1 इतिहास 28:11 in Hindi

हिंदी हिंदी बाइबिल 1 इतिहास 1 इतिहास 28 1 इतिहास 28:11

1 Chronicles 28:11
तब दाऊद ने अपने पुत्र सुलैमान को मन्दिर के ओसारे, कोठरियों, भण्डारों अटारियों, भीतरी कोठरियों, और प्रायश्चित के ढकने से स्थान का नमूना,

1 Chronicles 28:101 Chronicles 281 Chronicles 28:12

1 Chronicles 28:11 in Other Translations

King James Version (KJV)
Then David gave to Solomon his son the pattern of the porch, and of the houses thereof, and of the treasuries thereof, and of the upper chambers thereof, and of the inner parlors thereof, and of the place of the mercy seat,

American Standard Version (ASV)
Then David gave to Solomon his son the pattern of the porch `of the temple', and of the houses thereof, and of the treasuries thereof, and of the upper rooms thereof, and of the inner chambers thereof, and of the place of the mercy-seat;

Bible in Basic English (BBE)
Then David gave to his son Solomon the design of the doorway of the house of God and of its houses and its store-houses, and the higher rooms and the inner rooms and the place for the mercy-seat;

Darby English Bible (DBY)
And David gave to Solomon his son the pattern of the porch, and of its houses, and of its treasuries, and of its upper chambers, and of its inner chambers, and of the house of the mercy-seat;

Webster's Bible (WBT)
Then David gave to Solomon his son the pattern of the porch, and of the houses of it, and of its treasuries, and of its upper chambers, and of its inner parlors, and of the place of the mercy-seat,

World English Bible (WEB)
Then David gave to Solomon his son the pattern of the porch [of the temple], and of the houses of it, and of the treasuries of it, and of the upper rooms of it, and of the inner chambers of it, and of the place of the mercy seat;

Young's Literal Translation (YLT)
And David giveth to Solomon his son the pattern of the porch, and of its houses, and of its treasures, and of its upper chambers, and of its innermost chambers, and of the house of the atonement;

Then
David
וַיִּתֵּ֣ןwayyittēnva-yee-TANE
gave
דָּוִ֣ידdāwîdda-VEED
to
Solomon
לִשְׁלֹמֹ֣הlišlōmōleesh-loh-MOH
his
son
בְנ֡וֹbĕnôveh-NOH

אֶתʾetet
pattern
the
תַּבְנִ֣יתtabnîttahv-NEET
of
the
porch,
הָֽאוּלָם֩hāʾûlāmha-oo-LAHM
houses
the
of
and
וְֽאֶתwĕʾetVEH-et
treasuries
the
of
and
thereof,
בָּ֨תָּ֜יוbāttāywBA-TAV
chambers
upper
the
of
and
thereof,
וְגַנְזַכָּ֧יוwĕganzakkāywveh-ɡahn-za-KAV
inner
the
of
and
thereof,
וַֽעֲלִיֹּתָ֛יוwaʿăliyyōtāywva-uh-lee-yoh-TAV
parlours
וַֽחֲדָרָ֥יוwaḥădārāywva-huh-da-RAV
place
the
of
and
thereof,
הַפְּנִימִ֖יםhappĕnîmîmha-peh-nee-MEEM
of
the
mercy
seat,
וּבֵ֥יתûbêtoo-VATE
הַכַּפֹּֽרֶת׃hakkappōretha-ka-POH-ret

Cross Reference

1 इतिहास 28:19
मैं ने यहोवा की शक्ति से जो मुझ को मिली, यह सब कुछ बूझ कर लिख दिया है।

1 राजा 6:3
और भवन के मन्दिर के साम्हने के ओसारे की लम्बाई बीस हाथ की थी, अर्थात भवन की चौड़ाई के बराबर थी, और ओसारे की चौड़ाई जो भवन के साम्हने थी, वह दस हाथ की थी।

निर्गमन 25:40
और सावधान रहकर इन सब वस्तुओं को उस नमूने के समान बनवाना, जो तुझे इस पर्वत पर दिखाया गया है॥

इब्रानियों 8:5
जो स्वर्ग में की वस्तुओं के प्रतिरूप और प्रतिबिम्ब की सेवा करते हैं, जैसे जब मूसा तम्बू बनाने पर था, तो उसे यह चितावनी मिली, कि देख जो नमूना तुझे पहाड़ पर दिखाया गया था, उसके अनुसार सब कुछ बनाना।

निर्गमन 25:17
फिर चोखे सोने का एक प्रायश्चित्त का ढकना बनवाना; उसकी लम्बाई अढ़ाई हाथ, और चौड़ाई डेढ़ हाथ की हो।

यहेजकेल 40:15
ओर फाटक के बाहरी द्वार के आगे से ले कर उसके भीतरी ओसारे के आगे तक पचास हाथ का अन्तर था।

यहेजकेल 40:48
फिर वह मुझे भवन के ओसारे में ले गया, और ओसारे के दोनों ओर के खम्भों को माप कर पांच पांच हाथ का पाया; और दोनों ओर फाटक की चौड़ाई तीन तीन हाथ की थी।

यहेजकेल 41:6
और ये बाहरी कोठरियां तिमहली थीं; और एक एक महल में तीस तीस कोठरियां थीं। भवन के आस पास की भीत इसलिये थी कि बाहरी कोठरियां उसके सहारे में हो; और उसी में कोठरियों की कडिय़ां पैठाई हुई थीं और भवन की भीत के सहारे में न थीं।

यहेजकेल 41:13
तब उस ने भवन की लम्बाई माप कर सौ हाथ की पाई; और भीतों समेत आंगन की भी लम्बाई माप कर सौ हाथ की पाई।

यहेजकेल 43:10
हे मनुष्य के सन्तान, तू इस्राएल के घराने को इस भवन का नमूना दिखा कि वे अपने अधर्म के कामों से लज्जित हो कर उस नमूने को मापें।

लूका 21:1
फिर उस ने आंख उठाकर धनवानों को अपना अपना दान भण्डार में डालते देखा।

इब्रानियों 9:2
अर्थात एक तम्बू बनाया गया, पहिले तम्बू में दीवट, और मेज, और भेंट की रोटियां थी; और वह पवित्रस्थान कहलाता है।

यहेजकेल 40:8
तब उसने फाटक का वह ओसारा जो भवन के साम्हने था, मापकर बांस भर का पाया।

यिर्मयाह 35:2
रेकाबियों के घराने के पास जा कर उन से बातें कर और उन्हें यहोवा के भवन की एक कोठरी में ले जा कर दाखमधु पिला।

निर्गमन 39:42
अर्थात जो जो आज्ञा यहोवा ने मूसा को दी थीं उन्हीं के अनुसार इस्त्राएलियों ने सब काम किया।

निर्गमन 40:20
और उसने साक्षीपत्र को ले कर सन्दूक में रखा, और सन्दूक में डण्डों को लगाके उसके ऊपर प्रायश्चित्त के ढकने को धर दिया;

1 राजा 6:5
और उसने भवन के आसपास की भीतों से सटे हुए अर्थात मन्दिर और दर्शन-स्थान दोनों भीतों के आसपास उसने मंजिलें और कोठरियां बनाईं।

1 राजा 6:10
और पूरे भवन से लगी हुई जो मंज़िलें उसने बनाईं वह पांच हाथ ऊंची थीं, और वे देवदारु की कड़ियों द्वारा भवन से मिलाई गई थीं।

1 राजा 6:16
और भवन की पिछली अलंग में भी उसने बीस हाथ की दूरी पर फ़र्श से ले भीतों के ऊपर तक देवदारु की तख्ताबंदी की; इस प्रकार उसने परमपवित्र स्थान के लिये भवन की एक भीतरी कोठरी बनाईं।

1 इतिहास 9:26
क्योंकि चारों प्रधान द्वारपाल जो लेवीय थे, वे विश्वासयोग्य जान कर परमेश्वर के भवन की कोठरियों और भण्डारों के अधिकारी ठहराए गए थे।

1 इतिहास 26:20
फिर लेवियों में से अहिय्याह परमेश्वर के भवन और पवित्र की हुई वस्तुओं, दोनों के भण्डारों का अधिकारी नियुक्त हुआ।

2 इतिहास 3:3
परमेश्वर का जो भवन सुलैमान ने बनाया, उसका यह ढब है, अर्थात उसकी लम्बाई तो प्राचीन काल की नाप के अनुसार साठ हाथ, और उसकी चौड़ाई बीस हाथ की थी।

2 इतिहास 5:7
तब याजकों ने यहोवा की वाचा का सनदूक उसके स्थान में, अर्थात भवन की भीतरी कोठरी में जो परमपवित्र स्थान है, पहुंचा कर, करूबों के पंखों के तले रख दिया।

नहेमायाह 10:38
और जब जब लेवीय दशमांश लें, तब तब उनके संग हारून की सन्तान का कोई याजक रहा करे; और लेवीय दशमांशों का दशमांश हमारे परमेश्वर के भवन की कोठरियों में अर्थात भणडार में पहुंचाया करेंगे।

नहेमायाह 13:5
उसने तोबिय्याह के लिये एक बड़ी कोठरी तैयार की थी जिस में पहिले अन्नबलि का सामान और लोबान और पात्र और अनाज, नये दाखमधु और टटके तेल के दशमांश, जिन्हें लेवियों, गवैयों और द्वारपालों को देने की आज्ञा थी, रखी हुई थी; और याजकों के लिये उठाई हुई भेंट भी रखी जाती थीं।

निर्गमन 26:30
और निवास को इस रीति खड़ा करना जैसा इस पर्वत पर तुझे दिखाया गया है॥