3 John 1:9
मैं ने मण्डली को कुछ लिखा था; पर दियुत्रिफेस जो उन में बड़ा बनना चाहता है, हमें ग्रहण नहीं करता।
3 John 1:9 in Other Translations
King James Version (KJV)
I wrote unto the church: but Diotrephes, who loveth to have the preeminence among them, receiveth us not.
American Standard Version (ASV)
I wrote somewhat unto the church: but Diotrephes, who loveth to have the preeminence among them, receiveth us not.
Bible in Basic English (BBE)
I sent a letter to the church, but Diotrephes, whose desire is ever to have the first place among them, will not have us there.
Darby English Bible (DBY)
I wrote something to the assembly; but Diotrephes, who loves to have the first place among them, receives us not.
World English Bible (WEB)
I wrote to the assembly, but Diotrephes, who loves to be first among them, doesn't accept what we say.
Young's Literal Translation (YLT)
I did write to the assembly, but he who is loving the first place among them -- Diotrephes -- doth not receive us;
| I wrote unto | ἔγραψα | egrapsa | A-gra-psa |
| the | τῇ | tē | tay |
| church: | ἐκκλησίᾳ· | ekklēsia | ake-klay-SEE-ah |
| but | ἀλλ' | all | al |
| Diotrephes, | ὁ | ho | oh |
| the have to loveth who | φιλοπρωτεύων | philoprōteuōn | feel-oh-proh-TAVE-one |
| preeminence | αὐτῶν | autōn | af-TONE |
| among them, | Διοτρεφὴς | diotrephēs | thee-oh-tray-FASE |
| receiveth | οὐκ | ouk | ook |
| us | ἐπιδέχεται | epidechetai | ay-pee-THAY-hay-tay |
| not. | ἡμᾶς | hēmas | ay-MAHS |
Cross Reference
तीतुस 1:7
क्योंकि अध्यक्ष को परमेश्वर का भण्डारी होने के कारण निर्दोष होना चाहिए; न हठी, न क्रोधी, न पियक्कड़, न मार पीट करने वाला, और न नीच कमाई का लोभी।
रोमियो 12:10
भाईचारे के प्रेम से एक दूसरे पर दया रखो; परस्पर आदर करने में एक दूसरे से बढ़ चलो।
लूका 22:24
उन में यह वाद-विवाद भी हुआ; कि हम में से कौन बड़ा समझा जाता है
लूका 9:48
और उन से कहा; जो कोई मेरे नाम से इस बालक को ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो कोई मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजने वाले को ग्रहण करता है क्योंकि जो तुम में सब से छोटे से छोटा है, वही बड़ा है।
मरकुस 10:35
तब जब्दी के पुत्र याकूब और यूहन्ना ने उसके पास आकर कहा, हे गुरू, हम चाहते हैं, कि जो कुछ हम तुझ से मांगे, वही तू हमारे लिये करे।
मरकुस 9:34
वे चुप रहे, क्योंकि मार्ग में उन्होंने आपस में यह वाद-विवाद किया था, कि हम में से बड़ा कौन है?
मत्ती 23:4
वे एक ऐसे भारी बोझ को जिन को उठाना कठिन है, बान्धकर उन्हें मनुष्यों के कन्धों पर रखते हैं; परन्तु आप उन्हें अपनी उंगली से भी सरकाना नहीं चाहते।
मत्ती 20:20
तब जब्दी के पुत्रों की माता ने अपने पुत्रों के साथ उसके पास आकर प्रणाम किया, और उस से कुछ मांगने लगी।
मत्ती 10:40
जो तुम्हें ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो मुझे ग्रहण करता है, वह मेरे भेजने वाले को ग्रहण करता है।
3 यूहन्ना 1:8
इसलिये ऐसों का स्वागत करना चाहिए, जिस से हम भी सत्य के पक्ष में उन के सहकर्मी हों॥
फिलिप्पियों 2:3
विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो।
मरकुस 9:37
जो कोई मेरे नाम से ऐसे बालकों में से किसी एक को भी ग्रहण करता है, वह मुझे ग्रहण करता है; और जो कोई मुझे ग्रहण करता, वह मुझे नहीं, वरन मेरे भेजने वाले को ग्रहण करता है॥