Ephesians 4:3
और मेल के बन्ध में आत्मा की एकता रखने का यत्न करो।
Ephesians 4:3 in Other Translations
King James Version (KJV)
Endeavouring to keep the unity of the Spirit in the bond of peace.
American Standard Version (ASV)
giving diligence to keep the unity of the Spirit in the bond of peace.
Bible in Basic English (BBE)
Taking care to keep the harmony of the Spirit in the yoke of peace.
Darby English Bible (DBY)
using diligence to keep the unity of the Spirit in the uniting bond of peace.
World English Bible (WEB)
being eager to keep the unity of the Spirit in the bond of peace.
Young's Literal Translation (YLT)
being diligent to keep the unity of the Spirit in the bond of the peace;
| Endeavouring | σπουδάζοντες | spoudazontes | spoo-THA-zone-tase |
| to keep | τηρεῖν | tērein | tay-REEN |
| the | τὴν | tēn | tane |
| unity | ἑνότητα | henotēta | ane-OH-tay-ta |
| of the | τοῦ | tou | too |
| Spirit | πνεύματος | pneumatos | PNAVE-ma-tose |
| in | ἐν | en | ane |
| the | τῷ | tō | toh |
| bond | συνδέσμῳ | syndesmō | syoon-THAY-smoh |
| of | τῆς | tēs | tase |
| peace. | εἰρήνης· | eirēnēs | ee-RAY-nase |
Cross Reference
1 Corinthians 1:10
हे भाइयो, मैं तुम से यीशु मसीह जो हमारा प्रभु है उसके नाम के द्वारा बिनती करता हूं, कि तुम सब एक ही बात कहो; और तुम में फूट न हो, परन्तु एक ही मन और एक ही मत होकर मिले रहो।
John 17:21
जैसा तू हे पिता मुझ में हैं, और मैं तुझ में हूं, वैसे ही वे भी हम में हों, इसलिये कि जगत प्रतीति करे, कि तू ही ने मुझे भेजा।
Hebrews 12:14
सब से मेल मिलाप रखने, और उस पवित्रता के खोजी हो जिस के बिना कोई प्रभु को कदापि न देखेगा।
Colossians 3:13
और यदि किसी को किसी पर दोष देने को कोई कारण हो, तो एक दूसरे की सह लो, और एक दूसरे के अपराध क्षमा करो: जैसे प्रभु ने तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी करो।
Ephesians 4:4
एक ही देह है, और एक ही आत्मा; जैसे तुम्हें जो बुलाए गए थे अपने बुलाए जाने से एक ही आशा है।
1 Corinthians 12:12
क्योंकि जिस प्रकार देह तो एक है और उसके अंग बहुत से हैं, और उस एक देह के सब अंग, बहुत होने पर भी सब मिलकर एक ही देह हैं, उसी प्रकार मसीह भी है।
John 13:34
मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दुसरे से प्रेम रखो।
James 3:17
पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है।
1 Thessalonians 5:13
और उन के काम के कारण प्रेम के साथ उन को बहुत ही आदर के योग्य समझो: आपस में मेल-मिलाप से रहो।
2 Corinthians 13:11
निदान, हे भाइयो, आनन्दित रहो; सिद्ध बनते जाओ; ढाढ़स रखो; एक ही मन रखो; मेल से रहो, और प्रेम और शान्ति का दाता परमेश्वर तुम्हारे साथ होगा।
Romans 14:17
क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाना पीना नहीं; परन्तु धर्म और मिलाप और वह आनन्द है;