Isaiah 59:4 in Hindi

Hindi Hindi Bible Isaiah Isaiah 59 Isaiah 59:4

Isaiah 59:4
कोई धर्म के साथ नालिश नहीं करता, न कोई सच्चाई से मुकद्दमा लड़ता है; वे मिथ्या पर भरोसा रखते हैं और झूठ बातें बकते हैं, उसको मानो उत्पात का गर्भ रहता, और वे अनर्थ को जन्म देते हैं।

Isaiah 59:3Isaiah 59Isaiah 59:5

Isaiah 59:4 in Other Translations

King James Version (KJV)
None calleth for justice, nor any pleadeth for truth: they trust in vanity, and speak lies; they conceive mischief, and bring forth iniquity.

American Standard Version (ASV)
None sueth in righteousness, and none pleadeth in truth: they trust in vanity, and speak lies; they conceive mischief, and bring forth iniquity.

Bible in Basic English (BBE)
No one puts forward an upright cause, or gives a true decision: their hope is in deceit, and their words are false; they are with child with sin, and give birth to evil.

Darby English Bible (DBY)
none calleth for justice, none pleadeth in truthfulness. They trust in vanity, and speak falsehood; they conceive mischief, and bring forth iniquity.

World English Bible (WEB)
None sues in righteousness, and none pleads in truth: they trust in vanity, and speak lies; they conceive mischief, and bring forth iniquity.

Young's Literal Translation (YLT)
There is none calling in righteousness, And there is none pleading in faithfulness, Trusting on emptiness, and speaking falsehood, Conceiving perverseness, and bearing iniquity.

None
אֵיןʾênane
calleth
קֹרֵ֣אqōrēʾkoh-RAY
for
justice,
בְצֶ֔דֶקbĕṣedeqveh-TSEH-dek
nor
וְאֵ֥יןwĕʾênveh-ANE
pleadeth
any
נִשְׁפָּ֖טnišpāṭneesh-PAHT
for
truth:
בֶּאֱמוּנָ֑הbeʾĕmûnâbeh-ay-moo-NA
they
trust
בָּט֤וֹחַbāṭôaḥba-TOH-ak
in
עַלʿalal
vanity,
תֹּ֙הוּ֙tōhûTOH-HOO
and
speak
וְדַבֶּרwĕdabberveh-da-BER
lies;
שָׁ֔וְאšāwĕʾSHA-veh
conceive
they
הָר֥וֹhārôha-ROH
mischief,
עָמָ֖לʿāmālah-MAHL
and
bring
forth
וְהוֹלֵ֥ידwĕhôlêdveh-hoh-LADE
iniquity.
אָֽוֶן׃ʾāwenAH-ven

Cross Reference

Job 15:35
उनके उपद्रव का पेट रहता, और अनर्थ उत्पन्न होता है: और वे अपने अन्त:करण में छल की बातें गढ़ते हैं।

Jeremiah 7:8
देखो, तुम झूठी बातों पर भरोसा रखते हो जिन से कुछ लाभ नहीं हो सकता।

Jeremiah 7:4
तुम लोग यह कह कर झूठी बातों पर भरोसा मत रखो, कि यही यहोवा का मन्दिर है; यही यहोवा का मन्दिर, यहोवा का मन्दिर।

Isaiah 30:12
इस कारण इस्राएल का पवित्र यों कहता है, तुम लोग जो मेरे इस वचन को निकम्मा जानते और अन्धेर और कुटिलता पर भरोसा कर के उन्हीं पर टेक लगाते हो;

James 1:15
फिर अभिलाषा गर्भवती होकर पाप को जनती है और पाप जब बढ़ जाता है तो मृत्यु को उत्पन्न करता है।

Micah 7:2
भक्त लोग पृथ्वी पर से नाश हो गए हैं, और मनुष्यों में एक भी सीधा नहीं जन नहीं रहा; वे सब के सब हत्या के लिये घात लगाते, और जाल लगा कर अपने अपने भाई का आहेर करते हैं।

Micah 2:1
हाय उन पर, जो बिछौनों पर पड़े हुए बुराइयों की कल्पना करते और दुष्ट कर्म की इच्छा करते हैं, और बलवन्त होने के कारण भोर को दिन निकलते ही वे उसको पूरा करते हैं।

Ezekiel 22:29
देश के साधारण लोग भी अन्धेर करते और पराया धन छीनते हैं, वे दीन दरिद्र को पीसते और न्याय की चिन्ता छोड़ कर परदेशी पर अन्धेर करते हैं।

Jeremiah 5:4
फिर मैं ने सोचा, ये लोग तो कंगाल और अबोध ही हैं; क्योंकि ये यहोवा का मार्ग और अपने परमेश्वर का नियम नहीं जानते।

Jeremiah 5:1
यरूशलेम की सड़कों में इधर उधर दौड़कर देखो! उसके चौकों में ढूंढ़ो यदि कोई ऐसा मिल सके जो न्याय से काम करे और सच्चाई का खोजी हो; तो मैं उसका पाप क्षमा करूंगा।

Isaiah 59:16
उसने देखा कि कोई भी पुरूष नहीं, और इस से अचम्भा किया कि कोई बिनती करने वाला नहीं; तब उसने अपने ही भुजबल से उद्धार किया, और अपने धर्मी होने के कारण वह सम्भल गया।

Isaiah 59:13
हम ने यहोवा का अपराध किया है, हम उस से मुकर गए और अपने परमेश्वर के पीछे चलना छोड़ दिया, हम अन्धेर करने लगे और उलट फेर की बातें कहीं, हम ने झूठी बातें मन में गढ़ीं और कही भी हैं।

Isaiah 59:3
क्योंकि तुम्हारे हाथ हत्या से और तुम्हारी अंगुलियां अधर्म के कर्मों से अपवित्र हो गईं हैं; तुम्हारे मुंह से तो झूठ और तुम्हारी जीभ से कुटिल बातें निकलती हैं।

Proverbs 4:16
क्योंकि दुष्ट लोग यदि बुराई न करें, तो उन को नींद नहीं आती; और जब तक वे किसी को ठोकर न खिलाएं, तब तक उन्हें नींद नहीं मिलती।

Psalm 62:10
अन्धेर करने पर भरोसा मत रखो, और लूट पाट करने पर मत फूलो; चाहे धन सम्पति बढ़े, तौभी उस पर मन न लगाना॥

Psalm 62:4
सचमुच वे उसको, उसके ऊंचे पद से गिराने की सम्मति करते हैं; वे झूठ से प्रसन्न रहते हैं। मुंह से तो वे आशीर्वाद देते पर मन में कोसते हैं॥

Psalm 7:13
और उस मनुष्य के लिये उसने मृत्यु के हथियार तैयार कर लिए हैं: वह अपने तीरों को अग्निबाण बनाता है।

Job 15:31
वह अपने को धोखा देकर व्यर्थ बातों का भरोसा न करे, क्योंकि उसका बदला धोखा ही होगा।