1 Timothy 1:12
और मैं, अपने प्रभु मसीह यीशु का, जिस ने मुझे सामर्थ दी है, धन्यवाद करता हूं; कि उस ने मुझे विश्वास योग्य समझकर अपनी सेवा के लिये ठहराया।
1 Timothy 1:12 in Other Translations
King James Version (KJV)
And I thank Christ Jesus our Lord, who hath enabled me, for that he counted me faithful, putting me into the ministry;
American Standard Version (ASV)
I thank him that enabled me, `even' Christ Jesus our Lord, for that he counted me faithful, appointing me to `his' service;
Bible in Basic English (BBE)
I give praise to him who gave me power, Christ Jesus our Lord, because he took me to be true, making me his servant,
Darby English Bible (DBY)
[And] I thank Christ Jesus our Lord, who has given me power, that he has counted me faithful, appointing to ministry him
World English Bible (WEB)
And I thank him who enabled me, Christ Jesus our Lord, because he counted me faithful, appointing me to service;
Young's Literal Translation (YLT)
And I give thanks to him who enabled me -- Christ Jesus our Lord -- that he did reckon me stedfast, having put `me' to the ministration,
| And | Καὶ | kai | kay |
| I thank | Χάριν | charin | HA-reen |
| ἔχω | echō | A-hoh | |
| Christ | τῷ | tō | toh |
| Jesus | ἐνδυναμώσαντί | endynamōsanti | ane-thyoo-na-MOH-sahn-TEE |
| our | με | me | may |
| Χριστῷ | christō | hree-STOH | |
| Lord, | Ἰησοῦ | iēsou | ee-ay-SOO |
| τῷ | tō | toh | |
| enabled hath who | κυρίῳ | kyriō | kyoo-REE-oh |
| me, | ἡμῶν | hēmōn | ay-MONE |
| for that | ὅτι | hoti | OH-tee |
| he counted | πιστόν | piston | pee-STONE |
| me | με | me | may |
| faithful, | ἡγήσατο | hēgēsato | ay-GAY-sa-toh |
| putting me | θέμενος | themenos | THAY-may-nose |
| into | εἰς | eis | ees |
| the ministry; | διακονίαν | diakonian | thee-ah-koh-NEE-an |
Cross Reference
Philippians 4:13
जो मुझे सामर्थ देता है उस में मैं सब कुछ कर सकता हूं।
2 Timothy 4:17
परन्तु प्रभु मेरा सहायक रहा, और मुझे सामर्थ दी: ताकि मेरे द्वारा पूरा पूरा प्रचार हो, और सब अन्यजाति सुन ले; और मैं तो सिंह के मुंह से छुड़ाया गया।
2 Corinthians 12:9
और उस ने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे।
Colossians 1:25
जिस का मैं परमेश्वर के उस प्रबन्ध के अनुसार सेवक बना, जो तुम्हारे लिये मुझे सौंपा गया, ताकि मैं परमेश्वर के वचन को पूरा पूरा प्रचार करूं।
Philippians 2:11
और परमेश्वर पिता की महिमा के लिये हर एक जीभ अंगीकार कर ले कि यीशु मसीह ही प्रभु है॥
2 Corinthians 4:1
इसलिये जब हम पर ऐसी दया हुई, कि हमें यह सेवा मिली, तो हम हियाव नहीं छोड़ते।
2 Corinthians 3:5
यह नहीं, कि हम अपने आप से इस योग्य हैं, कि अपनी ओर से किसी बात का विचार कर सकें; पर हमारी योग्यता परमेश्वर की ओर से है।
1 Corinthians 15:10
परन्तु मैं जो कुछ भी हूं, परमेश्वर के अनुग्रह से हूं: और उसका अनुग्रह जो मुझ पर हुआ, वह व्यर्थ नहीं हुआ परन्तु मैं ने उन सब से बढ़कर परिश्रम भी किया: तौभी यह मेरी ओर से नहीं हुआ परन्तु परमेश्वर के अनुग्रह से जो मुझ पर था।
1 Corinthians 7:25
कुंवारियों के विषय में प्रभु की कोई आज्ञा मुझे नहीं मिली, परन्तु विश्वासयोग्य होने के लिये जैसी दया प्रभु ने मुझ पर की है, उसी के अनुसार सम्मति देता हूं।
Acts 16:15
और जब उस ने अपने घराने समेत बपतिस्मा लिया, तो उस ने बिनती की, कि यदि तुम मुझे प्रभु की विश्वासिनी समझते हो, तो चलकर मेरे घर में रहो; और वह हमें मनाकर ले गई॥
Acts 9:22
परन्तु शाऊल और भी सामर्थी होता गया, और इस बात का प्रमाण दे देकर कि मसीह यही है, दमिश्क के रहने वाले यहूदियों का मुंह बन्द करता रहा॥
Acts 9:15
परन्तु प्रभु ने उस से कहा, कि तू चला जा; क्योंकि यह, तो अन्यजातियों और राजाओं, और इस्त्राएलियों के साम्हने मेरा नाम प्रगट करने के लिये मेरा चुना हुआ पात्र है।
Revelation 7:10
और बड़े शब्द से पुकार कर कहती है, कि उद्धार के लिये हमारे परमेश्वर का जो सिंहासन पर बैठा है, और मेम्ने का जय-जय-कार हो।
Revelation 5:9
और वे यह नया गीत गाने लगे, कि तू इस पुस्तक के लेने, और उसकी मुहरें खोलने के योग्य है; क्योंकि तू ने वध हो कर अपने लोहू से हर एक कुल, और भाषा, और लोग, और जाति में से परमेश्वर के लिये लोगों को मोल लिया है।
1 Timothy 1:11
यही परमधन्य परमेश्वर की महिमा के उस सुसमाचार के अनुसार है, जो मुझे सौंपा गया है॥
John 5:23
इसलिये कि सब लोग जैसे पिता का आदर करते हैं वैसे ही पुत्र का भी आदर करें: जो पुत्र का आदर नहीं करता, वह पिता का जिस ने उसे भेजा है, आदर नहीं करता।