Isaiah 5:2
उसने उसकी मिट्टी खोदी और उसके पत्थर बीनकर उस में उत्तम जाति की एक दाखलता लगाई; उसके बीच में उसने एक गुम्मट बनाया, और दाखरस के लिये एक कुण्ड भी खोदा; तब उसने दाख की आशा की, परन्तु उस में निकम्मी दाखें ही लगीं॥
Isaiah 5:2 in Other Translations
King James Version (KJV)
And he fenced it, and gathered out the stones thereof, and planted it with the choicest vine, and built a tower in the midst of it, and also made a winepress therein: and he looked that it should bring forth grapes, and it brought forth wild grapes.
American Standard Version (ASV)
and he digged it, and gathered out the stones thereof, and planted it with the choicest vine, and built a tower in the midst of it, and also hewed out a winepress therein: and he looked that it should bring forth grapes, and it brought forth wild grapes.
Bible in Basic English (BBE)
And after working the earth of it with a spade, he took away its stones, and put in it a very special vine; and he put up a watchtower in the middle of it, hollowing out in the rock a place for the grape-crushing; and he was hoping that it would give the best grapes, but it gave common grapes.
Darby English Bible (DBY)
And he dug it, and gathered out the stones thereof, and planted it with the choicest vine; and he built a tower in the midst of it, and also hewed out a winepress therein; and he looked that it should bring forth grapes, but it brought forth wild grapes.
World English Bible (WEB)
He dug it up, Gathered out its stones, Planted it with the choicest vine, Built a tower in its midst, And also cut out a winepress therein. He looked for it to yield grapes, But it yielded wild grapes.
Young's Literal Translation (YLT)
And he fenceth it, and casteth out its stones, And planteth it `with' a choice vine, And buildeth a tower in its midst, And also a wine press hath hewn out in it, And he waiteth for the yielding of grapes, And it yieldeth bad ones!
| And he fenced | וַֽיְעַזְּקֵ֣הוּ | wayʿazzĕqēhû | va-ah-zeh-KAY-hoo |
| stones the out gathered and it, | וַֽיְסַקְּלֵ֗הוּ | waysaqqĕlēhû | va-sa-keh-LAY-hoo |
| planted and thereof, | וַיִּטָּעֵ֙הוּ֙ | wayyiṭṭāʿēhû | va-yee-ta-A-HOO |
| vine, choicest the with it | שֹׂרֵ֔ק | śōrēq | soh-RAKE |
| and built | וַיִּ֤בֶן | wayyiben | va-YEE-ven |
| a tower | מִגְדָּל֙ | migdāl | meeɡ-DAHL |
| midst the in | בְּתוֹכ֔וֹ | bĕtôkô | beh-toh-HOH |
| of it, and also | וְגַם | wĕgam | veh-ɡAHM |
| made | יֶ֖קֶב | yeqeb | YEH-kev |
| winepress a | חָצֵ֣ב | ḥāṣēb | ha-TSAVE |
| therein: and he looked | בּ֑וֹ | bô | boh |
| forth bring should it that | וַיְקַ֛ו | wayqǎw | vai-KAHV |
| grapes, | לַעֲשׂ֥וֹת | laʿăśôt | la-uh-SOTE |
| and it brought forth | עֲנָבִ֖ים | ʿănābîm | uh-na-VEEM |
| wild grapes. | וַיַּ֥עַשׂ | wayyaʿaś | va-YA-as |
| בְּאֻשִֽׁים׃ | bĕʾušîm | beh-oo-SHEEM |
Cross Reference
Mark 11:13
और वह दूर से अंजीर का एक हरा पेड़ देखकर निकट गया, कि क्या जाने उस में कुछ पाए: पर पत्तों को छोड़ कुछ न पाया; क्योंकि फल का समय न था।
Jeremiah 2:21
मैं ने तो तुझे उत्तम जाति की दाखलता और उत्तम बीज कर के लगाया था, फिर तू क्यों मेरे लिये जंगली दाखलता बन गई?
Matthew 21:19
और अंजीर का एक पेड़ सड़क के किनारे देखकर वह उसके पास गया, और पत्तों को छोड़ उस में और कुछ न पाकर उस से कहा, अब से तुझ में फिर कभी फल न लगे; और अंजीर का पेड़ तुरन्त सुख गया।
Exodus 33:16
यह कैसे जाना जाए कि तेरे अनुग्रह की दृष्टि मुझ पर और अपनी प्रजा पर है? क्या इस से नहीं कि तू हमारे संग संग चले, जिस से मैं और तेरी प्रजा के लोग पृथ्वी भर के सब लोगों से अलग ठहरें?
Matthew 21:34
जब फल का समय निकट आया, तो उस ने अपने दासों को उसका फल लेने के लिये किसानों के पास भेजा।
Mark 12:2
फिर फल के मौसम में उस ने किसानों के पास एक दास को भेजा कि किसान से दाख की बारी के फलों का भाग ले।
Luke 13:6
फिर उस ने यह दृष्टान्त भी कहा, कि किसी की अंगूर की बारी में एक अंजीर का पेड़ लगा हुआ था: वह उस में फल ढूंढ़ने आया, परन्तु न पाया।
Luke 20:10
समय पर उस ने किसानों के पास एक दास को भेजा, कि वे दाख की बारी के कुछ फलों का भाग उसे दें, पर किसानों ने उसे पीटकर छूछे हाथ लौटा दिया।
Romans 9:4
वे इस्त्राएली हैं; और लेपालकपन का हक और महिमा और वाचाएं और व्यवस्था और उपासना और प्रतिज्ञाएं उन्हीं की हैं।
1 Corinthians 9:7
कौन कभी अपनी गिरह से खाकर सिपाही का काम करता है? कौन दाख की बारी लगाकर उसका फल नहीं खाता? कौन भेड़ों की रखवाली करके उन का दूध नहीं पीता?
Revelation 14:18
फिर एक और स्वर्गदूत जिस आग पर अधिकार था, वेदी में से निकला, और जिस के पास चोखा हंसुआ था, उस से ऊंचे शब्द से कहा; अपना चोखा हंसुआ लगा कर पृथ्वी की दाख लता के गुच्छे काट ले; क्योंकि उस की दाख पक चुकी है।
Micah 4:8
और हे एदेर के गुम्मट, हे सिय्योन की पहाड़ी, पहिली प्रभुता अर्थात यरूशलेम का राज्य तुझे मिलेगा॥
Hosea 10:1
इस्राएल एक लहलहाती हुई दाखलता सी है, जिस में बहुत से फल भी लगे, परन्तु ज्यों ज्यों उस के फल बढ़े, त्यों त्यों उसने अधिक वेदियां बनाईं जैसे जैसे उसकी भूमि सुधरी, वैसे ही वे सुन्दर लाटें बनाते गए।
Isaiah 63:2
तेरा पहिरावा क्यों लाल है? और क्या कारण है कि तेरे वस्त्र हौद में दाख रौंदने वाले के समान हैं?
Deuteronomy 32:6
हे मूढ़ और निर्बुद्धि लोगों, क्या तुम यहोवा को यह बदला देते हो? क्या वह तेरा पिता नहीं है, जिसने तुम को मोल लिया है? उसने तुम को बनाया और स्थिर भी किया है॥
Deuteronomy 32:8
जब परमप्रधान ने एक एक जाति को निज निज भाग बांट दिया, और आदमियों को अलग अलग बसाया, तब उसने देश देश के लोगों के सिवाने इस्राएलियों की गिनती के अनुसार ठहराए॥
Deuteronomy 32:32
क्योंकि उनकी दाखलता सदोम की दाखलता से निकली, और अमोरा की दाख की बारियों में की है; उनकी दाख विषभरी और उनके गुच्छे कड़वे हैं;
Judges 16:4
इसके बाद वह सोरेक नाम नाले में रहनेवाली दलीला नाम एक स्त्री से प्रीति करने लगा।
Nehemiah 13:15
उन्हीं दिनों में मैं ने यहूदा में कितनों को देखा जो विश्रामदिन को हौदों में दाख रौंदते, और पूलियों को ले आते, और गदहों पर लादते थे; वैसे ही वे दाखमधु, दाख, अंजीर और भांति भांति के बोझ विश्रामदिन को यरूशलेम में लाते थे; तब जिस दिन वे भोजनवस्तु बेचते थे, उसी दिन मैं ने उन को चिता दिया।
Psalm 44:1
हे परमेश्वर हम ने अपने कानों से सुना, हमारे बापदादों ने हम से वर्णन किया है, कि तू ने उनके दिनों में और प्राचीनकाल में क्या क्या काम किए हैं।
Isaiah 1:2
हे स्वर्ग सुन, और हे पृथ्वी कान लगा; क्योंकि यहोवा कहता है: मैं ने बाल-बच्चों का पालन पोषण किया, और उन को बढ़ाया भी, परन्तु उन्होंने मुझ से बलवा किया।
Isaiah 1:8
और सिय्योन की बेटी दाख की बारी में की झोंपड़ी की नाईं छोड़ दी गई है, वा ककड़ी के खेत में की छपरिया या घिरे हुए नगर के समान अकेली खड़ी है।
Isaiah 1:21
जो नगरी सती थी सो क्योंकर व्यभिचारिन हो गई! वह न्याय से भरी थी और उस में धर्म पाया जाता था, परन्तु अब उस में हत्यारे ही पाए जाते हैं। तेरी चान्दी घातु का मैल हो गई,
Isaiah 5:7
क्योंकि सेनाओं के यहोवा की दाख की बारी इस्राएल का घराना, और उसका मनभाऊ पौधा यहूदा के लोग है; और उसने उन में न्याय की आशा की परन्तु अन्याय देख पड़ा; उसने धर्म की आशा की, परन्तु उसे चिल्लाहट ही सुन पड़ी!
Numbers 23:9
चट्टानों की चोटी पर से वे मुझे दिखाई पड़ते हैं, पहाडिय़ों पर से मैं उन को देखता हूं; वह ऐसी जाति है जो अकेली बसी रहेगी, और अन्यजातियों से अलग गिनी जाएगी!