Genesis 12:10
और उस देश में अकाल पड़ा: और अब्राम मिस्र देश को चला गया कि वहां परदेशी हो कर रहे -- क्योंकि देश में भयंकर अकाल पड़ा था।
Genesis 12:10 in Other Translations
King James Version (KJV)
And there was a famine in the land: and Abram went down into Egypt to sojourn there; for the famine was grievous in the land.
American Standard Version (ASV)
And there was a famine in the land: and Abram went down into Egypt to sojourn there; for the famine was sore in the land.
Bible in Basic English (BBE)
And because there was little food to be had in that land, he went down into Egypt.
Darby English Bible (DBY)
And there was a famine in the land. And Abram went down to Egypt to sojourn there, for the famine was grievous in the land.
Webster's Bible (WBT)
And there was a famine in the land: and Abram went down into Egypt to dwell there; for the famine was grievous in the land.
World English Bible (WEB)
There was a famine in the land. Abram went down into Egypt to live as a foreigner there, for the famine was sore in the land.
Young's Literal Translation (YLT)
And there is a famine in the land, and Abram goeth down towards Egypt to sojourn there, for the famine `is' grievous in the land;
| And there was | וַיְהִ֥י | wayhî | vai-HEE |
| a famine | רָעָ֖ב | rāʿāb | ra-AV |
| land: the in | בָּאָ֑רֶץ | bāʾāreṣ | ba-AH-rets |
| and Abram | וַיֵּ֨רֶד | wayyēred | va-YAY-red |
| went down | אַבְרָ֤ם | ʾabrām | av-RAHM |
| Egypt into | מִצְרַ֙יְמָה֙ | miṣraymāh | meets-RA-MA |
| to sojourn | לָג֣וּר | lāgûr | la-ɡOOR |
| there; | שָׁ֔ם | šām | shahm |
| for | כִּֽי | kî | kee |
| famine the | כָבֵ֥ד | kābēd | ha-VADE |
| was grievous | הָֽרָעָ֖ב | hārāʿāb | ha-ra-AV |
| in the land. | בָּאָֽרֶץ׃ | bāʾāreṣ | ba-AH-rets |
Cross Reference
उत्पत्ति 43:1
और अकाल देश में और भी भयंकर होता गया।
प्रेरितों के काम 14:22
और चेलों के मन को स्थिर करते रहे और यह उपदेश देते थे, कि हमें बड़े क्लेश उठाकर परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना होगा।
प्रेरितों के काम 7:11
तब मिसर और कनान के सारे देश में अकाल पडा; जिस से भारी क्लेश हुआ, और हमारे बाप दादों को अन्न नहीं मिलता था।
यूहन्ना 16:33
मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्ति मिले; संसार में तुम्हें क्लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीन लिया है॥
यिर्मयाह 14:1
यहोवा का वचन जो यिर्मयाह के पास सूखे वर्ष के विषय में पहुंचा:
भजन संहिता 107:34
वह फलवन्त भूमि को नोनी करता है, यह वहां के रहने वालों की दुष्टता के कारण होता है।
भजन संहिता 105:13
वे एक जाति से दूसरी जाति में, और एक राज्य से दूसरे राज्य में फिरते रहे;
भजन संहिता 34:19
धर्मी पर बहुत सी विपत्तियां पड़ती तो हैं, परन्तु यहोवा उसको उन सब से मुक्त करता है।
2 राजा 8:1
जिस स्त्री के बेटे को एलीशा ने जिलाया था, उस से उसने कहा था कि अपने घराने समेत यहां से जा कर जहां कहीं तू रह सके वहां रह; क्योंकि यहोवा की इच्छा है कि अकाल पड़े, और वह इस देश में सात वर्ष तक बना रहेगा।
2 राजा 7:1
तब एलीशा ने कहा, यहोवा का वचन सुनो, यहोवा यों कहता है, कि कल इसी समय शोमरोन के फाटक में सआ भर मैदा एक शेकेल में और दो सआ जव भी एक शेकेल में बिकेगा।
2 राजा 6:25
तब शोमरोन में बड़ा अकाल पड़ा और वह ऐसा घिरा रहा, कि अन्त में एक गदहे का सिर चान्दी के अस्सी टुकड़ों में और कब की चौथाई भर कबूतर की बीट पांच टुकड़े चान्दी तक बिकने लगी।
2 राजा 4:38
तब एलीशा गिलगाल को लौट गया। उस समय देश में अकाल था, और भविष्यद्वक्ताओं के चेले उसके साम्हने बैटे हुए थे, और उसने अपने सेवक से कहा, हण्डा चढ़ा कर भविष्यद्वक्ताओं के चेलों के लिये कुछ पका।
1 राजा 17:1
और तिशबी एलिय्याह जो गिलाद के परदेसियों में से था उसने अहाब से कहा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा जिसके सम्मुख मैं उपस्थित रहता हूँ, उसके जीवन की शपथ इन वर्षों में मेरे बिना कहे, न तो मेंह बरसेगा, और न ओस पड़ेगी।
2 शमूएल 21:1
दाऊद के दिनों में लगातार तीन बरस तक अकाल पड़ा; तो दाऊद ने यहोवा से प्रार्थना की। यहोवा ने कहा, यह शाऊल और उसके खूनी घराने के कारण हुआ, क्योंकि उसने गिबोनियों को मरवा डाला था।
रूत 1:1
जिन दिनों में न्यायी लोग न्याय करते थे उन दिनों में देश में अकाल पड़ा, तब यहूदा के बेतलेहेम का एक पुरूष अपनी स्त्री और दोनों पुत्रों को संग ले कर मोआब के देश में परदेशी हो कर रहने के लिये चला।
उत्पत्ति 47:13
और उस सारे देश में खाने को कुछ न रहा; क्योंकि अकाल बहुत भारी था, और अकाल के कारण मिस्र और कनान दोनों देश नाश हो गए।
उत्पत्ति 46:3
उसने कहा, मैं ईश्वर तेरे पिता का परमेश्वर हूं, तू मिस्र में जाने से मत डर; क्योंकि मैं तुझ से वहां एक बड़ी जाति बनाऊंगा।
उत्पत्ति 42:5
सो जो लोग अन्न मोल लेने आए उनके साथ इस्राएल के पुत्र भी आए; क्योंकि कनान देश में भी भारी अकाल था।
उत्पत्ति 26:1
और उस देश में अकाल पड़ा, वह उस पहिले अकाल से अलग था जो इब्राहीम के दिनों में पड़ा था। सो इसहाक गरार को पलिश्तियों के राजा अबीमेलेक के पास गया।