Psalm 104:32
उसकी दृष्टि ही से पृथ्वी कांप उठती है, और उसके छूते ही पहाड़ों से धुआं निकलता है।
Psalm 104:32 in Other Translations
King James Version (KJV)
He looketh on the earth, and it trembleth: he toucheth the hills, and they smoke.
American Standard Version (ASV)
Who looketh on the earth, and it trembleth; He toucheth the mountains, and they smoke.
Bible in Basic English (BBE)
At whose look the earth is shaking; at whose touch the mountains send out smoke.
Darby English Bible (DBY)
He looketh on the earth, and it trembleth; he toucheth the mountains, and they smoke.
World English Bible (WEB)
He looks at the earth, and it trembles. He touches the mountains, and they smoke.
Young's Literal Translation (YLT)
Who is looking to earth, and it trembleth, He cometh against hills, and they smoke.
| He looketh | הַמַּבִּ֣יט | hammabbîṭ | ha-ma-BEET |
| on the earth, | לָ֭אָרֶץ | lāʾāreṣ | LA-ah-rets |
| trembleth: it and | וַתִּרְעָ֑ד | wattirʿād | va-teer-AD |
| he toucheth | יִגַּ֖ע | yiggaʿ | yee-ɡA |
| the hills, | בֶּהָרִ֣ים | behārîm | beh-ha-REEM |
| and they smoke. | וְֽיֶעֱשָֽׁנוּ׃ | wĕyeʿĕšānû | VEH-yeh-ay-SHA-noo |
Cross Reference
भजन संहिता 144:5
हे यहोवा, अपने स्वर्ग को नीचा करके उतर आ! पहाड़ों को छू तब उन से धुंआं उठेगा!
निर्गमन 19:18
और यहोवा जो आग में हो कर सीनै पर्वत पर उतरा था, इस कारण समस्त पर्वत धुएं से भर गया; और उसका धुआं भट्टे का सा उठ रहा था, और समस्त पर्वत बहुत कांप रहा था
हबक्कूक 3:10
पहाड़ तुझे देख कर कांप उठे; आंधी और जलप्रलय निकल गए; गहिरा सागर बोल उठा और अपने हाथों अर्थात लहरों को ऊपर उठाया।
भजन संहिता 114:7
हे पृथ्वी प्रभु के साम्हने, हां याकूब के परमेश्वर के साम्हने थरथरा।
भजन संहिता 97:4
उसकी बिजलियों से जगत प्रकाशित हुआ, पृथ्वी देखकर थरथरा गई है!
प्रकाशित वाक्य 20:11
फिर मैं ने एक बड़ा श्वेत सिंहासन और उस को जो उस पर बैठा हुआ है, देखा, जिस के साम्हने से पृथ्वी और आकाश भाग गए, और उन के लिये जगह न मिली।
प्रकाशित वाक्य 19:3
फिर दूसरी बार उन्होंने हल्लिलूय्याह! कहा: और उसके जलने का धुआं युगानुयुग उठता रहेगा।
हबक्कूक 3:5
उसके आगे आगे मरी फैलती गई, और उसके पांवों से महाज्वर निकलता गया।
नहूम 1:5
उसके स्पर्श से पहाड़ कांप उठते हैं और पहाडिय़ां गल जाती हैं; उसके प्रताप से पृथ्वी वरन सारा संसार अपने सब रहने वालों समेत थरथरा उठता है॥
आमोस 8:8
क्या इस कारण भूमि न कांपेगी? और क्या उन पर के सब रहने वाले विलाप न करेंगे? यह देश सब का सब मिस्र की नील नदी के समान होगा, जो बढ़ती है, फिर लहरें मारती, और घट जाती है॥
यिर्मयाह 5:22
यहोवा की यह वाणी है, क्या तुम लोग मेरा भय नहीं मानते? क्या तुम मेरे सम्मुख नहीं थरथराते? मैं ने बालू को समुद्र का सिवाना ठहराकर युग युग का ऐसा बान्ध ठहराया कि वह उसे लांघ न सके; और चाहे उसकी लहरें भी उठें, तौभी वे प्रबल न हो सकें, था जब वे गरजें तौभी उसको न लांघ सकें।
यिर्मयाह 4:23
मैं ने पृथ्वी पर देखा, वह सूनी और सुनसान पड़ी थी; और आकाश को, और उस में कोई ज्योति नहीं थी।
यशायाह 64:1
भला हो कि तू आकाश को फाड़कर उतर आए और पहाड़ तेरे साम्हने कांप उठे।
भजन संहिता 77:16
हे परमेश्वर समुद्र ने तुझे देखा, समुद्र तुझे देख कर ड़र गया, गहिरा सागर भी कांप उठा।
भजन संहिता 50:3
हमारा परमेश्वर आएगा और चुपचाप न रहेगा, आग उसके आगे आगे भस्म करती जाएगी; और उसके चारों ओर बड़ी आंधी चलेगी।