सभोपदेशक 2:26
जो मनुष्य परमेश्वर की दृष्टि में अच्छा है, उसको वह बुद्धि और ज्ञान और आनन्द देता है; परन्तु पापी को वह दु:खभरा काम ही देता है कि वह उसका देने के लिये संचय कर के ढेर लगाए जो परमेश्वर की दृष्टि में अच्छा हो। यह भी व्यर्थ और वायु को पकड़ना है॥
For | כִּ֤י | kî | kee |
God giveth | לְאָדָם֙ | lĕʾādām | leh-ah-DAHM |
to a man | שֶׁטּ֣וֹב | šeṭṭôb | SHEH-tove |
good is that | לְפָנָ֔יו | lĕpānāyw | leh-fa-NAV |
in his sight | נָתַ֛ן | nātan | na-TAHN |
wisdom, | חָכְמָ֥ה | ḥokmâ | hoke-MA |
and knowledge, | וְדַ֖עַת | wĕdaʿat | veh-DA-at |
and joy: | וְשִׂמְחָ֑ה | wĕśimḥâ | veh-seem-HA |
sinner the to but | וְלַחוֹטֶא֩ | wĕlaḥôṭeʾ | veh-la-hoh-TEH |
he giveth | נָתַ֨ן | nātan | na-TAHN |
travail, | עִנְיָ֜ן | ʿinyān | een-YAHN |
gather to | לֶאֱס֣וֹף | leʾĕsôp | leh-ay-SOFE |
and to heap up, | וְלִכְנ֗וֹס | wĕliknôs | veh-leek-NOSE |
give may he that | לָתֵת֙ | lātēt | la-TATE |
good is that him to | לְטוֹב֙ | lĕṭôb | leh-TOVE |
before | לִפְנֵ֣י | lipnê | leef-NAY |
God. | הָֽאֱלֹהִ֔ים | hāʾĕlōhîm | ha-ay-loh-HEEM |
This | גַּם | gam | ɡahm |
also | זֶ֥ה | ze | zeh |
vanity is | הֶ֖בֶל | hebel | HEH-vel |
and vexation | וּרְע֥וּת | ûrĕʿût | oo-reh-OOT |
of spirit. | רֽוּחַ׃ | rûaḥ | ROO-ak |