2 Kings 1:13
फिर राजा ने तीसरी बार पचास सिपाहियों के एक और प्रधान को, पचासों सिपाहियों समेत भेज दिया, और पचास का वह तीसरा प्रधान चढ़ कर, एलिय्याह के साम्हने घुटनों के बल गिरा, और गिड़गिड़ा कर उस से कहने लगा, हे परमेश्वर के भक्त मेरा प्राण और तेरे इन पचास दासों के प्राण तेरी दृष्टि में अनमोल ठहरें।
And he sent | וַיָּ֗שָׁב | wayyāšob | va-YA-shove |
again | וַיִּשְׁלַ֛ח | wayyišlaḥ | va-yeesh-LAHK |
a captain | שַׂר | śar | sahr |
third the of | חֲמִשִּׁ֥ים | ḥămiššîm | huh-mee-SHEEM |
fifty | שְׁלִשִׁ֖ים | šĕlišîm | sheh-lee-SHEEM |
with his fifty. | וַֽחֲמִשָּׁ֑יו | waḥămiššāyw | va-huh-mee-SHAV |
third the And | וַיַּ֡עַל | wayyaʿal | va-YA-al |
captain | וַיָּבֹא֩ | wayyābōʾ | va-ya-VOH |
of fifty | שַׂר | śar | sahr |
went up, | הַֽחֲמִשִּׁ֨ים | haḥămiššîm | ha-huh-mee-SHEEM |
and came | הַשְּׁלִישִׁ֜י | haššĕlîšî | ha-sheh-lee-SHEE |
fell and | וַיִּכְרַ֥ע | wayyikraʿ | va-yeek-RA |
on | עַל | ʿal | al |
his knees | בִּרְכָּ֣יו׀ | birkāyw | beer-KAV |
before | לְנֶ֣גֶד | lĕneged | leh-NEH-ɡed |
Elijah, | אֵֽלִיָּ֗הוּ | ʾēliyyāhû | ay-lee-YA-hoo |
besought and | וַיִּתְחַנֵּ֤ן | wayyitḥannēn | va-yeet-ha-NANE |
אֵלָיו֙ | ʾēlāyw | ay-lav | |
him, and said | וַיְדַבֵּ֣ר | waydabbēr | vai-da-BARE |
unto | אֵלָ֔יו | ʾēlāyw | ay-LAV |
man O him, | אִ֚ישׁ | ʾîš | eesh |
of God, | הָֽאֱלֹהִ֔ים | hāʾĕlōhîm | ha-ay-loh-HEEM |
I pray thee, | תִּֽיקַר | tîqar | TEE-kahr |
life, my let | נָ֣א | nāʾ | na |
and the life | נַפְשִׁ֗י | napšî | nahf-SHEE |
of these | וְנֶ֨פֶשׁ | wĕnepeš | veh-NEH-fesh |
fifty | עֲבָדֶ֥יךָֽ | ʿăbādêkā | uh-va-DAY-ha |
servants, thy | אֵ֛לֶּה | ʾēlle | A-leh |
be precious | חֲמִשִּׁ֖ים | ḥămiššîm | huh-mee-SHEEM |
in thy sight. | בְּעֵינֶֽיךָ׃ | bĕʿênêkā | beh-ay-NAY-ha |