מִצְרָֽיִם׃ | miṣrāyim | meets-RA-yeem |