यशायाह 18:2
और समुद्र पर दूतों को नरकट की नावों में बैठा कर जल के मार्ग से यह कहके भेजता है, हे फुर्तीले दूतो, उस जाति के पास जाओ जिसके लोग बलिष्ट और सुन्दर हैं, जो आदि से अब तक डरावने हैं, जो मापने और रौंदने वाला भी हैं, और जिनका देश नदियों से विभाजित किया हुआ है॥
That sendeth | הַשֹּׁלֵ֨חַ | haššōlēaḥ | ha-shoh-LAY-ak |
ambassadors | בַּיָּ֜ם | bayyām | ba-YAHM |
sea, the by | צִירִ֗ים | ṣîrîm | tsee-REEM |
even in vessels | וּבִכְלֵי | ûbiklê | oo-veek-LAY |
of bulrushes | גֹמֶא֮ | gōmeʾ | ɡoh-MEH |
upon | עַל | ʿal | al |
פְּנֵי | pĕnê | peh-NAY | |
the waters, | מַיִם֒ | mayim | ma-YEEM |
saying, Go, | לְכ֣וּ׀ | lĕkû | leh-HOO |
swift ye | מַלְאָכִ֣ים | malʾākîm | mahl-ah-HEEM |
messengers, | קַלִּ֗ים | qallîm | ka-LEEM |
to | אֶל | ʾel | el |
a nation | גּוֹי֙ | gôy | ɡoh |
scattered | מְמֻשָּׁ֣ךְ | mĕmuššāk | meh-moo-SHAHK |
and peeled, | וּמוֹרָ֔ט | ûmôrāṭ | oo-moh-RAHT |
to | אֶל | ʾel | el |
a people | עַ֥ם | ʿam | am |
terrible | נוֹרָ֖א | nôrāʾ | noh-RA |
from | מִן | min | meen |
their beginning | ה֣וּא | hûʾ | hoo |
hitherto; | וָהָ֑לְאָה | wāhālĕʾâ | va-HA-leh-ah |
nation a | גּ֚וֹי | gôy | ɡoy |
meted out | קַו | qǎw | kahv |
and trodden down, | קָ֣ו | qāw | kahv |
whose | וּמְבוּסָ֔ה | ûmĕbûsâ | oo-meh-voo-SA |
land | אֲשֶׁר | ʾăšer | uh-SHER |
the rivers | בָּזְא֥וּ | bozʾû | boze-OO |
have spoiled! | נְהָרִ֖ים | nĕhārîm | neh-ha-REEM |
אַרְצֽוֹ׃ | ʾarṣô | ar-TSOH |