Ezekiel 34:27
और मैदान के वृक्ष फलेंगे और भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और वे अपने देश में निडर रहेंगे; जब मैं उनके जूए को तोड़ कर उन लोगों के हाथ से छुड़ाऊंगा, जो उन से सेवा कराते हैं, तब वे जान लेंगे कि मैं यहोवा हूँ।
And the tree | וְנָתַן֩ | wĕnātan | veh-na-TAHN |
of the field | עֵ֨ץ | ʿēṣ | ayts |
yield shall | הַשָּׂדֶ֜ה | haśśāde | ha-sa-DEH |
אֶת | ʾet | et | |
her fruit, | פִּרְי֗וֹ | piryô | peer-YOH |
and the earth | וְהָאָ֙רֶץ֙ | wĕhāʾāreṣ | veh-ha-AH-RETS |
yield shall | תִּתֵּ֣ן | tittēn | tee-TANE |
her increase, | יְבוּלָ֔הּ | yĕbûlāh | yeh-voo-LA |
and they shall be | וְהָי֥וּ | wĕhāyû | veh-ha-YOO |
safe | עַל | ʿal | al |
in | אַדְמָתָ֖ם | ʾadmātām | ad-ma-TAHM |
their land, | לָבֶ֑טַח | lābeṭaḥ | la-VEH-tahk |
and shall know | וְֽיָדְע֞וּ | wĕyodʿû | veh-yode-OO |
that | כִּי | kî | kee |
I | אֲנִ֣י | ʾănî | uh-NEE |
am the Lord, | יְהוָ֗ה | yĕhwâ | yeh-VA |
broken have I when | בְּשִׁבְרִי֙ | bĕšibriy | beh-sheev-REE |
אֶת | ʾet | et | |
the bands | מֹט֣וֹת | mōṭôt | moh-TOTE |
of their yoke, | עֻלָּ֔ם | ʿullām | oo-LAHM |
delivered and | וְהִ֨צַּלְתִּ֔ים | wĕhiṣṣaltîm | veh-HEE-tsahl-TEEM |
them out of the hand | מִיַּ֖ד | miyyad | mee-YAHD |
served that those of | הָעֹבְדִ֥ים | hāʿōbĕdîm | ha-oh-veh-DEEM |
themselves of them. | בָּהֶֽם׃ | bāhem | ba-HEM |