Romans 3:5 in Hindi

Hindi Hindi Bible Romans Romans 3 Romans 3:5

Romans 3:5
सो यदि हमारा अधर्म परमेश्वर की धामिर्कता ठहरा देता है, तो हम क्या कहें ?क्या यह कि परमेश्वर जो क्रोध करता है अन्यायी है? यह तो मैं मनुष्य की रीति पर कहता हूं।

Romans 3:4Romans 3Romans 3:6

Romans 3:5 in Other Translations

King James Version (KJV)
But if our unrighteousness commend the righteousness of God, what shall we say? Is God unrighteous who taketh vengeance? (I speak as a man)

American Standard Version (ASV)
But if our righteousness commendeth the righteousness of God, what shall we say? Is God unrighteous who visiteth with wrath? (I speak after the manner of men.)

Bible in Basic English (BBE)
But if the righteousness of God is supported by our wrongdoing what is to be said? is it wrong for God to be angry (as men may say)?

Darby English Bible (DBY)
But if our unrighteousness commend God's righteousness, what shall we say? Is God unrighteous who inflicts wrath? I speak according to man.

World English Bible (WEB)
But if our unrighteousness commends the righteousness of God, what will we say? Is God unrighteous who inflicts wrath? I speak like men do.

Young's Literal Translation (YLT)
And, if our unrighteousness God's righteousness doth establish, what shall we say? is God unrighteous who is inflicting the wrath? (after the manner of a man I speak)

But
εἰeiee
if
δὲdethay
our
ay

ἀδικίαadikiaah-thee-KEE-ah
unrighteousness
ἡμῶνhēmōnay-MONE
commend
θεοῦtheouthay-OO
righteousness
the
δικαιοσύνηνdikaiosynēnthee-kay-oh-SYOO-nane
of
God,
συνίστησινsynistēsinsyoon-EE-stay-seen
what
τίtitee
shall
we
say?
ἐροῦμενeroumenay-ROO-mane

Is
μὴmay

ἄδικοςadikosAH-thee-kose
God
hooh
unrighteous
θεὸςtheosthay-OSE
who
hooh
taketh
ἐπιφέρωνepipherōnay-pee-FAY-rone

τὴνtēntane
vengeance?
ὀργήνorgēnore-GANE
(I
speak
κατὰkataka-TA
as
ἄνθρωπονanthrōponAN-throh-pone
a
man)
λέγωlegōLAY-goh

Cross Reference

Galatians 3:15
हे भाइयों, मैं मनुष्य की रीति पर कहता हूं, कि मनुष्य की वाचा भी जो पक्की हो जाती है, तो न कोई उसे टालता है और न उस में कुछ बढ़ाता है।

Romans 6:19
मैं तुम्हारी शारीरिक दुर्बलता के कारण मनुष्यों की रीति पर कहता हूं, जैसे तुम ने अपने अंगो को कुकर्म के लिये अशुद्धता और कुकर्म के दास करके सौंपा था, वैसे ही अब अपने अंगों को पवित्रता के लिये धर्म के दास करके सौंप दो।

1 Corinthians 9:8
क्या मैं ये बातें मनुष्य ही की रीति पर बोलता हूं?

Deuteronomy 32:39
इसलिये अब तुम देख लो कि मैं ही वह हूं, और मेरे संग कोई देवता नहीं; मैं ही मार डालता, और मैं जिलाता भी हूं; मैं ही घायल करता, और मैं ही चंगा भी करता हूं; और मेरे हाथ से कोई नहीं छुड़ा सकता॥

Romans 2:5
पर अपनी कठोरता और हठीले मन के अनुसार उसके क्रोध के दिन के लिये, जिस में परमेश्वर का सच्चा न्याय प्रगट होगा, अपने निमित क्रोध कमा रहा है।

Romans 4:1
सो हम क्या कहें, कि हमारे शारीरिक पिता इब्राहीम को क्या प्राप्त हुआ?

Romans 7:7
तो हम क्या कहें? क्या व्यवस्था पाप है? कदापि नहीं! वरन बिना व्यवस्था के मैं पाप को नहीं पहिचानता: व्यवस्था यदि न कहती, कि लालच मत कर तो मैं लालच को न जानता।

Revelation 18:20
हे स्वर्ग, और हे पवित्र लोगों, और प्रेरितों, और भविष्यद्वक्ताओं, उस पर आनन्द करो, क्योंकि परमेश्वर ने न्याय करके उस से तुम्हारा पलटा लिया है॥

Revelation 16:5
और मैं ने पानी के स्वर्गदूत को यह कहते सुना, कि हे पवित्र, जो है, और जो था, तू न्यायी है और तू ने यह न्याय किया।

Revelation 15:3
और वे परमेश्वर के दास मूसा का गीत, और मेम्ने का गीत गा गाकर कहते थे, कि हे र्स्वशक्तिमान प्रभु परमेश्वर, तेरे कार्य बड़े, और अद्भुत हैं, हे युग युग के राजा, तेरी चाल ठीक और सच्ची है।

2 Thessalonians 1:6
क्योंकि परमेश्वर के निकट यह न्याय है, कि जो तुम्हें क्लेश देते हैं, उन्हें बदले में क्लेश दे।

1 Corinthians 15:32
यदि मैं मनुष्य की रीति पर इफिसुस में वन-पशुओं से लड़ा, तो मुझे क्या लाभ हुआ? यदि मुर्दे जिलाए नहीं जाएंगे, तो आओ, खाए-पीए, क्योंकि कल तो मर ही जाएंगे।

Romans 12:19
हे प्रियो अपना पलटा न लेना; परन्तु क्रोध को अवसर दो, क्योंकि लिखा है, पलटा लेना मेरा काम है, प्रभु कहता है मैं ही बदला दूंगा।

Psalm 94:1
हे यहोवा, हे पलटा लेने वाले ईश्वर, हे पलटा लेने वाले ईश्वर, अपना तेज दिखा!

Nahum 1:2
यहोवा जल उठने वाला और बदला लेने वाला ईश्वर है; यहोवा बदला लेने वाला और जलजलाहट करने वाला है; यहोवा अपने द्रोहियों से बदला लेता है, और अपने शत्रुओं का पाप नहीं भूलता।

Nahum 1:6
उसके क्रोध का साम्हना कौन कर सकता है? और जब उसका क्रोध भड़कता है, तब कौन ठहर सकता है? उसकी जलजलाहट आग की नाईं भड़क जाती है, और चट्टानें उसकी शक्ति से फट फटकर गिरती हैं।

Romans 3:7
यदि मेरे झूठ के कारण परमेश्वर की सच्चाई उस को महिमा के लिये अधिक करके प्रगट हुई, तो फिर क्यों पापी की नाईं मैं दण्ड के योग्य ठहराया जाता हूं?

Romans 3:19
हम जानते हैं, कि व्यवस्था जो कुछ कहती है उन्हीं से कहती है, जो व्यवस्था के आधीन हैं: इसलिये कि हर एक मुंह बन्द किया जाए, और सारा संसार परमेश्वर के दण्ड के योग्य ठहरे।

Romans 3:25
उसे परमेश्वर ने उसके लोहू के कारण एक ऐसा प्रायश्चित्त ठहराया, जो विश्वास करने से कार्यकारी होता है, कि जो पाप पहिले किए गए, और जिन की परमेश्वर ने अपनी सहनशीलता से आनाकानी की; उन के विषय में वह अपनी धामिर्कता प्रगट करे।

Romans 6:1
सो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें, कि अनुग्रह बहुत हो?

Romans 8:20
क्योंकि सृष्टि अपनी इच्छा से नहीं पर आधीन करने वाले की ओर से व्यर्थता के आधीन इस आशा से की गई।

Romans 9:13
जैसा लिखा है, कि मैं ने याकूब से प्रेम किया, परन्तु एसौ को अप्रिय जाना॥

Romans 9:18
सो वह जिस पर चाहता है, उस पर दया करता है; और जिसे चाहता है, उसे कठोर कर देता है।

Psalm 58:10
धर्मी ऐसा पलटा देखकर आनन्दित होगा; वह अपने पांव दुष्ट के लोहू में धोएगा॥