Psalm 52:1 in Hindi

Hindi Hindi Bible Psalm Psalm 52 Psalm 52:1

Psalm 52:1
हे वीर, तू बुराई करने पर क्यों घमण्ड करता है? ईश्वर की करूणा तो अनन्त है।

Psalm 52Psalm 52:2

Psalm 52:1 in Other Translations

King James Version (KJV)
Why boastest thou thyself in mischief, O mighty man? the goodness of God endureth continually.

American Standard Version (ASV)
Why boastest thou thyself in mischief, O mighty man? The lovingkindness of God `endureth' continually.

Bible in Basic English (BBE)
<To the chief music-maker. Maschil. Of David. When Doeg the Edomite came to Saul saying, David has come to the house of Ahimelech.> Why do you take pride in wrongdoing, lifting yourself up against the upright man all the day?

Darby English Bible (DBY)
{To the chief Musician: an instruction. Of David; when Doeg the Edomite came and told Saul, and said unto him, David came to the house of Ahimelech.} Why boastest thou thyself in evil, thou mighty man? The loving-kindness of ùGod [abideth] continually.

World English Bible (WEB)
> Why do you boast of mischief, mighty man? God's loving kindness endures continually.

Young's Literal Translation (YLT)
To the Overseer. -- An instruction, by David, in the coming in of Doeg the Edomite, and he declareth to Saul, and saith to him, `David came in unto the house of Ahimelech.' What, boasteth thou in evil, O mighty one? The kindness of God `is' all the day.

Why
מַהmama
boastest
תִּתְהַלֵּ֣לtithallēlteet-ha-LALE
thou
thyself
in
mischief,
בְּ֭רָעָהbĕrāʿâBEH-ra-ah
man?
mighty
O
הַגִּבּ֑וֹרhaggibbôrha-ɡEE-bore
the
goodness
חֶ֥סֶדḥesedHEH-sed
of
God
אֵ֝֗לʾēlale
endureth
continually.
כָּלkālkahl
הַיּֽוֹם׃hayyômha-yome

Cross Reference

Psalm 94:4
वे बकते और ढ़िठाई की बातें बोलते हैं, सब अनर्थकारी बड़ाई मारते हैं।

1 Samuel 21:7
उसी दिन वहां दोएग नाम शाऊल का एक कर्मचारी यहोवा के आगे रुका हुआ था; वह एदोमी और शाऊल के चरवाहों का मुखिया था।

Psalm 107:1
यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है!

Psalm 103:17
परन्तु यहोवा की करूणा उसके डरवैयों पर युग युग, और उसका धर्म उनके नाती- पोतों पर भी प्रगट होता रहता है,

Psalm 36:3
उसकी बातें अनर्थ और छल की हैं; उसने बुद्धि और भलाई के काम करने से हाथ उठाया है।

Psalm 54:3
क्योंकि परदेशी मेरे विरुद्ध उठे हैं, और बलात्कारी मेरे प्राण के ग्राहक हुए हैं; उन्होंने परमेश्वर को अपने सम्मुख नहीं जाना॥

Psalm 137:1
बाबुल की नहरों के किनारे हम लोग बैठ गए, और सिय्योन को स्मरण करके रो पड़े!

Proverbs 6:14
उसके मन में उलट फेर की बातें रहतीं, वह लगातार बुराई गढ़ता है और झगड़ा-रगड़ा उत्पन्न करता है।

Proverbs 6:18
अनर्थ कल्पना गढ़ने वाला मन, बुराई करने को वेग दौड़ने वाले पांव,

Isaiah 59:4
कोई धर्म के साथ नालिश नहीं करता, न कोई सच्चाई से मुकद्दमा लड़ता है; वे मिथ्या पर भरोसा रखते हैं और झूठ बातें बकते हैं, उसको मानो उत्पात का गर्भ रहता, और वे अनर्थ को जन्म देते हैं।

Psalm 10:2
दुष्टों के अहंकार के कारण दीन मनुष्य खदेड़े जाते हैं; वे अपनी ही निकाली हुई युक्तियों में फंस जाएं॥

Psalm 7:14
देख दुष्ट को अनर्थ काम की पीड़ाएं हो रही हैं, उसको उत्पात का गर्भ है, और उससे झूठ उत्पन्न हुआ। उसने गड़हा खोदकर उसे गहिरा किया,

1 Samuel 22:9
तब एदोमी दोएग ने, जो शाऊल के सेवकों के ऊपर ठहराया गया था, उत्तर देकर कहा, मैं ने तो यिशै के पुत्र को नोब में अहीतूब के पुत्र अहीमेलेक के पास आते देखा,

Exodus 22:9
चाहे बैल, चाहे गदहे, चाहे भेड़ वा बकरी, चाहे वस्त्र, चाहे किसी प्रकार की ऐसी खोई हुई वस्तु के विषय अपराध क्यों न लगाया जाय, जिसे दो जन अपनी अपनी कहते हों, तो दोनों का मुकद्दमा परमेश्वर के पास आए; और जिस को परमेश्वर दोषी ठहराए वह दूसरे को दूना भर दे॥

Genesis 10:8
और कूश के वंश में निम्रोद भी हुआ; पृथ्वी पर पहिला वीर वही हुआ है।

Genesis 6:4
उन दिनों में पृथ्वी पर दानव रहते थे; और इसके पश्चात जब परमेश्वर के पुत्र मनुष्य की पुत्रियों के पास गए तब उनके द्वारा जो सन्तान उत्पन्न हुए, वे पुत्र शूरवीर होते थे, जिनकी कीर्ति प्राचीन काल से प्रचलित है।

Psalm 59:7
उनके मुंह के भीतर तलवारें हैं, क्योंकि वे कहते हैं, कौन सुनता है?

Jeremiah 9:8
उनकी जीभ काल के तीर के समान बेधने वाली है, उस से छल की बातें निकलती हैं; वे मुंह से तो एक दूसरे से मेल की बात बोलते हैं पर मन ही मन एक दूसरे की घात में लगे रहते हैं।

Micah 7:3
वे अपने दोनों हाथों से मन लगा कर बुराई करते हैं; हाकिम घूस मांगता, और न्यायी घूस लेने को तैयार रहता है, और रईस अपने मन की दुष्टता वर्णन करता है; इसी प्रकार से वे सब मिल कर जालसाजी करते हैं।

Romans 1:30
बदनाम करने वाले, परमेश्वर के देखने में घृणित, औरों का अनादर करने वाले, अभिमानी, डींगमार, बुरी बुरी बातों के बनाने वाले, माता पिता की आज्ञा न मानने वाले।

2 Timothy 3:2
क्योंकि मनुष्य अपस्वार्थी, लोभी, डींगमार, अभिमानी, निन्दक, माता-पिता की आज्ञा टालने वाले, कृतघ्न, अपवित्र।

1 John 4:7
हे प्रियों, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है।

Psalm 10:7
उसका मुंह शाप और छल और अन्धेर से भरा है; उत्पात और अनर्थ की बातें उसके मुंह में हैं।