Genesis 4:7
यदि तू भला करे, तो क्या तेरी भेंट ग्रहण न की जाएगी? और यदि तू भला न करे, तो पाप द्वार पर छिपा रहता है, और उसकी लालसा तेरी और होगी, और तू उस पर प्रभुता करेगा।
Genesis 4:7 in Other Translations
King James Version (KJV)
If thou doest well, shalt thou not be accepted? and if thou doest not well, sin lieth at the door. And unto thee shall be his desire, and thou shalt rule over him.
American Standard Version (ASV)
If thou doest well, shall it not be lifted up? and if thou doest not well, sin coucheth at the door: and unto thee shall be its desire, but do thou rule over it.
Bible in Basic English (BBE)
If you do well, will you not have honour? and if you do wrong, sin is waiting at the door, desiring to have you, but do not let it be your master.
Darby English Bible (DBY)
If thou doest well, will not [thy countenance] look up [with confidence]? and if thou doest not well, sin lieth at the door; and unto thee [shall be] his desire, and thou shalt rule over him.
Webster's Bible (WBT)
If thou doest well, shalt thou not be accepted? and if thou doest not well, sin lieth at the door. And to thee shall be his desire, and thou shalt rule over him.
World English Bible (WEB)
If you do well, will it not be lifted up? If you don't do well, sin crouches at the door. Its desire is for you, but you are to rule over it."
Young's Literal Translation (YLT)
Is there not, if thou dost well, acceptance? and if thou dost not well, at the opening a sin-offering is crouching, and unto thee its desire, and thou rulest over it.'
| If | הֲל֤וֹא | hălôʾ | huh-LOH |
| thou doest well, | אִם | ʾim | eem |
| shalt thou not | תֵּיטִיב֙ | têṭîb | tay-TEEV |
| accepted? be | שְׂאֵ֔ת | śĕʾēt | seh-ATE |
| and if | וְאִם֙ | wĕʾim | veh-EEM |
| thou doest not | לֹ֣א | lōʾ | loh |
| well, | תֵיטִ֔יב | têṭîb | tay-TEEV |
| sin | לַפֶּ֖תַח | lappetaḥ | la-PEH-tahk |
| lieth | חַטָּ֣את | ḥaṭṭāt | ha-TAHT |
| at the door. | רֹבֵ֑ץ | rōbēṣ | roh-VAYTS |
| And unto thee | וְאֵלֶ֙יךָ֙ | wĕʾēlêkā | veh-ay-LAY-HA |
| desire, his be shall | תְּשׁ֣וּקָת֔וֹ | tĕšûqātô | teh-SHOO-ka-TOH |
| and thou | וְאַתָּ֖ה | wĕʾattâ | veh-ah-TA |
| shalt rule | תִּמְשָׁל | timšāl | teem-SHAHL |
| over him. | בּֽוֹ׃ | bô | boh |
Cross Reference
याकूब 1:15
फिर अभिलाषा गर्भवती होकर पाप को जनती है और पाप जब बढ़ जाता है तो मृत्यु को उत्पन्न करता है।
रोमियो 7:8
परन्तु पाप ने अवसर पाकर आज्ञा के द्वारा मुझ में सब प्रकार का लालच उत्पन्न किया, क्योंकि बिना व्यवस्था पाप मुर्दा है।
यशायाह 3:10
धर्मियों से कहो कि उनका भला होगा, क्योंकि उसके कामों का फल उसको मिलेगा।
मलाकी 1:13
फिर तुम यह भी कहते हो, कि यह कैसा बड़ा उपद्रव है! सेनाओं के यहोवा का यह वचन है। तुम ने उस भोजनवस्तु के प्रति नाक भौं सिकोड़ी, और अत्याचार से प्राप्त किए हुए और लंगड़े और रोगी पशु की भेंट ले आते हो! क्या मैं ऐसी भेंट तुम्हारे हाथ से ग्रहण करूं? यहोवा का यही वचन है।
रोमियो 2:6
वह हर एक को उसके कामों के अनुसार बदला देगा।
रोमियो 6:16
क्या तुम नहीं जानते, कि जिस की आज्ञा मानने के लिये तुम अपने आप को दासों की नाईं सौंप देते हो, उसी के दास हो: और जिस की मानते हो, चाहे पाप के, जिस का अन्त मृत्यु है, चाहे आज्ञा मानने के, जिस का अन्त धामिर्कता है
इब्रानियों 11:4
विश्वास की से हाबिल ने कैन से उत्तम बलिदान परमेश्वर के लिये चढ़ाया; और उसी के द्वारा उसके धर्मी होने की गवाही भी दी गई: क्योंकि परमेश्वर ने उस की भेंटों के विषय में गवाही दी; और उसी के द्वारा वह मरने पर भी अब तक बातें करता है।
रोमियो 12:1
इसलिये हे भाइयों, मैं तुम से परमेश्वर की दया स्मरण दिला कर बिनती करता हूं, कि अपने शरीरों को जीवित, और पवित्र, और परमेश्वर को भावता हुआ बलिदान करके चढ़ाओ: यही तुम्हारी आत्मिक सेवा है।
मलाकी 1:10
भला होता कि तुम में से कोई मन्दिर के किवाड़ों को बन्द करता कि तुम मेरी वेदी पर व्यर्थ आग जलाने न पाते! सेनाओं के यहोवा का यह वचन है, मैं तुम से कदापि प्रसन्न नहीं हूं, और न तुम्हारे हाथ से भेंट ग्रहण करूंगा।
1 पतरस 2:5
तुम भी आप जीवते पत्थरों की नाईं आत्मिक घर बनते जाते हो, जिस से याजकों का पवित्र समाज बन कर, ऐसे आत्मिक बलिदान चढ़ाओ, जो यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर को ग्राह्य हों।
प्रेरितों के काम 10:35
अब मुझे निश्चय हुआ, कि परमेश्वर किसी का पक्ष नहीं करता, वरन हर जाति में जो उस से डरता और धर्म के काम करता है, वह उसे भाता है।
मलाकी 1:8
जब तुम अन्धे पशु को बलि करने के लिये समीप ले आते हो तो क्या यह बुरा नहीं? और जब तुम लंगड़े वा रोगी पशु को ले आते हो, तो क्या यह बुरा नहीं? अपने हाकिम के पास ऐसी भेंट ले आओ; क्या वह तुम से प्रसन्न होगा वा तुम पर अनुग्रह करेगा? सेनाओं के यहोवा का यही वचन है॥
यिर्मयाह 6:20
मेरे लिये जो लोबान शबा से, और सुगन्धित नरकट जो दूर देश से आता है, इसका क्या प्रयोजन है? तुम्हारे होमबलियों से मैं प्रसन्न नहीं हूँ, और न तुम्हारे मेलबलि मुझे मीठे लगते हैं।
नीतिवचन 21:27
दुष्टों का बलिदान घृणित लगता है; विशेष कर के जब वह महापाप के निमित्त चढ़ाता है।
सभोपदेशक 8:12
चाहे पापी सौ बार पाप करे अपने दिन भी बढ़ाए, तौभी मुझे निश्चय है कि जो परमेश्वर से डरते हैं और अपने तईं उसको सम्मुख जानकर भय से चलते हैं, उनका भला ही होगा;
उत्पत्ति 3:16
फिर स्त्री से उसने कहा, मैं तेरी पीड़ा और तेरे गर्भवती होने के दु:ख को बहुत बढ़ाऊंगा; तू पीड़ित हो कर बालक उत्पन्न करेगी; और तेरी लालसा तेरे पति की ओर होगी, और वह तुझ पर प्रभुता करेगा।
उत्पत्ति 4:8
तब कैन ने अपने भाई हाबिल से कुछ कहा: और जब वे मैदान में थे, तब कैन ने अपने भाई हाबिल पर चढ़ कर उसे घात किया।
उत्पत्ति 19:21
उसने उससे कहा, देख, मैं ने इस विषय में भी तेरी बिनती अंगीकार की है, कि जिस नगर की चर्चा तू ने की है, उसको मैं नाश न करूंगा।
गिनती 32:23
और यदि तुम ऐसा न करो, तो यहोवा के विरुद्ध पापी ठहरोगे; और जान रखो कि तुम को तुम्हारा पाप लगेगा।
2 शमूएल 24:23
यह सब अरौना ने राजा को दे दिया। फिर अरौना ने राजा से कहा, तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ से प्रसन्न होए।
2 राजा 8:28
और वह अहाब के पुत्र योराम के संग गिलाद के रामोत में अराम के राजा हजाएल से लड़ने को गया, और अरामियों ने योराम को घायल किया।
अय्यूब 29:4
वे तो मेरी जवानी के दिन थे, जब ईश्वर की मित्रता मेरे डेरे पर प्रगट होती थी।
अय्यूब 42:8
इसलिये अब तुम सात बैल और सात मेढ़े छांट कर मेरे दास अय्यूब के पास जा कर अपने निमित्त होमबलि चढ़ाओ, तब मेरा दास अय्यूब तुम्हारे लिये प्रार्थना करेगा, क्योंकि उसी की मैं ग्रहण करूंगा; और नहीं, तो मैं तुम से तुम्हारी मूढ़ता के योग्य बर्ताव करूंगा, क्योंकि तुम लोगों ने मेरे विषय मेरे दास अय्यूब की सी ठीक बात नहीं कही।
नीतिवचन 18:5
दुष्ट का पक्ष करना, और धर्मी का हक मारना, अच्छा नहीं है।
1 तीमुथियुस 5:4
और यदि किसी विधवा के लड़के बाले या नाती पोते हों, तो वे पहिले अपने ही घराने के साथ भक्ति का बर्ताव करना, और अपने माता-पिता आदि को उन का हक देना सीखें, क्योंकि यह परमेश्वर को भाता है।
इफिसियों 1:6
कि उसके उस अनुग्रह की महिमा की स्तुति हो, जिसे उस ने हमें उस प्यारे में सेंत मेंत दिया।
रोमियो 15:16
कि मैं अन्याजातियों के लिये मसीह यीशु का सेवक होकर परमेश्वर के सुसमाचार की सेवा याजक की नाईं करूं; जिस से अन्यजातियों का मानों चढ़ाया जाना, पवित्र आत्मा से पवित्र बनकर ग्रहण किया जाए।