Ecclesiastes 12:13
सब कुछ सुना गया; अन्त की बात यह है कि परमेश्वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर; क्योंकि मनुष्य का सम्पूर्ण कर्त्तव्य यही है।
Ecclesiastes 12:13 in Other Translations
King James Version (KJV)
Let us hear the conclusion of the whole matter: Fear God, and keep his commandments: for this is the whole duty of man.
American Standard Version (ASV)
`This is' the end of the matter; all hath been heard: fear God, and keep his commandments; for this is the whole `duty' of man.
Bible in Basic English (BBE)
This is the last word. All has been said. Have fear of God and keep his laws; because this is right for every man.
Darby English Bible (DBY)
Let us hear the end of the whole matter: Fear God, and keep his commandments; for this is the whole of man.
World English Bible (WEB)
This is the end of the matter. All has been heard. Fear God, and keep his commandments; for this is the whole duty of man.
Young's Literal Translation (YLT)
The end of the whole matter let us hear: -- `Fear God, and keep His commands, for this `is' the whole of man.
| Let us hear | ס֥וֹף | sôp | sofe |
| the conclusion | דָּבָ֖ר | dābār | da-VAHR |
| whole the of | הַכֹּ֣ל | hakkōl | ha-KOLE |
| matter: | נִשְׁמָ֑ע | nišmāʿ | neesh-MA |
| Fear | אֶת | ʾet | et |
| הָאֱלֹהִ֤ים | hāʾĕlōhîm | ha-ay-loh-HEEM | |
| God, | יְרָא֙ | yĕrāʾ | yeh-RA |
| keep and | וְאֶת | wĕʾet | veh-ET |
| his commandments: | מִצְוֹתָ֣יו | miṣwōtāyw | mee-ts-oh-TAV |
| for | שְׁמ֔וֹר | šĕmôr | sheh-MORE |
| this | כִּי | kî | kee |
| whole the is | זֶ֖ה | ze | zeh |
| duty of man. | כָּל | kāl | kahl |
| הָאָדָֽם׃ | hāʾādām | ha-ah-DAHM |
Cross Reference
व्यवस्थाविवरण 10:12
और अब, हे इस्राएल, तेरा परमेश्वर यहोवा तुझ से इसके सिवाय और क्या चाहता है, कि तू अपने परमेश्वर यहोवा का भय मानें, और उसके सारे मार्गों पर चले, उस से प्रेम रखे, और अपने पूरे मन और अपने सारे प्राण से उसकी सेवा करे,
सभोपदेशक 5:7
क्योंकि स्वप्नों की अधिकता से व्यर्थ बातों की बहुतायत होती है: परन्तु तू परमेश्वर को भय मानना॥
व्यवस्थाविवरण 6:2
और तू और तेरा बेटा और तेरा पोता यहोवा का भय मानते हुए उसकी उन सब विधियों और आज्ञाओं पर, जो मैं तुझे सुनाता हूं, अपने जीवन भर चलते रहें, जिस से तू बहुत दिन तक बना रहे।
मीका 6:8
हे मनुष्य, वह तुझे बता चुका है कि अच्छा क्या है; और यहोवा तुझ से इसे छोड़ और क्या चाहता है, कि तू न्याय से काम करे, और कृपा से प्रीति रखे, और अपने परमेश्वर के साथ नम्रता से चले?
सभोपदेशक 8:12
चाहे पापी सौ बार पाप करे अपने दिन भी बढ़ाए, तौभी मुझे निश्चय है कि जो परमेश्वर से डरते हैं और अपने तईं उसको सम्मुख जानकर भय से चलते हैं, उनका भला ही होगा;
भजन संहिता 147:11
यहोवा अपने डरवैयों ही से प्रसन्न होता है, अर्थात उन से जो उसकी करूणा की आशा लगाए रहते हैं॥
नीतिवचन 19:23
यहोवा का भय मानने से जीवन बढ़ता है; और उसका भय मानने वाला ठिकाना पा कर सुखी रहता है; उस पर विपत्ती नहीं पड़ने की।
सभोपदेशक 6:12
क्योंकि मनुष्य के क्षणिक व्यर्थ जीवन में जो वह परछाईं की नाईं बिताता है कौन जानता है कि उसके लिये अच्छा क्या है? क्योंकि मनुष्य को कौन बता सकता है कि उसके बाद दुनिया में क्या होगा?
लूका 1:50
और उस की दया उन पर, जो उस से डरते हैं, पीढ़ी से पीढ़ी तक बनी रहती है।
भजन संहिता 145:19
वह अपने डरवैयों की इच्छा पूरी करता है, ओर उनकी दोहाई सुन कर उनका उद्धार करता है।
भजन संहिता 111:10
बुद्धि का मूल यहोवा का भय है; जितने उसकी आज्ञाओं को मानते हैं, उनकी बुद्धि अच्छी होती है। उसकी स्तुति सदा बनी रहेगी॥
अय्यूब 28:28
तब उस न मनुष्य से कहा, देख, प्रभु का भय मानना यही बुद्धि है: और बुराई से दूर रहना यही समझ है।
व्यवस्थाविवरण 4:2
जो आज्ञा मैं तुम को सुनाता हूं उस में न तो कुछ बढ़ाना, और न कुछ घटाना; तुम्हारे परमेश्वर यहोवा की जो जो आज्ञा मैं तुम्हें सुनाता हूं उन्हें तुम मानना।
उत्पत्ति 22:12
उसने कहा, उस लड़के पर हाथ मत बढ़ा, और न उससे कुछ कर: क्योंकि तू ने जो मुझ से अपने पुत्र, वरन अपने एकलौते पुत्र को भी, नहीं रख छोड़ा; इस से मैं अब जान गया कि तू परमेश्वर का भय मानता है।
भजन संहिता 115:13
क्या छोटे क्या बड़े जितने यहोवा के डरवैये हैं, वह उन्हें आशीष देगा॥
नीतिवचन 1:7
यहोवा का भय मानना बुद्धि का मूल है; बुद्धि और शिक्षा को मूढ़ ही लोग तुच्छ जानते हैं॥
नीतिवचन 23:17
तू पापियों के विषय मन में डाह न करना, दिन भर यहोवा का भय मानते रहना।
1 पतरस 2:17
सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो॥
प्रकाशित वाक्य 19:5
और सिंहासन में से एक शब्द निकला, कि हे हमारे परमेश्वर से सब डरने वाले दासों, क्या छोटे, क्या बड़े; तुम सब उस की स्तुति करो।
सभोपदेशक 2:3
मैं ने मन में सोचा कि किस प्रकार से मेरी बुद्धि बनी रहे और मैं अपने प्राण को दाखमधु पीने से क्योंकर बहलाऊं और क्योंकर मूर्खता को थामे रहूं, जब तक मालूम न करूं कि वह अच्छा काम कौन सा है जिसे मनुष्य जीवन भर करता रहे।