Ezekiel 31:12
परदेशी, जो जातियों में भयानक लोग हैं, वे उसको काट कर छोड़ देंगे, उसकी डालियां पहाड़ों पर, और सब तराइयों में गिराई जाएंगी, और उसकी शाखाएं देश के सब नालों में टूटी पड़ी रहेंगी, और जाति जाति के सब लोग उसकी छाया को छोड़ कर चले जाएंगे।
And strangers, | וַיִּכְרְתֻ֧הוּ | wayyikrĕtuhû | va-yeek-reh-TOO-hoo |
the terrible | זָרִ֛ים | zārîm | za-REEM |
of the nations, | עָרִיצֵ֥י | ʿārîṣê | ah-ree-TSAY |
off, him cut have | גוֹיִ֖ם | gôyim | ɡoh-YEEM |
and have left | וַֽיִּטְּשֻׁ֑הוּ | wayyiṭṭĕšuhû | va-yee-teh-SHOO-hoo |
upon him: | אֶל | ʾel | el |
the mountains | הֶ֠הָרִים | hehārîm | HEH-ha-reem |
and in all | וּבְכָל | ûbĕkāl | oo-veh-HAHL |
valleys the | גֵּ֨אָי֜וֹת | gēʾāyôt | ɡAY-ah-YOTE |
his branches | נָפְל֣וּ | noplû | nofe-LOO |
are fallen, | דָלִיּוֹתָ֗יו | dāliyyôtāyw | da-lee-yoh-TAV |
boughs his and | וַתִּשָּׁבַ֤רְנָה | wattiššābarnâ | va-tee-sha-VAHR-na |
are broken | פֹֽרֹאתָיו֙ | pōrōʾtāyw | FOH-roh-tav |
by all | בְּכֹל֙ | bĕkōl | beh-HOLE |
rivers the | אֲפִיקֵ֣י | ʾăpîqê | uh-fee-KAY |
of the land; | הָאָ֔רֶץ | hāʾāreṣ | ha-AH-rets |
and all | וַיֵּרְד֧וּ | wayyērĕdû | va-yay-reh-DOO |
people the | מִצִּלּ֛וֹ | miṣṣillô | mee-TSEE-loh |
of the earth | כָּל | kāl | kahl |
are gone down | עַמֵּ֥י | ʿammê | ah-MAY |
shadow, his from | הָאָ֖רֶץ | hāʾāreṣ | ha-AH-rets |
and have left | וַֽיִּטְּשֻֽׁהוּ׃ | wayyiṭṭĕšuhû | VA-yee-teh-SHOO-hoo |