Psalm 65:8
इसलिये दूर दूर देशों के रहने वाले तेरे चिन्ह देखकर डर गए हैं; तू उदयाचल और अस्ताचल दोनों से जयजयकार कराता है॥
Psalm 65:8 in Other Translations
King James Version (KJV)
They also that dwell in the uttermost parts are afraid at thy tokens: thou makest the outgoings of the morning and evening to rejoice.
American Standard Version (ASV)
They also that dwell in the uttermost parts are afraid at thy tokens: Thou makest the outgoings of the morning and evening to rejoice.
Bible in Basic English (BBE)
Those in the farthest parts of the earth have fear when they see your signs: the outgoings of the morning and evening are glad because of you.
Darby English Bible (DBY)
And they that dwell in the uttermost parts are afraid at thy tokens; thou makest the outgoings of the morning and evening to rejoice.
Webster's Bible (WBT)
Who stilleth the noise of the seas, the noise of their waves, and the tumult of the people.
World English Bible (WEB)
They also who dwell in far-away places are afraid at your wonders. You call the morning's dawn and the evening with songs of joy.
Young's Literal Translation (YLT)
And the inhabitants of the uttermost parts From Thy signs are afraid, The outgoings of morning and evening Thou causest to sing.
| They also that dwell | וַיִּ֤ירְא֨וּ׀ | wayyîrĕʾû | va-YEE-reh-OO |
| parts uttermost the in | יֹשְׁבֵ֣י | yōšĕbê | yoh-sheh-VAY |
| are afraid | קְ֭צָוֹת | qĕṣāwōt | KEH-tsa-ote |
| tokens: thy at | מֵאוֹתֹתֶ֑יךָ | mēʾôtōtêkā | may-oh-toh-TAY-ha |
| thou makest the outgoings | מ֤וֹצָֽאֵי | môṣāʾê | MOH-tsa-ay |
| morning the of | בֹ֖קֶר | bōqer | VOH-ker |
| and evening | וָעֶ֣רֶב | wāʿereb | va-EH-rev |
| to rejoice. | תַּרְנִֽין׃ | tarnîn | tahr-NEEN |
Cross Reference
भजन संहिता 2:8
मुझ से मांग, और मैं जाति जाति के लोगों को तेरी सम्पत्ति होने के लिये, और दूर दूर के देशों को तेरी निज भूमि बनने के लिये दे दूंगा।
प्रकाशित वाक्य 11:13
फिर उसी घड़ी एक बड़ा भुइंडोल हुआ, और नगर का दसवां अंश गिर पड़ा; और उस भुइंडोल से सात हजार मनुष्य मर गए और शेष डर गए, और स्वर्ग के परमेश्वर की महिमा की॥
प्रेरितों के काम 5:38
इसलिये अब मैं तुम से कहता हूं, इन मनुष्यों से दूर ही रहो और उन से कुछ काम न रखो; क्योंकि यदि यह धर्म या काम मनुष्यों की ओर से हो तब तो मिट जाएगा।
हबक्कूक 3:3
ईश्वर तेमान से आया, पवित्र ईश्वर परान पर्वत से आ रहा है। उसका तेज आकाश पर छाया हुआ है, और पृथ्वी उसकी स्तुति से परिपूर्ण हो गई है॥
भजन संहिता 148:3
हे सूर्य और चन्द्रमा उसकी स्तुति करो, हे सब ज्योतिमय तारागण उसकी स्तुति करो!
भजन संहिता 136:8
दिन पर प्रभुता करने के लिये सूर्य को बनाया, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 135:9
हे मिस्त्र, उसने तेरे बीच में फिरौन और उसके सब कर्मचारियों के बीच चिन्ह और चमत्कार किए।
भजन संहिता 126:2
तब हम आनन्द से हंसने और जयजयकार करने लगे; तब जाति जाति के बीच में कहा जाता था, कि यहोवा ने, इनके साथ बड़े बड़े काम किए हैं।
भजन संहिता 104:20
तू अन्धकार करता है, तब रात हो जाती है; जिस में वन के सब जीव जन्तु घूमते फिरते हैं।
भजन संहिता 74:16
दिन तेरा है रात भी तेरी है; सूर्य और चन्द्रमा को तू ने स्थिर किया है।
भजन संहिता 66:3
परमेश्वर से कहो, कि तेरे काम क्या ही भयानक हैं! तेरी महासामर्थ्य के कारण तेरे शत्रु तेरी चापलूसी करेंगे।
भजन संहिता 65:13
चराइयां भेड़- बकरियों से भरी हुई हैं; और तराइयां अन्न से ढंपी हुई हैं, वे जयजयकार करतीं और गाती भी हैं॥
भजन संहिता 48:5
उन्होंने आप ही देखा और देखते ही विस्मित हुए, वे घबराकर भाग गए।
भजन संहिता 19:5
जो दुल्हे के समान अपने महल से निकलता है। वह शूरवीर की नाईं अपनी दौड़ दौड़ने को हर्षित होता है।
अय्यूब 38:12
क्या तू ने जीवन भर में कभी भोर को आज्ञा दी, और पौ को उसका स्थान जताया है,
यहोशू 2:9
इन पुरूषों से कहने लगी, मुझे तो निश्चय है कि यहोवा ने तुम लोगों को यह देश दिया है, और तुम्हारा भय हम लोगों के मन में समाया है, और इस देश के सब निवासी तुम्हारे कारण घबरा रहे हैं।
व्यवस्थाविवरण 4:19
वा जब तुम आकाश की ओर आंखे उठा कर, सूर्य, चंद्रमा, और तारों को, अर्थात आकाश का सारा तारागण देखो, तब बहककर उन्हें दण्डवत करके उनकी सेवा करने लगो जिन को तुम्हारे परमेश्वर यहोवा ने धरती पर के सब देश वालों के लिये रखा है।
निर्गमन 15:14
देश देश के लोग सुनकर कांप उठेंगे; पलिश्तियों के प्राण के लाले पड़ जाएंगे॥
उत्पत्ति 8:22
अब से जब तक पृथ्वी बनी रहेगी, तब तक बोने और काटने के समय, ठण्ड और तपन, धूपकाल और शीतकाल, दिन और रात, निरन्तर होते चले जाएंगे॥