1 Timothy 6:4 in Hindi

Hindi Hindi Bible 1 Timothy 1 Timothy 6 1 Timothy 6:4

1 Timothy 6:4
तो वह अभिमानी हो गया, और कुछ नहीं जानता, वरन उसे विवाद और शब्दों पर तर्क करने का रोग है, जिन से डाह, और झगड़े, और निन्दा की बातें, और बुरे बुरे सन्देह।

1 Timothy 6:31 Timothy 61 Timothy 6:5

1 Timothy 6:4 in Other Translations

King James Version (KJV)
He is proud, knowing nothing, but doting about questions and strifes of words, whereof cometh envy, strife, railings, evil surmisings,

American Standard Version (ASV)
he is puffed up, knowing nothing, but doting about questionings and disputes of words, whereof cometh envy, strife, railings, evil surmisings,

Bible in Basic English (BBE)
He has an over-high opinion of himself; being without knowledge, having only an unhealthy love of questionings and wars of words, from which come envy, fighting, cruel words, evil thoughts,

Darby English Bible (DBY)
he is puffed up, knowing nothing, but sick about questions and disputes of words, out of which arise envy, strife, injurious words, evil suspicions,

World English Bible (WEB)
he is conceited, knowing nothing, but obsessed with arguments, disputes, and word battles, from which come envy, strife, reviling, evil suspicions,

Young's Literal Translation (YLT)
he is proud, knowing nothing, but doting about questions and word-striving, out of which doth come envy, strife, evil-speakings, evil-surmisings,

He
is
proud,
τετύφωταιtetyphōtaitay-TYOO-foh-tay
knowing
μηδὲνmēdenmay-THANE
nothing,
ἐπιστάμενοςepistamenosay-pee-STA-may-nose
but
ἀλλὰallaal-LA
doting
νοσῶνnosōnnoh-SONE
about
περὶperipay-REE
questions
ζητήσειςzētēseiszay-TAY-sees
and
καὶkaikay
words,
of
strifes
λογομαχίαςlogomachiasloh-goh-ma-HEE-as
whereof
ἐξexayks

ὧνhōnone
cometh
γίνεταιginetaiGEE-nay-tay
envy,
φθόνοςphthonosFTHOH-nose
strife,
ἔριςerisA-rees
railings,
βλασφημίαιblasphēmiaivla-sfay-MEE-ay
evil
ὑπόνοιαιhyponoiaiyoo-POH-noo-ay
surmisings,
πονηραίponēraipoh-nay-RAY

Cross Reference

1 तीमुथियुस 3:6
फिर यह कि नया चेला न हो, ऐसा न हो, कि अभिमान करके शैतान का सा दण्ड पाए।

1 तीमुथियुस 1:4
और उन ऐसी कहानियों और अनन्त वंशावलियों पर मन न लगाएं, जिन से विवाद होते हैं; और परमेश्वर के उस प्रबन्ध के अनुसार नहीं, जो विश्वास से सम्बन्ध रखता है; वैसे ही फिर भी कहता हूं।

1 तीमुथियुस 1:7
और व्यवस्थापक तो होना चाहते हैं, पर जो बातें कहते और जिन को दृढ़ता से बोलते हैं, उन को समझते भी नहीं।

2 तीमुथियुस 2:14
इन बातों की सुधि उन्हें दिला, और प्रभु के साम्हने चिता दे, कि शब्दों पर तर्क-वितर्क न किया करें, जिन से कुछ लाभ नहीं होता; वरन सुनने वाले बिगड़ जाते हैं।

2 तीमुथियुस 2:23
पर मूर्खता, और अविद्या के विवादों से अलग रह; क्योंकि तू जानता है, कि उन से झगड़े होते हैं।

2 तीमुथियुस 3:4
विश्वासघाती, ढीठ, घमण्डी, और परमेश्वर के नहीं वरन सुखविलास ही के चाहने वाले होंगे।

2 पतरस 2:12
पर ये लोग निर्बुद्धि पशुओं ही के तुल्य हैं, जो पकड़े जाने और नाश होने के लिये उत्पन्न हुए हैं; और जिन बातों को जानते ही नहीं, उन के विषय में औरों को बुरा भला कहते हैं, वे अपनी सड़ाहट में आप ही सड़ जाएंगे।

प्रेरितों के काम 15:2
जब पौलुस और बरनबास का उन से बहुत झगड़ा और वाद-विवाद हुआ तो यह ठहराया गया, कि पौलुस और बरनबास, और हम में से कितने और व्यक्ति इस बात के विषय में यरूशलेम को प्रेरितों और प्राचीनों के पास जांए।

तीतुस 3:9
पर मूर्खता के विवादों, और वंशावलियों, और बैर विरोध, और उन झगड़ों से, जो व्यवस्था के विषय में हों बचा रह; क्योंकि वे निष्फल और व्यर्थ हैं।

यहूदा 1:16
ये तो असंतुष्ट, कुड़कुड़ाने वाले, और अपने अभिलाषाओं के अनुसार चलने वाले हैं; और अपने मुंह से घमण्ड की बातें बोलते हैं; और वे लाभ के लिये मुंह देखी बड़ाई किया करते हैं॥

कुलुस्सियों 2:18
कोई मनुष्य दीनता और स्वर्गदूतों की पूजा करके तुम्हें दौड़ के प्रतिफल से वंचित न करे। ऐसा मनुष्य देखी हुई बातों में लगा रहता है और अपनी शारीरिक समझ पर व्यर्थ फूलता है।

2 थिस्सलुनीकियों 2:4
जो विरोध करता है, और हर एक से जो परमेश्वर, या पूज्य कहलाता है, अपने आप को बड़ा ठहराता है, यहां तक कि वह परमेश्वर के मन्दिर में बैठकर अपने आप को परमेश्वर प्रगट करता है।

याकूब 1:19
हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जानते हो: इसलिये हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो।

याकूब 2:14
हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उस से क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है?

याकूब 4:1
तुम में लड़ाइयां और झगड़े कहां से आ गए? क्या उन सुख-विलासों से नहीं जो तुम्हारे अंगों में लड़ते-भिड़ते हैं?

याकूब 4:5
क्या तुम यह समझते हो, कि पवित्र शास्त्र व्यर्थ कहता है जिस आत्मा को उस ने हमारे भीतर बसाया है, क्या वह ऐसी लालसा करता है, जिस का प्रतिफल डाह हो?

1 पतरस 2:1
इसलिये सब प्रकार का बैर भाव और छल और कपट और डाह और बदनामी को दूर करके।

2 पतरस 2:18
वे व्यर्थ घमण्ड की बातें कर करके लुचपन के कामों के द्वारा, उन लोगों को शारीरिक अभिलाषाओं में फंसा लेते हैं, जो भटके हुओं में से अभी निकल ही रहे हैं।

यहूदा 1:10
पर ये लोग जिन बातों को नहीं जानते, उन को बुरा भला कहते हैं; पर जिन बातों को अचेतन पशुओं की नाईं स्वभाव ही से जानते हैं, उन में अपने आप को नाश करते हैं।

प्रकाशित वाक्य 3:17
तू जो कहता है, कि मैं धनी हूं, और धनवान हो गया हूं, और मुझे किसी वस्तु की घटी नहीं, और यह नहीं जानता, कि तू अभागा और तुच्छ और कंगाल और अन्धा, और नंगा है।

प्रेरितों के काम 8:21
इस बात में न तेरा हिस्सा है, न बांटा; क्योंकि तेरा मन परमेश्वर के आगे सीधा नहीं।

फिलिप्पियों 2:14
सब काम बिना कुड़कुड़ाए और बिना विवाद के किया करो।

फिलिप्पियों 2:3
विरोध या झूठी बड़ाई के लिये कुछ न करो पर दीनता से एक दूसरे को अपने से अच्छा समझो।

फिलिप्पियों 1:15
कितने तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कितने भली मनसा से।

रोमियो 13:13
जैसा दिन को सोहता है, वैसा ही हम सीधी चाल चलें; न कि लीला क्रीड़ा, और पियक्कड़पन, न व्यभिचार, और लुचपन में, और न झगड़े और डाह में।

रोमियो 12:16
आपस में एक सा मन रखो; अभिमानी न हो; परन्तु दीनों के साथ संगति रखो; अपनी दृष्टि में बुद्धिमान न हो।

रोमियो 2:8
पर जो विवादी हैं, और सत्य को नहीं मानते, वरन अधर्म को मानते हैं, उन पर क्रोध और कोप पड़ेगा।

प्रेरितों के काम 18:15
परन्तु यदि यह वाद-विवाद शब्दों, और नामों, और तुम्हारे यहां की व्यवस्था के विषय में है, तो तुम ही जानो; क्योंकि मैं इन बातों का न्यायी बनना नहीं चाहता।

प्रेरितों के काम 8:9
इस से पहिले उस नगर में शमौन नाम एक मनुष्य था, जो टोना करके सामरिया के लोगों को चकित करता और अपने आप को कोई बड़ा पुरूष बनाता यां

यशायाह 58:4
सुनो, तुम्हारे उपवास का फल यह होता है कि तुम आपस में लड़ते और झगड़ते और दुष्टता से घूंसे मारते हो। जैसा उपवास तुम आजकल रखते हो, उस से तुम्हारी प्रार्थना ऊपर नहीं सुनाई देगी।

नीतिवचन 26:12
यदि तू ऐसा मनुष्य देखे जो अपनी दृष्टि में बुद्धिमान बनता हो, तो उस से अधिक आशा मूर्ख ही से है।

नीतिवचन 25:14
जैसे बादल और पवन बिना दृष्टि निर्लाभ होते हैं, वैसे ही झूठ-मूठ दान देने वाले का बड़ाई मारना होता है॥

रोमियो 14:1
जो विश्वास में निर्बल है, उसे अपनी संगति में ले लो; परन्तु उसी शंकाओं पर विवाद करने के लिये नहीं।

1 कुरिन्थियों 3:3
क्योंकि अब तक शारीरिक हो, इसलिये, कि जब तुम में डाह और झगड़ा है, तो क्या तुम शारीरिक नहीं? और मनुष्य की रीति पर नहीं चलते?

1 कुरिन्थियों 3:18
कोई अपने आप को धोखा न दे: यदि तुम में से कोई इस संसार में अपने आप को ज्ञानी समझे, तो मूर्ख बने; कि ज्ञानी हो जाए।

गलातियों 6:3
क्योंकि यदि कोई कुछ न होने पर भी अपने आप को कुछ समझता है, तो अपने आप को धोखा देता है।

गलातियों 5:26
हम घमण्डी होकर न एक दूसरे को छेड़ें, और न एक दूसरे से डाह करें।

गलातियों 5:20
मूर्ति पूजा, टोना, बैर, झगड़ा, ईर्ष्या, क्रोध, विरोध, फूट, विधर्म।

गलातियों 5:15
पर यदि तुम एक दूसरे को दांत से काटते और फाड़ खाते हो, तो चौकस रहो, कि एक दूसरे का सत्यानाश न कर दो॥

2 कुरिन्थियों 11:20
क्योंकि जब तुम्हें कोई दास बना लेता है, या खा जाता है, या फसा लेता है, या अपने आप को बड़ा बनाता है, या तुम्हारे मुंह पर थप्पड़ मारता है, तो तुम सह लेते हो।

1 कुरिन्थियों 11:18
क्योंकि पहिले तो मैं यह सुनता हूं, कि जब तुम कलीसिया में इकट्ठे हाते हो, तो तुम में फूट होती है और मैं कुछ कुछ प्रतीति भी करता हूं।

1 कुरिन्थियों 11:16
परन्तु यदि कोई विवाद करना चाहे, तो यह जाने कि न हमारी और न परमेश्वर की कलीसियों की ऐसी रीति है॥

1 कुरिन्थियों 8:1
अब मूरतों के साम्हने बलि की हुई वस्तुओं के विषय में हम जानते हैं, कि हम सब को ज्ञान है: ज्ञान घमण्ड उत्पन्न करता है, परन्तु प्रेम से उन्नति होती है।

नीतिवचन 13:7
कोई तो धन बटोरता, परन्तु उसके पास कुछ नहीं रहता, और कोई धन उड़ा देता, तौभी उसके पास बहुत रहता है।