1 Thessalonians 3:12 in Hindi

Hindi Hindi Bible 1 Thessalonians 1 Thessalonians 3 1 Thessalonians 3:12

1 Thessalonians 3:12
और प्रभु ऐसा करे, कि जैसा हम तुम से प्रेम रखते हैं; वैसा ही तुम्हारा प्रेम भी आपस में, और सब मनुष्यों के साथ बढ़े, और उन्नति करता जाए।

1 Thessalonians 3:111 Thessalonians 31 Thessalonians 3:13

1 Thessalonians 3:12 in Other Translations

King James Version (KJV)
And the Lord make you to increase and abound in love one toward another, and toward all men, even as we do toward you:

American Standard Version (ASV)
and the Lord make you to increase and abound in love one toward another, and toward all men, even as we also `do' toward you;

Bible in Basic English (BBE)
And the Lord give you increase of love in fullest measure to one another and to all men, even as our love to you;

Darby English Bible (DBY)
But you, may the Lord make to exceed and abound in love toward one another, and toward all, even as we also towards you,

World English Bible (WEB)
and the Lord make you to increase and abound in love one toward another, and toward all men, even as we also do toward you,

Young's Literal Translation (YLT)
and you the Lord cause to increase and to abound in the love to one another, and to all, even as we also to you,

And
ὑμᾶςhymasyoo-MAHS
the
δὲdethay
Lord
hooh
make
you
to
κύριοςkyriosKYOO-ree-ose
increase
πλεονάσαιpleonasaiplay-oh-NA-say
and
καὶkaikay
abound
περισσεύσαιperisseusaipay-rees-SAYF-say
in

τῇtay
love
ἀγάπῃagapēah-GA-pay
toward
one
εἰςeisees
another,
ἀλλήλουςallēlousal-LAY-loos
and
καὶkaikay
toward
εἰςeisees
all
πάνταςpantasPAHN-tahs
even
men,
καθάπερkathaperka-THA-pare
as
καὶkaikay
we
ἡμεῖςhēmeisay-MEES
do
toward
εἰςeisees
you:
ὑμᾶςhymasyoo-MAHS

Cross Reference

Philippians 1:9
और मैं यह प्रार्थना करता हूं, कि तुम्हारा प्रेम, ज्ञान और सब प्रकार के विवेक सहित और भी बढ़ता जाए।

2 Thessalonians 1:3
हे भाइयो, तुम्हारे विषय में हमें हर समय परमेश्वर का धन्यवाद करना चाहिए, और यह उचित भी है इसलिये कि तुम्हारा विश्वास बहुत बढ़ता जाता है, और तुम सब का प्रेम आपस में बहुत ही होता जाता है।

1 Thessalonians 5:15
सावधान! कोई किसी से बुराई के बदले बुराई न करे; पर सदा भलाई करने पर तत्पर रहो आपस में और सब से भी भलाई ही की चेष्टा करो।

1 Thessalonians 4:9
किन्तु भाईचारे की प्रीति के विषय में यह अवश्य नहीं, कि मैं तुम्हारे पास कुछ लिखूं; क्योंकि आपस में प्रेम रखना तुम ने आप ही परमेश्वर से सीखा है।

1 John 4:7
हे प्रियों, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है।

1 John 3:11
क्योंकि जो समाचार तुम ने आरम्भ से सुना, वह यह है, कि हम एक दूसरे से प्रेम रखें।

Matthew 22:39
और उसी के समान यह दूसरी भी है, कि तू अपने पड़ोसी से अपने समान प्रेम रख।

Galatians 5:6
और मसीह यीशु में न खतना, न खतनारिहत कुछ काम का है, परन्तु केवल, जो प्रेम के द्वारा प्रभाव करता है।

Romans 13:8
आपस के प्रेम से छोड़ और किसी बात में किसी के कर्जदार न हो; क्योंकि जो दूसरे से प्रेम रखता है, उसी ने व्यवस्था पूरी की है।

1 Thessalonians 2:8
और वैसे ही हम तुम्हारी लालसा करते हुए, न केवल परमेश्वर को सुसमाचार, पर अपना अपना प्राण भी तुम्हें देने को तैयार थे, इसलिये कि तुम हमारे प्यारे हो गए थे।

Galatians 5:22
पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज,

Galatians 5:13
हे भाइयों, तुम स्वतंत्र होने के लिये बुलाए गए हो परन्तु ऐसा न हो, कि यह स्वतंत्रता शारीरिक कामों के लिये अवसर बने, वरन प्रेम से एक दूसरे के दास बनो।

Matthew 7:12
इस कारण जो कुछ तुम चाहते हो, कि मनुष्य तुम्हारे साथ करें, तुम भी उन के साथ वैसा ही करो; क्योंकि व्यवस्था और भविष्यद्वक्तओं की शिक्षा यही है॥

2 Peter 3:18
पर हमारे प्रभु, और उद्धारकर्ता यीशु मसीह के अनुग्रह और पहचान में बढ़ते जाओ। उसी की महिमा अब भी हो, और युगानुयुग होती रहे। आमीन॥

2 Peter 1:7
और भक्ति पर भाईचारे की प्रीति, और भाईचारे की प्रीति पर प्रेम बढ़ाते जाओ।

James 1:17
क्योंकि हर एक अच्छा वरदान और हर एक उत्तम दान ऊपर ही से है, और ज्योतियों के पिता की ओर से मिलता है, जिस में न तो कोई परिवर्तन हो सकता है, ओर न अदल बदल के कारण उस पर छाया पड़ती है।

1 Thessalonians 4:1
निदान, हे भाइयों, हम तुम से बिनती करते हैं, और तुम्हें प्रभु यीशु में समझाते हैं, कि जैसे तुम ने हम से योग्य चाल चलना, और परमेश्वर को प्रसन्न करना सीखा है, और जैसा तुम चलते भी हो, वैसे ही और भी बढ़ते जाओ।

1 Corinthians 13:1
यदि मैं मनुष्यों, और सवर्गदूतों की बोलियां बोलूं, और प्रेम न रखूं, तो मैं ठनठनाता हुआ पीतल, और झंझनाती हुई झांझ हूं।