Psalm 65:9
तू भूमि की सुधि लेकर उसको सींचता हैं, तू उसको बहुत फलदायक करता है; परमेश्वर की नहर जल से भरी रहती है; तू पृथ्वी को तैयार करके मनुष्यों के लिये अन्न को तैयार करता है।
Psalm 65:9 in Other Translations
King James Version (KJV)
Thou visitest the earth, and waterest it: thou greatly enrichest it with the river of God, which is full of water: thou preparest them corn, when thou hast so provided for it.
American Standard Version (ASV)
Thou visitest the earth, and waterest it, Thou greatly enrichest it; The river of God is full of water: Thou providest them grain, when thou hast so prepared the earth.
Bible in Basic English (BBE)
You have given your blessing to the earth, watering it and making it fertile; the river of God is full of water: and having made it ready, you give men grain.
Darby English Bible (DBY)
Thou hast visited the earth, thou hast watered it; thou greatly enrichest it: the river of God is full of water; thou providest their corn, when thou hast so prepared it:
Webster's Bible (WBT)
They also that dwell in the uttermost parts are afraid at thy tokens: thou makest the outgoings of the morning and evening to rejoice.
World English Bible (WEB)
You visit the earth, and water it. You greatly enrich it. The river of God is full of water. You provide them grain, for so you have ordained it.
Young's Literal Translation (YLT)
Thou hast inspected the earth, and waterest it, Thou makest it very rich, the rivulet of God `is' full of water, Thou preparest their corn, When thus Thou dost prepare it,
| Thou visitest | פָּקַ֥דְתָּ | pāqadtā | pa-KAHD-ta |
| the earth, | הָאָ֨רֶץ | hāʾāreṣ | ha-AH-rets |
| and waterest | וַתְּשֹׁ֪קְקֶ֡הָ | wattĕšōqĕqehā | va-teh-SHOH-keh-KEH-ha |
| greatly thou it: | רַבַּ֬ת | rabbat | ra-BAHT |
| enrichest | תַּעְשְׁרֶ֗נָּה | taʿšĕrennâ | ta-sheh-REH-na |
| it with the river | פֶּ֣לֶג | peleg | PEH-leɡ |
| of God, | אֱ֭לֹהִים | ʾĕlōhîm | A-loh-heem |
| full is which | מָ֣לֵא | mālēʾ | MA-lay |
| of water: | מָ֑יִם | māyim | MA-yeem |
| thou preparest | תָּכִ֥ין | tākîn | ta-HEEN |
| them corn, | דְּ֝גָנָ֗ם | dĕgānām | DEH-ɡa-NAHM |
| when | כִּי | kî | kee |
| thou hast so | כֵ֥ן | kēn | hane |
| provided | תְּכִינֶֽהָ׃ | tĕkînehā | teh-hee-NEH-ha |
Cross Reference
Psalm 46:4
एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है।
Psalm 104:13
तू अपनी अटारियों में से पहाड़ों को सींचता है तेरे कामों के फल से पृथ्वी तृप्त रहती है॥
Psalm 68:9
हे परमेश्वर, तू ने बहुत से वरदान बरसाए; तेरा निज भाग तो बहुत सूखा था, परन्तु तू ने उसको हरा भरा किया है;
Jeremiah 5:24
वे मन में इतना भी नहीं सोचते कि हमारा परमेश्वर यहोवा तो बरसात के आरम्भ और अन्त दोनों समयों का जल समय पर बरसाता है, और कटनी के नियत सप्ताहों को हमारे लिये रखता है, इसलिये हम उसका भय मानें।
Jeremiah 14:22
क्या अन्यजातियों की मूरतों में से कोई वर्षा कर सकता है? क्या आकाश झडिय़ां लगा सकता है? हे हमारे परमेश्वर यहोवा, क्या तू ही इन सब बातों का करने वाला नहीं है? हम तेरा ही आसरा देखते रहेंगे, क्योंकि इन सारी वस्तुओं का सृजनहार तू ही है।
Joel 2:23
हे सिय्योनियों, तुम अपने परमेश्वर यहोवा के कारण मगन हो, और आनन्द करो; क्योंकि तुम्हारे लिये वह वर्षा, अर्थात बरसात की पहिली वर्षा बहुतायत से देगा; और पहिले के समान अगली और पिछली वर्षा को भी बरसाएगा॥
Acts 14:17
तौभी उस ने अपने आप को बे-गवाह न छोड़ा; किन्तु वह भलाई करता रहा, और आकाश से वर्षा और फलवन्त ऋतु देकर, तुम्हारे मन को भोजन और आनन्द से भरता रहा।
1 Timothy 6:17
इस संसार के धनवानों को आज्ञा दे, कि वे अभिमानी न हों और चंचल धन पर आशा न रखें, परन्तु परमेश्वर पर जो हमारे सुख के लिये सब कुछ बहुतायत से देता है।
Revelation 22:1
फिर उस ने मुझे बिल्लौर की सी झलकती हुई, जीवन के जल की एक नदी दिखाई, जो परमेश्वर और मेंम्ने के सिंहासन से निकल कर उस नगर की सड़क के बीचों बीच बहती थी।
Psalm 147:14
और तेरे सिवानों में शान्ति देता है, और तुझ को उत्तम से उत्तम गेहूं से तृप्त करता है।
Psalm 147:8
वह आकाश को मेघों से छा देता है, और पृथ्वी के लिये मेंह की तैयारी करता है, और पहाड़ों पर घास उगाता है।
Leviticus 26:4
तो मैं तुम्हारे लिये समय समय पर मेंह बरसाऊंगा, तथा भूमि अपनी उपज उपजाएगी, और मैदान के वृक्ष अपने अपने फल दिया करेंगे;
Deuteronomy 11:11
परन्तु जिस देश के अधिकारी होने को तुम पार जाने पर हो वह पहाड़ों और तराईयों का देश है, और आकाश की वर्षा के जल से सिंचता है;
Ruth 1:6
तब वह मोआब के देश में यह सुनकर, कि यहोवा ने अपनी प्रजा के लोगों की सुधि लेके उन्हें भोजनवस्तु दी है, उस देश से अपनी दोनों बहुओं समेत लौट जाने को चली।
Job 5:10
वही पृथ्वी के ऊपर वर्षा करता, और खेतों पर जल बरसाता है।
Job 37:6
वह तो हिम से कहता है, पृथ्वी पर गिर, और इसी प्रकार मेंह को भी और मूसलाधार वर्षा को भी ऐसी ही आज्ञा देता है।
Psalm 63:1
हे परमेश्वर, तू मेरा ईश्वर है, मैं तुझे यत्न से ढूंढूंगा; सूखी और निर्जल ऊसर भूमि पर, मेरा मन तेरा प्यासा है, मेरा शरीर तेरा अति अभिलाषी है।
Psalm 65:11
अपनी भलाई से भरे हुए वर्ष पर तू ने मानो मुकुट धर दिया है; तेरे मार्गों में उत्तम उत्तम पदार्थ पाए जाते हैं।
Psalm 107:37
और खेती करें, और दाख की बारियां लगाएं, और भांति भांति के फल उपजा लें।
Genesis 26:12
फिर इसहाक ने उस देश में जोता बोया, और उसी वर्ष में सौ गुणा फल पाया: और यहोवा ने उसको आशीष दी।