Luke 15:29
उस ने पिता को उत्तर दिया, कि देख; मैं इतने वर्ष से तरी सेवा कर रहा हूं, और कभी भी तेरी आज्ञा नहीं टाली, तौभी तू ने मुझे कभी एक बकरी का बच्चा भी न दिया, कि मैं अपने मित्रों के साथ आनन्द करता।
Luke 15:29 in Other Translations
King James Version (KJV)
And he answering said to his father, Lo, these many years do I serve thee, neither transgressed I at any time thy commandment: and yet thou never gavest me a kid, that I might make merry with my friends:
American Standard Version (ASV)
But he answered and said to his father, Lo, these many years do I serve thee, and I never transgressed a commandment of thine; and `yet' thou never gavest me a kid, that I might make merry with my friends:
Bible in Basic English (BBE)
But he made answer and said to his father, See, all these years I have been your servant, doing your orders in everything: and you never gave me even a young goat so that I might have a feast with my friends:
Darby English Bible (DBY)
But he answering said to his father, Behold, so many years I serve thee, and never have I transgressed a commandment of thine; and to me hast thou never given a kid that I might make merry with my friends:
World English Bible (WEB)
But he answered his father, 'Behold, these many years I have served you, and I never disobeyed a commandment of yours, but you never gave me a goat, that I might celebrate with my friends.
Young's Literal Translation (YLT)
and he answering said to the father, Lo, so many years I do serve thee, and never thy command did I transgress, and to me thou didst never give a kid, that with my friends I might make merry;
| And | ὁ | ho | oh |
| he | δὲ | de | thay |
| answering | ἀποκριθεὶς | apokritheis | ah-poh-kree-THEES |
| said | εἶπεν | eipen | EE-pane |
| τῷ | tō | toh | |
| father, his to | πατρὶ | patri | pa-TREE |
| Lo, | Ἰδού, | idou | ee-THOO |
| many these | τοσαῦτα | tosauta | toh-SAF-ta |
| years | ἔτη | etē | A-tay |
| do I serve | δουλεύω | douleuō | thoo-LAVE-oh |
| thee, | σοι | soi | soo |
| neither | καὶ | kai | kay |
| transgressed I | οὐδέποτε | oudepote | oo-THAY-poh-tay |
| time any at | ἐντολήν | entolēn | ane-toh-LANE |
| thy | σου | sou | soo |
| commandment: | παρῆλθον | parēlthon | pa-RALE-thone |
| and | καὶ | kai | kay |
| never thou yet | ἐμοὶ | emoi | ay-MOO |
| gavest | οὐδέποτε | oudepote | oo-THAY-poh-tay |
| me | ἔδωκας | edōkas | A-thoh-kahs |
| kid, a | ἔριφον | eriphon | A-ree-fone |
| that | ἵνα | hina | EE-na |
| merry make might I | μετὰ | meta | may-TA |
| with | τῶν | tōn | tone |
| my | φίλων | philōn | FEEL-one |
| μου | mou | moo | |
| friends: | εὐφρανθῶ· | euphranthō | afe-frahn-THOH |
Cross Reference
लूका 18:11
फरीसी खड़ा होकर अपने मन में यों प्रार्थना करने लगा, कि हे परमेश्वर, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं, कि मैं और मनुष्यों की नाईं अन्धेर करने वाला, अन्यायी और व्यभिचारी नहीं, और न इस चुंगी लेने वाले के समान हूं।
रोमियो 3:20
क्योंकि व्यवस्था के कामों से कोई प्राणी उसके साम्हने धर्मी नहीं ठहरेगा, इसलिये कि व्यवस्था के द्वारा पाप की पहिचान होती है।
रोमियो 3:27
तो घमण्ड करना कहां रहा उस की तो जगह ही नहीं: कौन सी व्यवस्था के कारण से? क्या कर्मों की व्यवस्था से? नहीं, वरन विश्वास की व्यवस्था के कारण।
रोमियो 7:9
मैं तो व्यवस्था बिना पहिले जीवित था, परन्तु जब आज्ञा आई, तो पाप जी गया, और मैं मर गया।
रोमियो 10:3
क्योकि वे परमेश्वर की धामिर्कता से अनजान होकर, और अपनी धामिर्कता स्थापन करने का यत्न करके, परमेश्वर की धामिर्कता के आधीन न हुए।
फिलिप्पियों 3:4
पर मैं तो शरीर पर भी भरोसा रख सकता हूं यदि किसी और को शरीर पर भरोसा रखने का विचार हो, तो मैं उस से भी बढ़कर रख सकता हूं।
1 यूहन्ना 1:8
यदि हम कहें, कि हम में कुछ भी पाप नहीं, तो अपने आप को धोखा देते हैं: और हम में सत्य नहीं।
प्रकाशित वाक्य 2:17
जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है; जो जय पाए, उस को मैं गुप्त मन्ना में से दूंगा, और उसे एक श्वेत पत्थर भी दूंगा; और उस पत्थर पर एक नाम लिखा हुआ होगा, जिसे उसके पाने वाले के सिवाय और कोई न जानेगा॥
प्रकाशित वाक्य 3:17
तू जो कहता है, कि मैं धनी हूं, और धनवान हो गया हूं, और मुझे किसी वस्तु की घटी नहीं, और यह नहीं जानता, कि तू अभागा और तुच्छ और कंगाल और अन्धा, और नंगा है।
लूका 19:21
क्योंकि मैं तुझ से डरता था, इसलिये कि तू कठोर मनुष्य है: जो तू ने नहीं रखा उसे उठा लेता है, और जो तू ने नहीं बोया, उसे काटता है।
लूका 18:20
तू आज्ञाओं को तो जानता है, कि व्यभिचार न करना, हत्या न करना, और चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना।
लूका 18:9
और उस ने कितनो से जो अपने ऊपर भरोसा रखते थे, कि हम धर्मी हैं, और औरों को तुच्छ जानते थे, यह दृष्टान्त कहा।
यशायाह 58:2
वे प्रति दिन मेरे पास आते और मेरी गति बूझने की इच्छा ऐसी रखते हैं मानो वे धर्मी लोगे हैं जिन्होंने अपने परमेश्वर के नियमों को नहीं टाला; वे मुझ से धर्म के नियम पूछते और परमेश्वर के निकट आने से प्रसन्न होते हैं।
यशायाह 65:5
जो कहते हैं, हट जा, मेरे निकट मत आ, क्योंकि मैं तुझ से पवित्र हूं। ये मेरी नाक में धूंएं व उस आग के समान हैं जो दिन भर जलती रहती है।
जकर्याह 7:3
और सेनाओं के यहोवा के भवन के याजकों से और भविष्यद्वक्ताओं से भी यह पूछें, क्या हमें उपवास कर के रोना चाहिये जैसे कि कितने वर्षों से हम पांचवें महीने में करते आए हैं?
मलाकी 1:12
परन्तु तुम लोग उसको यह कह कर अपवित्र ठहराते हो कि यहोवा की मेज अशुद्ध है, और जो भोजनवस्तु उस पर से मिलती है वह भी तुच्छ है।
मलाकी 3:14
तुम ने कहा है कि परमेश्वर की सेवा करनी व्यर्थ है। हम ने जो उसके बताए हुए कामों को पूरा किया और सेनाओं के यहोवा के डर के मारे शोक का पहिरावा पहिने हुए चले हैं, इस से क्या लाभ हुआ?
मत्ती 20:12
कि इन पिछलों ने एक ही घंटा काम किया, और तू ने उन्हें हमारे बराबर कर दिया, जिन्हों ने दिन भर का भार उठाया और घाम सहा?
लूका 15:7
मैं तुम से कहता हूं; कि इसी रीति से एक मन फिरानेवाले पापी के विषय में भी स्वर्ग में इतना ही आनन्द होगा, जितना कि निन्नानवे ऐसे धमिर्यों के विषय नहीं होता, जिन्हें मन फिराने की आवश्यकता नहीं॥
लूका 17:10
इसी रीति से तुम भी, जब उन सब कामों को कर चुको जिस की आज्ञा तुम्हें दी गई थी, तो कहा, हम निकम्मे दास हैं; कि जो हमें करना चाहिए था वही किया है॥
1 शमूएल 15:13
तब शमूएल शाऊल के पास गया, और शाऊल ने उस से कहा, तुझे यहोवा की ओर से आशीष मिले; मैं ने यहोवा की आज्ञा पूरी की है।