1 John 5:14
और हमें उसके साम्हने जो हियाव होता है, वह यह है; कि यदि हम उस की इच्छा के अनुसार कुछ मांगते हैं, तो हमारी सुनता है।
1 John 5:14 in Other Translations
King James Version (KJV)
And this is the confidence that we have in him, that, if we ask any thing according to his will, he heareth us:
American Standard Version (ASV)
And this is the boldness which we have toward him, that, if we ask anything according to his will, he heareth us:
Bible in Basic English (BBE)
And we are certain that if we make any request to him which is right in his eyes, he will give ear to us:
Darby English Bible (DBY)
And this is the boldness which we have towards him, that if we ask him anything according to his will he hears us.
World English Bible (WEB)
This is the boldness which we have toward him, that, if we ask anything according to his will, he listens to us.
Young's Literal Translation (YLT)
And this is the boldness that we have toward Him, that if anything we may ask according to his will, He doth hear us,
| And | καὶ | kai | kay |
| this | αὕτη | hautē | AF-tay |
| is | ἐστὶν | estin | ay-STEEN |
| the | ἡ | hē | ay |
| confidence | παῤῥησία | parrhēsia | pahr-ray-SEE-ah |
| that | ἣν | hēn | ane |
| have we | ἔχομεν | echomen | A-hoh-mane |
| in | πρὸς | pros | prose |
| him, | αὐτόν, | auton | af-TONE |
| that, | ὅτι | hoti | OH-tee |
| if | ἐάν | ean | ay-AN |
| ask we | τι | ti | tee |
| any thing | αἰτώμεθα | aitōmetha | ay-TOH-may-tha |
| according to | κατὰ | kata | ka-TA |
| his | τὸ | to | toh |
| θέλημα | thelēma | THAY-lay-ma | |
| will, | αὐτοῦ | autou | af-TOO |
| he heareth | ἀκούει | akouei | ah-KOO-ee |
| us: | ἡμῶν | hēmōn | ay-MONE |
Cross Reference
1 John 3:21
हे प्रियो, यदि हमारा मन हमें दोष न दे, तो हमें परमेश्वर के साम्हने हियाव होता है।
John 14:13
और जो कुछ तुम मेरे नाम से मांगोगे, वही मैं करूंगा कि पुत्र के द्वारा पिता की महिमा हो।
John 16:24
अब तक तुम ने मेरे नाम से कुछ नहीं मांगा; मांगो तो पाओगे ताकि तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए॥
James 4:3
तुम मांगते हो और पाते नहीं, इसलिये कि बुरी इच्छा से मांगते हो, ताकि अपने भोग विलास में उड़ा दो।
Ephesians 3:12
जिस में हम को उस पर विश्वास रखने से हियाव और भरोसे से निकट आने का अधिकार है।
John 15:7
यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।
Jeremiah 33:3
मुझ से प्रार्थना कर और मैं तेरी सुन कर तुझे बढ़ी-बड़ी और कठिन बातें बताऊंगा जिन्हें तू अभी नहीं समझता।
James 1:5
पर यदि तुम में से किसी को बुद्धि की घटी हो, तो परमेश्वर से मांगे, जो बिना उलाहना दिए सब को उदारता से देता है; और उस को दी जाएगी।
Proverbs 15:29
यहोवा दुष्टों से दूर रहता है, परन्तु धर्मियों की प्रार्थना सुनता है।
Psalm 34:17
धर्मी दोहाई देते हैं और यहोवा सुनता है, और उन को सब विपत्तियों से छुड़ाता है।
John 9:31
हम जानते हैं कि परमेश्वर पापियों की नहीं सुनता परन्तु यदि कोई परमेश्वर का भक्त हो, और उस की इच्छा पर चलता है, तो वह उस की सुनता है।
Job 34:28
यहां तक कि उनके कारण कंगालों की दोहाई उस तक पहुंची और उसने दीन लोगों की दोहाई सुनी।
Matthew 21:22
और जो कुछ तुम प्रार्थना में विश्वास से मांगोगे वह सब तुम को मिलेगा॥
Hebrews 10:35
सो अपना हियाव न छोड़ो क्योंकि उसका प्रतिफल बड़ा है।
Jeremiah 29:12
तब उस समय तुम मुझ को पुकारोगे और आकर मुझ से प्रार्थना करोगे और मैं तुम्हारी सुनूंगा।
Psalm 69:33
क्योंकि यहोवा दरिद्रों की ओर कान लगाता है, और अपने लोगों को जो बन्धुए हैं तुच्छ नहीं जानता॥
Psalm 31:22
मैं ने तो घबराकर कहा था कि मैं यहोवा की दृष्टि से दूर हो गया। तौभी जब मैं ने तेरी दोहाई दी, तब तू ने मेरी गिड़गिड़ाहट को सुन लिया॥
John 11:42
और मै जानता था, कि तू सदा मेरी सुनता है, परन्तु जो भीड़ आस पास खड़ी है, उन के कारण मैं ने यह कहा, जिस से कि वे विश्वास करें, कि तू ने मुझे भेजा है।
Hebrews 3:6
पर मसीह पुत्र की नाईं उसके घर का अधिकारी है, और उसका घर हम हैं, यदि हम साहस पर, और अपनी आशा के घमण्ड पर अन्त तक दृढ़ता से स्थिर रहें।
Hebrews 3:14
क्योंकि हम मसीह के भागी हुए हैं, यदि हम अपने प्रथम भरोसे पर अन्त तक दृढ़ता से स्थिर रहें।
1 John 2:28
निदान, हे बालकों, उस में बने रहो; कि जब वह प्रगट हो, तो हमें हियाव हो, और हम उसके आने पर उसके साम्हने लज्ज़ित न हों।
Matthew 7:7
मांगो, तो तुम्हें दिया जाएगा; ढूंढ़ो, तो तुम पाओगे; खटखटाओ, तो तुम्हारे लिये खोला जाएगा।
James 5:16
इसलिये तुम आपस में एक दूसरे के साम्हने अपने अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिस से चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है।