Romans 8:6 in Hindi

Hindi Hindi Bible Romans Romans 8 Romans 8:6

Romans 8:6
शरीर पर मन लगाना तो मृत्यु है, परन्तु आत्मा पर मन लगाना जीवन और शान्ति है।

Romans 8:5Romans 8Romans 8:7

Romans 8:6 in Other Translations

King James Version (KJV)
For to be carnally minded is death; but to be spiritually minded is life and peace.

American Standard Version (ASV)
For the mind of the flesh is death; but the mind of the Spirit is life and peace:

Bible in Basic English (BBE)
For the mind of the flesh is death, but the mind of the Spirit is life and peace:

Darby English Bible (DBY)
For the mind of the flesh [is] death; but the mind of the Spirit life and peace.

World English Bible (WEB)
For the mind of the flesh is death, but the mind of the Spirit is life and peace;

Young's Literal Translation (YLT)
for the mind of the flesh `is' death, and the mind of the Spirit -- life and peace;


τὸtotoh
For
γὰρgargahr
to
be

φρόνημαphronēmaFROH-nay-ma
carnally
τῆςtēstase
minded
σαρκὸςsarkossahr-KOSE
is
death;
θάνατοςthanatosTHA-na-tose

τὸtotoh
but
δὲdethay
to
be

φρόνημαphronēmaFROH-nay-ma
spiritually
τοῦtoutoo
minded
πνεύματοςpneumatosPNAVE-ma-tose
is
life
ζωὴzōēzoh-A
and
καὶkaikay
peace.
εἰρήνη·eirēnēee-RAY-nay

Cross Reference

Galatians 6:8
क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा।

Romans 8:13
क्योंकि यदि तुम शरीर के अनुसार दिन काटोगे, तो मरोगे, यदि आत्मा से देह की क्रीयाओं को मारोगे, तो जीवित रहोगे।

Romans 13:14
वरन प्रभु यीशु मसीह को पहिन लो, और शरीर की अभिलाशाओं को पूरा करने का उपाय न करो।

Romans 6:21
सो जिन बातों से अब तुम लज्ज़ित होते हो, उन से उस समय तुम क्या फल पाते थे?

Romans 8:7
क्योंकि शरीर पर मन लगाना तो परमेश्वर से बैर रखना है, क्योंकि न तो परमेश्वर की व्यवस्था के आधीन है, और न हो सकता है।

Romans 5:10
क्योंकि बैरी होने की दशा में तो उसके पुत्र की मृत्यु के द्वारा हमारा मेल परमेश्वर के साथ हुआ फिर मेल हो जाने पर उसके जीवन के कारण हम उद्धार क्यों न पाएंगे?

James 1:14
परन्तु प्रत्येक व्यक्ति अपनी ही अभिलाषा में खिंच कर, और फंस कर परीक्षा में पड़ता है।

Galatians 5:22
पर आत्मा का फल प्रेम, आनन्द, मेल, धीरज,

Romans 7:11
क्योंकि पाप ने अवसर पाकर आज्ञा के द्वारा मुझे बहकाया, और उसी के द्वारा मुझे मार भी डाला।

Romans 7:5
क्योंकि जब हम शारीरिक थे, तो पापों की अभिलाषायें जो व्यवस्था के द्वारा थीं, मृत्यु का फल उत्पन्न करने के लिये हमारे अंगों में काम करती थीं।

Romans 6:23
क्योंकि पाप की मजदूरी तो मृत्यु है, परन्तु परमेश्वर का वरदान हमारे प्रभु मसीह यीशु में अनन्त जीवन है॥

John 14:27
मैं तुम्हें शान्ति दिए जाता हूं, अपनी शान्ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।

Romans 14:17
क्योंकि परमेश्वर का राज्य खाना पीना नहीं; परन्तु धर्म और मिलाप और वह आनन्द है;

Romans 5:1
सो जब हम विश्वास से धर्मी ठहरे, तो अपने प्रभु यीशु मसीह के द्वारा परमेश्वर के साथ मेल रखें।

John 17:5
और अब, हे पिता, तू अपने साथ मेरी महिमा उस महिमा से कर जो जगत के होने से पहिले, मेरी तेरे साथ थी।

John 14:6
यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता।