Isaiah 40:22 in Hindi

Hindi Hindi Bible Isaiah Isaiah 40 Isaiah 40:22

Isaiah 40:22
यह वह है जो पृथ्वी के घेरे के ऊपर आकाशमण्डल पर विराजमान है; और पृथ्वी के रहने वाले टिड्डी के तुल्य है; जो आकाश को मलमल की नाईं फैलाता और ऐसा तान देता है जैसा रहने के लिये तम्बू ताना जाता है;

Isaiah 40:21Isaiah 40Isaiah 40:23

Isaiah 40:22 in Other Translations

King James Version (KJV)
It is he that sitteth upon the circle of the earth, and the inhabitants thereof are as grasshoppers; that stretcheth out the heavens as a curtain, and spreadeth them out as a tent to dwell in:

American Standard Version (ASV)
`It is' he that sitteth above the circle of the earth, and the inhabitants thereof are as grasshoppers; that stretcheth out the heavens as a curtain, and spreadeth them out as a tent to dwell in;

Bible in Basic English (BBE)
It is he who is seated over the arch of the earth, and the people in it are as small as locusts; by him the heavens are stretched out like an arch, and made ready like a tent for a living-place.

Darby English Bible (DBY)
[It is] he that sitteth upon the circle of the earth, and the inhabitants thereof are as grasshoppers; that stretcheth out the heavens as a gauze curtain, and spreadeth them out as a tent to dwell in;

World English Bible (WEB)
[It is] he who sits above the circle of the earth, and the inhabitants of it are as grasshoppers; who stretches out the heavens as a curtain, and spreads them out as a tent to dwell in;

Young's Literal Translation (YLT)
He who is sitting on the circle of the earth, And its inhabitants `are' as grasshoppers, He who is stretching out as a thin thing the heavens, And spreadeth them as a tent to dwell in.

It
is
he
that
sitteth
הַיֹּשֵׁב֙hayyōšēbha-yoh-SHAVE
upon
עַלʿalal
the
circle
ח֣וּגḥûghooɡ
earth,
the
of
הָאָ֔רֶץhāʾāreṣha-AH-rets
and
the
inhabitants
וְיֹשְׁבֶ֖יהָwĕyōšĕbêhāveh-yoh-sheh-VAY-ha
thereof
are
as
grasshoppers;
כַּחֲגָבִ֑יםkaḥăgābîmka-huh-ɡa-VEEM
out
stretcheth
that
הַנּוֹטֶ֤הhannôṭeha-noh-TEH
the
heavens
כַדֹּק֙kaddōqha-DOKE
as
a
curtain,
שָׁמַ֔יִםšāmayimsha-MA-yeem
out
them
spreadeth
and
וַיִּמְתָּחֵ֥םwayyimtāḥēmva-yeem-ta-HAME
as
a
tent
כָּאֹ֖הֶלkāʾōhelka-OH-hel
to
dwell
in:
לָשָֽׁבֶת׃lāšābetla-SHA-vet

Cross Reference

भजन संहिता 104:2
जो उजियाले को चादर की नाईं ओढ़े रहता है, और आकाश को तम्बू के समान ताने रहता है,

गिनती 13:33
फिर हम ने वहां नपीलों को, अर्थात नपीली जाति वाले अनाकवंशियों को देखा; और हम अपनी दृष्टि में तो उनके साम्हने टिड्डे के सामान दिखाई पड़ते थे, और ऐसे ही उनकी दृष्टि में मालूम पड़ते थे॥

यशायाह 42:5
ईश्वर जो आकाश का सृजने और तानने वाला है, जो उपज सहित पृथ्वी का फैलाने वाला और उस पर के लोगों को सांस और उस पर के चलने वालों को आत्मा देने वाला यहावो है, वह यों कहता है:

अय्यूब 9:8
वह आकाशमण्डल को अकेला ही फैलाता है, और समुद्र की ऊंची ऊंची लहरों पर चलता है;

यशायाह 40:15
देखो, जातियां तो डोल की एक बून्द वा पलड़ों पर की धूलि के तुल्य ठहरीं; देखो, वह द्वीपों को धूलि के किनकों सरीखे उठाता है।

यशायाह 40:17
सारी जातियां उसके साम्हने कुछ नहीं हैं, वे उसकी दृष्टि में लेश और शून्य से भी घट ठहरीं हैं॥

यशायाह 44:24
यहोवा, तेरा उद्धारकर्त्ता, जो तुझे गर्भ ही से बनाता आया है, यों कहता है, मैं यहोवा ही सब का बनाने वाला हूं जिसने अकेले ही आकाश को ताना और पृथ्वी को अपनी ही शक्ति से फैलाया है।

यशायाह 51:13
और आकाश के तानने वाले और पृथ्वी की नेव डालने वाले अपने कर्ता यहोवा को भूल गया है, और जब द्रोही नाश करने को तैयार होता है तब उसकी जलजलाहट से दिन भर लगातार थरथराता है? परन्तु द्रोही की जलजलाहट कहां रही?

यशायाह 66:1
यहोवा यों कहता है, आकाश मेरा सिंहासन और पृथ्वी मेरे चरणों की चौकी है; तुम मेरे लिये कैसा भवन बनाओगे, और मेरे विश्राम का कौन सा स्थान होगा?

यिर्मयाह 10:12
उसी ने पृथ्वी को अपनी सामर्थ से बनाया, उसने जगत को अपनी बुद्धि से स्थिर किया, और आकाश को अपनी प्रवीणता से तान दिया है।

नीतिवचन 8:27
जब उस ने अकाश को स्थिर किया, तब मैं वहां थी, जब उस ने गहिरे सागर के ऊपर आकाशमण्डल ठहराया,

भजन संहिता 102:25
आदि में तू ने पृथ्वी की नेव डाली, और आकाश तेरे हाथों का बनाया हुआ है।

भजन संहिता 68:33
जो सब से ऊंचे सनातन स्वर्ग में सवार होकर चलता है; देखो वह अपनी वाणी सुनाता है, वह गम्भीर वाणी शक्तिशाली है।

भजन संहिता 29:10
जलप्रलय के समय यहोवा विराजमान था; और यहोवा सर्वदा के लिये राजा होकर विराजमान रहता है।

अय्यूब 36:29
फिर क्या कोई बादलों का फैलना और उसके मण्डल में का गरजना समझ सकता है?

अय्यूब 22:14
काली घटाओं से वह ऐसा छिपा रहता है कि वह कुछ नहीं देख सकता, वह तो आकाशमण्डल ही के ऊपर चलता फिरता है।

अय्यूब 38:4
जब मैं ने पृथ्वी की नेव डाली, तब तू कहां था? यदि तू समझदार हो तो उत्तर दे।

भजन संहिता 2:4
वह जो स्वर्ग में विराजमान है, हंसेगा, प्रभु उन को ठट्ठों में उड़ाएगा।

यशायाह 19:1
मिस्र के विषय में भारी भविष्यवाणी। देखो, यहोवा शीघ्र उड़ने वाले बादल पर सवार हो कर मिस्र में आ रहा है;

जकर्याह 12:1
इस्राएल के विषय में यहोवा का कहा हुआ भारी वचन: यहोवा को आकाश का तानने वाला, पृथ्वी की नेव डालने वाला और मनुष्य की आत्मा का रचने वाला है, उसकी यह वाणी है,

इब्रानियों 1:10
और यह कि, हे प्रभु, आदि में तू ने पृथ्वी की नेव डाली, और स्वर्ग तेरे हाथों की कारीगरी है।

अय्यूब 37:18
फिर क्या तू उसके साथ आकाशमण्डल को तान सकता है, जो ढाले हुए दर्पण के तुल्य दृढ़ है?