निर्गमन 27:9
फिर निवास के आंगन को बनवाना। उसकी दक्खिन अलंग के लिये तो बटी हुई सूक्ष्म सनी के कपड़े के सब पर्दों को मिलाए कि उसकी लम्बाई सौ हाथ की हो; एक अलंग पर तो इतना ही हो।
And thou shalt make | וְעָשִׂ֕יתָ | wĕʿāśîtā | veh-ah-SEE-ta |
אֵ֖ת | ʾēt | ate | |
the court | חֲצַ֣ר | ḥăṣar | huh-TSAHR |
tabernacle: the of | הַמִּשְׁכָּ֑ן | hammiškān | ha-meesh-KAHN |
for the south | לִפְאַ֣ת | lipʾat | leef-AT |
side | נֶֽגֶב | negeb | NEH-ɡev |
southward | תֵּ֠ימָנָה | têmānâ | TAY-ma-na |
hangings be shall there | קְלָעִ֨ים | qĕlāʿîm | keh-la-EEM |
for the court | לֶֽחָצֵ֜ר | leḥāṣēr | leh-ha-TSARE |
of fine twined | שֵׁ֣שׁ | šēš | shaysh |
linen | מָשְׁזָ֗ר | mošzār | mohsh-ZAHR |
of an hundred | מֵאָ֤ה | mēʾâ | may-AH |
cubits | בָֽאַמָּה֙ | bāʾammāh | va-ah-MA |
long | אֹ֔רֶךְ | ʾōrek | OH-rek |
for one | לַפֵּאָ֖ה | lappēʾâ | la-pay-AH |
side: | הָֽאֶחָֽת׃ | hāʾeḥāt | HA-eh-HAHT |