Isaiah 42:25
इस कारण उस पर उसने अपने क्रोध की आग भड़काई और युद्ध का बल चलाना; और यद्यिप आग उसके चारों ओर लग गई, तौभी वह न समझा; वह जल भी गया, तौभी न चेता॥
Isaiah 42:25 in Other Translations
King James Version (KJV)
Therefore he hath poured upon him the fury of his anger, and the strength of battle: and it hath set him on fire round about, yet he knew not; and it burned him, yet he laid it not to heart.
American Standard Version (ASV)
Therefore he poured upon him the fierceness of his anger, and the strength of battle; and it set him on fire round about, yet he knew not; and it burned him, yet he laid it not to heart.
Bible in Basic English (BBE)
For this reason he let loose on him the heat of his wrath, and his strength was like a flame; and it put fire round about him, but he did not see it; he was burned, but did not take it to heart.
Darby English Bible (DBY)
And he hath poured upon him the fury of his anger, and the strength of battle: and it set him on fire round about, yet he knew not; and it burned him, yet he took it not to heart.
World English Bible (WEB)
Therefore he poured on him the fierceness of his anger, and the strength of battle; and it set him on fire round about, yet he didn't know; and it burned him, yet he didn't lay it to heart.
Young's Literal Translation (YLT)
And He poureth on him fury, His anger, and the strength of battle, And it setteth him on fire round about, And he hath not known, And it burneth against him, and he layeth it not to heart!
| Therefore he hath poured | וַיִּשְׁפֹּ֤ךְ | wayyišpōk | va-yeesh-POKE |
| upon | עָלָיו֙ | ʿālāyw | ah-lav |
| him the fury | חֵמָ֣ה | ḥēmâ | hay-MA |
| anger, his of | אַפּ֔וֹ | ʾappô | AH-poh |
| and the strength | וֶעֱז֖וּז | weʿĕzûz | veh-ay-ZOOZ |
| of battle: | מִלְחָמָ֑ה | milḥāmâ | meel-ha-MA |
| fire on him set hath it and | וַתְּלַהֲטֵ֤הוּ | wattĕlahăṭēhû | va-teh-la-huh-TAY-hoo |
| round about, | מִסָּבִיב֙ | missābîb | mee-sa-VEEV |
| knew he yet | וְלֹ֣א | wĕlōʾ | veh-LOH |
| not; | יָדָ֔ע | yādāʿ | ya-DA |
| burned it and | וַתִּבְעַר | wattibʿar | va-teev-AR |
| him, yet he laid | בּ֖וֹ | bô | boh |
| it not | וְלֹא | wĕlōʾ | veh-LOH |
| to | יָשִׂ֥ים | yāśîm | ya-SEEM |
| heart. | עַל | ʿal | al |
| לֵֽב׃ | lēb | lave |
Cross Reference
Hosea 7:9
परदेशियों ने उसका बल तोड़ डाला, परन्तु वह इसे नहीं जानता; उसके सिर में कहीं कहीं पके बाल हैं, परन्तु वह इसे भी नहीं जानता।
Isaiah 57:11
तू ने किस के डर से झूठ कहा, और किसका भय मानकर ऐसा किया कि मुझ को स्मरण नहीं रखा न मुझ पर ध्यान दिया? क्या मैं बहुत काल से चुप नहीं रहा? इस कारण तू मेरा भय नहीं मानती।
Isaiah 57:1
धर्मी जन नाश होता है, और कोई इस बात की चिन्ता नहीं करता; भक्त मनुष्य उठा लिए जाते हैं, परन्तु कोई नहीं सोचता। धर्मी जन इसलिये उठा लिया गया कि आने वाली आपत्ति से बच जाए,
2 Kings 25:9
और उसने यहोवा के भवन और राजभवन और यरूशलेम के सब घरों को अर्थात हर एक बड़े घर को आग लगा कर फूंक दिया।
Revelation 16:1
फिर मैं ने मन्दिर में किसी को ऊंचे शब्द से उन सातों स्वर्गदूतों से यह कहते सुना कि जाओ, परमेश्वर के प्रकोप के सातों कटोरों को पृथ्वी पर उंडेल दो॥
Revelation 9:18
इन तीनों मरियों; अर्थात आग, और धुएं, और गन्धक से जो उसके मुंह से निकलती थीं, मनुष्यों की एक तिहाई मार डाली गई।
Malachi 2:2
यदि तुम इसे न सुनो, और मन लगा कर मेरे नाम का आदर न करो, तो सेनाओं का यहोवा यों कहता है कि मैं तुम को शाप दूंगा, और जो वस्तुएं मेरी आशीष से तुम्हें मिलीं हैं, उन पर मेरा शाप पड़ेगा, वरन तुम जो मन नहीं लगाते हो इस कारण मेरा शाप उन पर पड़ चुका है।
Nahum 1:6
उसके क्रोध का साम्हना कौन कर सकता है? और जब उसका क्रोध भड़कता है, तब कौन ठहर सकता है? उसकी जलजलाहट आग की नाईं भड़क जाती है, और चट्टानें उसकी शक्ति से फट फटकर गिरती हैं।
Ezekiel 22:21
मैं तुम को वहां बटोरकर अपने रोष की आग से फूंकूंगा, और तुम उसके बीच में पिघलाए जाओगे।
Ezekiel 20:34
मैं बली हाथ और बढ़ाई हुई भुजा से, और भड़काई हुई जलजलाहट के साथ तुम्हें देश देश के लोगों में से अलग करूंगा, और उन देशें से जिन में तुम तितर-बितर हो गए थे, इकट्ठा करूंगा;
Ezekiel 7:8
अब थोड़े दिनों में मैं अपनी जलजलाहट तुझ पर भड़काऊंगा, और तुझ पर पूरा कोप उण्डेलूंगा और तेरे चालचलन के अनुसार तुझे दण्ड दूंगा। और तेरे सारे घिनौने कामों का फल तुझे भुगताऊंगा।
Jeremiah 5:3
हे यहोवा, क्या तेरी दृष्टि सच्चाई पर नहीं है? तू ने उन को दु:ख दिया, परन्तु वे शोकित नहीं हुए; तू ने उन को नाश किया, परन्तु उन्होंने ताड़ना से भी नहीं माना। उन्होंने अपना मन चट्टान से भी अधिक कठोर किया है; उन्होंने पश्चात्ताप करने से इनकार किया है।
Isaiah 47:7
तू ने कहा, मैं सर्वदा स्वामिन बनी रहूंगी, सो तू ने अपने मन में इन बातों पर विचार न किया और यह भी न सोचा कि उनका क्या फल होगा॥
Isaiah 29:13
और प्रभु ने कहा, ये लोग जो मुंह से मेरा आदर करते हुए समीप आते परन्तु अपना मन मुझ से दूर रखते हैं, और जो केवल मनुष्यों की आज्ञा सुन सुनकर मेरा भय मानते हैं।
Isaiah 9:13
तौभी ये लोग अपने मारने वाले की ओर नहीं फिरे और न सेनाओं के यहोवा की खोज करते हैं।
Psalm 79:5
हे यहोवा, तू कब तक लगातार क्रोध करता रहेगा? तुझ में आग की सी जलन कब तक भड़कती रहेगी?
Deuteronomy 32:22
क्योंकि मेरे कोप की आग भड़क उठी है, जो पाताल की तह तक जलती जाएगी, और पृथ्वी अपनी उपज समेत भस्म हो जाएगी, और पहाड़ों की नेवों में भी आग लगा देगी॥
Leviticus 26:15
और मेरी विधियों को निकम्मा जानोगे, और तुम्हारी आत्मा मेरे निर्णयों से घृणा करे, और तुम मेरी सब आज्ञाओं का पालन न करोगे, वरन मेरी वाचा को तोड़ोगे,