Lamentations 1:13
उसने ऊपर से मेरी हड्डियों में आग लगाई है, और वे उस से भस्म हो गईं; उसने मेरे पैरों के लिये जाल लगाया, और मुझ को उलटा फेर दिया है; उसने ऐसा किया कि मैं त्यागी हुई सी और रोग से लगातार निर्बल रहती हूँ।
Lamentations 1:13 in Other Translations
King James Version (KJV)
From above hath he sent fire into my bones, and it prevaileth against them: he hath spread a net for my feet, he hath turned me back: he hath made me desolate and faint all the day.
American Standard Version (ASV)
From on high hath he sent fire into my bones, and it prevaileth against them; He hath spread a net for my feet, he hath turned me back: He hath made me desolate and faint all the day.
Bible in Basic English (BBE)
From on high he has sent fire into my bones, and it has overcome them: his net is stretched out for my feet, I am turned back by him; he has made me waste and feeble all the day.
Darby English Bible (DBY)
From on high hath he sent fire into my bones, and it prevaileth against them; he hath spread a net for my feet; he hath turned me back; he hath made me desolate [and] faint all the day.
World English Bible (WEB)
From on high has he sent fire into my bones, and it prevails against them; He has spread a net for my feet, he has turned me back: He has made me desolate and faint all the day.
Young's Literal Translation (YLT)
From above He hath sent fire into my bone, And it subdueth it, He hath spread a net for my feet, He hath turned me backward, He hath made me desolate -- all the day sick.
| From above | מִמָּר֛וֹם | mimmārôm | mee-ma-ROME |
| hath he sent | שָֽׁלַח | šālaḥ | SHA-lahk |
| fire | אֵ֥שׁ | ʾēš | aysh |
| into my bones, | בְּעַצְמֹתַ֖י | bĕʿaṣmōtay | beh-ats-moh-TAI |
| against prevaileth it and | וַיִּרְדֶּ֑נָּה | wayyirdennâ | va-yeer-DEH-na |
| them: he hath spread | פָּרַ֨שׂ | pāraś | pa-RAHS |
| net a | רֶ֤שֶׁת | rešet | REH-shet |
| for my feet, | לְרַגְלַי֙ | lĕraglay | leh-rahɡ-LA |
| turned hath he | הֱשִׁיבַ֣נִי | hĕšîbanî | hay-shee-VA-nee |
| me back: | אָח֔וֹר | ʾāḥôr | ah-HORE |
| made hath he | נְתָנַ֙נִי֙ | nĕtānaniy | neh-ta-NA-NEE |
| me desolate | שֹֽׁמֵמָ֔ה | šōmēmâ | shoh-may-MA |
| and faint | כָּל | kāl | kahl |
| all | הַיּ֖וֹם | hayyôm | HA-yome |
| the day. | דָּוָֽה׃ | dāwâ | da-VA |
Cross Reference
हबक्कूक 3:16
यह सब सुनते ही मेरा कलेजा कांप उठा, मेरे ओंठ थरथराने लगे; मेरी हड्डियां सड़ने लगीं, और मैं खड़े खड़े कांपने लगा। मैं शान्ति से उस दिन की बाट जोहता रहूंगा जब दल बांध कर प्रजा चढ़ाई करे॥
अय्यूब 30:30
मेरा चमड़ा काला हो कर मुझ पर से गिरता जाता है, और तप के मारे मेरी हड्डियां जल गई हैं।
यहेजकेल 17:20
और मैं अपना जाल उस पर फैलाऊंगा और वह मेरे फन्दे में फंसेगा; और मैं उसको बाबुल में पहुंचा कर उस विश्वासघात का मुक़द्दमा उस से लड़ूंगा, जो उसने मुझ से किया है।
भजन संहिता 22:14
मैं जल की नाईं बह गया, और मेरी सब हडि्डयों के जोड़ उखड़ गए: मेरा हृदय मोम हो गया, वह मेरी देह के भीतर पिघल गया।
अय्यूब 19:6
तो यह जान लो कि ईश्वर ने मुझे गिरा दिया है, और मुझे अपने जाल में फंसा लिया है।
भजन संहिता 66:11
तू ने हम को जाल में फंसाया; और हमारी कटि पर भारी बोझ बान्धा था;
यहेजकेल 12:13
और मैं उस पर अपना जाल फैलाऊंगा, और वह मेरे फंदे में फंसेगा; और मैं उसे कसदियों के देश के बाबुल में पहुंचा दूंगा; यद्यपि वह उस नगर में मर जाएगा, तौभी उसको न देखेगा।
इब्रानियों 12:29
क्योंकि हमारा परमेश्वर भस्म करने वाली आग है॥
2 थिस्सलुनीकियों 1:8
और जो परमेश्वर को नहीं पहचानते, और हमारे प्रभु यीशु के सुसमाचार को नहीं मानते उन से पलटा लेगा।
नहूम 1:6
उसके क्रोध का साम्हना कौन कर सकता है? और जब उसका क्रोध भड़कता है, तब कौन ठहर सकता है? उसकी जलजलाहट आग की नाईं भड़क जाती है, और चट्टानें उसकी शक्ति से फट फटकर गिरती हैं।
होशे 7:12
जब वे जाएं, तब उनके ऊपर मैं अपना जाल फैलाऊंगा; मैं उन्हें ऐसा खींच लूंगा जैसे आकाश के पक्षी खींचे जाते हैं; मैं उन को ऐसी ताड़ना दूंगा, जैसी उनकी मण्डली सुन चुकी है।
यहेजकेल 32:3
परमेश्वर यहोवा यों कहता है, मैं बहुत सी जातियों की सभा के द्वारा तुझ पर अपना जाल फैलाऊंगा, और वे तुझे मेरे महाजाल में खींच लेंगे।
विलापगीत 5:17
इस कारण हमारा हृदय निर्बल हो गया है, इन्हीं बातों से हमारी आंखें धुंधली पड़ गई हैं,
विलापगीत 4:17
हमारी आंखें व्यर्थ ही सहायता की बाट जोहते जोहते रह गई हैं, हम लगातार एक ऐसी जाति की ओर ताकते रहे जो बचा नहीं सकी।
विलापगीत 2:3
उसने क्रोध में आकर इस्राएल के सींग को जड़ से काट डाला है; उसने शत्रु के साम्हने उनकी सहायता करने से अपना दहिना हाथ खींच लिया हे; उसने चारों ओर भस्म करती हुई लौ की नाईं याकूब को जला दिया है।
व्यवस्थाविवरण 32:21
उन्होंने ऐसी वस्तु मानकर जो ईश्वर नहीं हैं, मुझ में जलन उत्पन्न की; और अपनी व्यर्थ वस्तुओं के द्वारा मुझे रिस दिलाई। इसलिये मैं भी उनके द्वारा जो मेरी प्रजा नहीं हैं उनके मन में जलन उत्पन्न करूंगा; और एक मूढ़ जाति के द्वारा उन्हें रिस दिलाऊंगा॥
अय्यूब 18:8
वह अपना ही पांव जाल में फंसाएगा, वह फन्दों पर चलता है।
भजन संहिता 31:10
मेरा जीवन शोक के मारे और मेरी अवस्था कराहते कराहते घट चली है; मेरा बल मेरे अधर्म के कारण जाता रह, और मेरी हडि्डयां घुल गई॥
भजन संहिता 35:4
जो मेरे प्राण के ग्राहक हैं वे लज्जित और निरादर हों! जो मेरी हानि की कल्पना करते हैं, वह पीछे हटाए जाएं और उनका मुंह काला हो!
भजन संहिता 70:2
जो मेरे प्राण के खोजी हैं, उनकी आशा टूटे, और मुंह काला हो जाए! जो मेरी हानि से प्रसन्न होते हैं, वे पीछे हटाए और निरादर किए जाएं।
भजन संहिता 102:3
क्योंकि मेरे दिन धुएं की नाईं उड़े जाते हैं, और मेरी हडि्डयां लुकटी के समान जल गई हैं।
भजन संहिता 129:5
जितने सिय्योन से बैर रखते हैं, उन सभों की आशा टूटे, ओर उन को पीछे हटना पड़े!
यशायाह 42:17
जो लोग खुदी हुई मूरतों पर भरोसा रखते और ढली हुई मूरतों से कहते हैं कि तुम हमारे ईश्वर हो, उन को पीछे हटना और अत्यन्त लज्जित होना पड़ेगा॥
यिर्मयाह 4:19
हाय! हाय! मेरा हृदय भीतर ही भीतर तड़पता है! और मेरा मन घबराता है! मैं चुप नहीं रह सकता; क्योंकि हे मेरे प्राण, नरसिंगे का शब्द और युद्ध की ललकार तुझ तक पहुंची है।
यिर्मयाह 44:6
इस कारण मेरी जलजलाहट और कोप की आग यहूदा के नगरों और यरूशलेम की सड़कों पर भड़क गई; और वे आज के दिन तक उजाड़ और सुनसान पड़े हैं।
विलापगीत 1:22
उनकी सारी दुष्टता की ओर दृष्टि कर; और जैसा मेरे सारे अपराधों के कारण तू ने मुझे दण्ड दिया, वैसा ही उन को भी दण्ड दे; क्योंकि मैं बहुत ही कराहती हूँ, और मेरा हृदय रोग से निर्बल हो गया है।
व्यवस्थाविवरण 28:65
और उन जातियों में तू कभी चैन न पाएगा, और न तेरे पांव को ठिकाना मिलेगा; क्योंकि वहां यहोवा ऐसा करेगा कि तेरा हृदय कांपता रहेगा, और तेरी आंखे धुंधली पड़ जाएगीं, और तेरा मन कलपता रहेगा;