Psalm 45:1 in Hindi

Hindi Hindi Bible Psalm Psalm 45 Psalm 45:1

Psalm 45:1
मेरा हृदय एक सुन्दर विषय की उमंग से उमण्ड रहा है, जो बात मैं ने राजा के विषय रची है उसको सुनाता हूं; मेरी जीभ निपुण लेखक की लेखनी बनी है।

Psalm 45Psalm 45:2

Psalm 45:1 in Other Translations

King James Version (KJV)
My heart is inditing a good matter: I speak of the things which I have made touching the king: my tongue is the pen of a ready writer.

American Standard Version (ASV)
My heart overfloweth with a goodly matter; I speak the things which I have made touching the king: My tongue is the pen of a ready writer.

Bible in Basic English (BBE)
<To the chief music-maker; put to Shoshannim. Of the sons of Korah. Maschil. A Song of loves.> My heart is flowing over with good things; my words are of that which I have made for a king; my tongue is the pen of a ready writer.

Darby English Bible (DBY)
{To the chief Musician. Upon Shoshannim. Of the sons of Korah. An instruction; -- a song of the Beloved.} My heart is welling forth [with] a good matter: I say what I have composed touching the king. My tongue is the pen of a ready writer.

World English Bible (WEB)
> My heart overflows with a noble theme. I recite my verses for the king. My tongue is like the pen of a skillful writer.

Young's Literal Translation (YLT)
To the Overseer. -- `On the Lilies.' -- By sons of Korah. -- An Instruction. -- A song of loves. My heart hath indited a good thing, I am telling my works to a king, My tongue `is' the pen of a speedy writer.

My
heart
רָ֘חַ֤שׁrāḥašRA-HAHSH
is
inditing
לִבִּ֨י׀libbîlee-BEE
a
good
דָּ֘בָ֤רdābārDA-VAHR
matter:
ט֗וֹבṭôbtove
I
אֹמֵ֣רʾōmēroh-MARE
speak
אָ֭נִיʾānîAH-nee
made
have
I
which
things
the
of
מַעֲשַׂ֣יmaʿăśayma-uh-SAI
touching
the
king:
לְמֶ֑לֶךְlĕmelekleh-MEH-lek
tongue
my
לְ֝שׁוֹנִ֗יlĕšônîLEH-shoh-NEE
is
the
pen
עֵ֤ט׀ʿēṭate
of
a
ready
סוֹפֵ֬רsôpērsoh-FARE
writer.
מָהִֽיר׃māhîrma-HEER

Cross Reference

2 Samuel 23:2
यहोवा का आत्मा मुझ में हो कर बोला, और उसी का वचन मेरे मुंह में आया।

Song of Solomon 1:12
जब राजा अपनी मेज के पास बैठा था मेरी जटामासी की सुगन्ध फैल रही थी।

Psalm 49:3
मेरे मुंह से बुद्धि की बातें निकलेंगी; और मेरे हृदय की बातें समझ की होंगी।

Job 33:3
मेरी बातें मेरे मन की सिधाई प्रगट करेंगी; जो ज्ञान मैं रखता हूं उसे खराई के साथ कहूंगा।

Ezra 7:6
यही एज्रा मूसा की व्यवस्था के विष्य जिसे इस्राएल के परमेश्वर यहोवा ने दी थी, निपुण शास्त्री था। और उसके परमेश्वर यहोवा की कृपादृष्टि जो उस पर रही, इसके कारण राजा ने उसका मुंह मांगा वर दे दिया।

Matthew 12:35
भला, मनुष्य मन के भले भण्डार से भली बातें निकालता है; और बुरा मनुष्य बुरे भण्डार से बुरी बातें निकालता है।

Matthew 25:34
तब राजा अपनी दाहिनी ओर वालों से कहेगा, हे मेरे पिता के धन्य लोगों, आओ, उस राज्य के अधिकारी हो जाओ, जो जगत के आदि से तुम्हारे लिये तैयार किया हुआ है।

Matthew 27:37
और उसका दोषपत्र, उसके सिर के ऊपर लगाया, कि “यह यहूदियों का राजा यीशु है”।

Ephesians 5:32
यह भेद तो बड़ा है; पर मैं मसीह और कलीसिया के विषय में कहता हूं।

2 Peter 1:21
क्योंकि कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से कभी नहीं हुई पर भक्त जन पवित्र आत्मा के द्वारा उभारे जाकर परमेश्वर की ओर से बोलते थे॥

Isaiah 32:1
देखो, एक राजा धर्म से राज्य करेगा, और राजकुमार न्याय से हुकूमत करेंगे।

Isaiah 5:1
अब मैं अपने प्रिय के लिये और उसकी दाख की बारी के विषय में गीत गाऊंगा: एक अति उपजाऊ टीले पर मेरे प्रिय की एक दाख की बरी थी।

Job 32:18
क्योंकि मेरे मन में बातें भरी हैं, और मेरी आत्मा मुझे उभार रही है।

Job 34:4
जो कुछ ठीक है, हम अपने लिये चुन लें; जो भला है, हम आपस में समझ बूझ लें।

Psalm 2:6
मैं तो अपने ठहराए हुए राजा को अपने पवित्र पर्वत सिय्योन की राजगद्दी पर बैठा चुका हूं।

Psalm 24:7
हे फाटकों, अपने सिर ऊंचे करो। हे सनातन के द्वारों, ऊंचे हो जाओ। क्योंकि प्रतापी राजा प्रवेश करेगा।

Psalm 69:1
हे परमेश्वर, मेरा उद्धार कर, मैं जल में डूबा जाता हूं।

Proverbs 8:6
सुनो, क्योंकि मैं उत्तम बातें कहूंगी, और जब मुंह खोलूंगी, तब उस से सीधी बातें निकलेंगी;

Proverbs 16:23
बुद्धिमान का मन उसके मुंह पर भी बुद्धिमानी प्रगट करता है, और उसके वचन में विद्या रहती है।

Song of Solomon 1:1
श्रेष्टगीत जो सुलैमान का है॥

Psalm 110:1
मेरे प्रभु से यहोवा की वाणी यह है, कि तू मेरे दाहिने हाथ बैठ, जब तक मैं तेरे शत्रुओं को तेरे चरणों की चौकी न कर दूं॥

Psalm 80:1
हे इस्त्राएल के चरवाहे, तू जो यूसुफ की अगुवाई भेड़ों की सी करता है, कान लगा! तू जो करूबों पर विराजमान है, अपना तेज दिखा!