Ezekiel 8:3
उसने हाथ सा कुछ बढ़ा कर मेरे सिर के बाल पकड़े; तब आत्मा ने मुझे पृथ्वी और आकाश के बीच में उठा कर परमेश्वर के दिखाए हुए दर्शनों में यरूशलेम के मन्दिर के भीतर, आंगन के उस फाटक के पास पहुचा दिया जिसका मुंह उत्तर की ओर है; और जिस में उस जलन उपजाने वाली प्रतिमा का स्थान था जिसके कारण द्वेष उपजता है।
And he put forth | וַיִּשְׁלַח֙ | wayyišlaḥ | va-yeesh-LAHK |
the form | תַּבְנִ֣ית | tabnît | tahv-NEET |
hand, an of | יָ֔ד | yād | yahd |
and took | וַיִּקָּחֵ֖נִי | wayyiqqāḥēnî | va-yee-ka-HAY-nee |
me by a lock | בְּצִיצִ֣ת | bĕṣîṣit | beh-tsee-TSEET |
head; mine of | רֹאשִׁ֑י | rōʾšî | roh-SHEE |
and the spirit | וַתִּשָּׂ֣א | wattiśśāʾ | va-tee-SA |
up me lifted | אֹתִ֣י | ʾōtî | oh-TEE |
ר֣וּחַ׀ | rûaḥ | ROO-ak | |
between | בֵּֽין | bên | bane |
earth the | הָאָ֣רֶץ | hāʾāreṣ | ha-AH-rets |
and the heaven, | וּבֵ֣ין | ûbên | oo-VANE |
and brought | הַשָּׁמַ֡יִם | haššāmayim | ha-sha-MA-yeem |
visions the in me | וַתָּבֵא֩ | wattābēʾ | va-ta-VAY |
of God | אֹתִ֨י | ʾōtî | oh-TEE |
to Jerusalem, | יְרוּשָׁלְַ֜מָה | yĕrûšālamâ | yeh-roo-sha-la-ma |
to | בְּמַרְא֣וֹת | bĕmarʾôt | beh-mahr-OTE |
door the | אֱלֹהִ֗ים | ʾĕlōhîm | ay-loh-HEEM |
of the inner | אֶל | ʾel | el |
gate | פֶּ֜תַח | petaḥ | PEH-tahk |
that looketh | שַׁ֤עַר | šaʿar | SHA-ar |
north; the toward | הַפְּנִימִית֙ | happĕnîmît | ha-peh-nee-MEET |
where | הַפּוֹנֶ֣ה | happône | ha-poh-NEH |
צָפ֔וֹנָה | ṣāpônâ | tsa-FOH-na | |
was the seat | אֲשֶׁר | ʾăšer | uh-SHER |
image the of | שָׁ֣ם | šām | shahm |
of jealousy, | מוֹשַׁ֔ב | môšab | moh-SHAHV |
which provoketh to jealousy. | סֵ֖מֶל | sēmel | SAY-mel |
הַקִּנְאָ֥ה | haqqinʾâ | ha-keen-AH | |
הַמַּקְנֶֽה׃ | hammaqne | ha-mahk-NEH |