Isaiah 30:28
उसकी सांस ऐसी उमण्डनेवाली नदी के समान है जो गले तक पहुंचती है; वह सब जातियों को नाश के सूप से फटकेगा, और देश देश के लोगों को भटकाने के लिये उनके जभड़ों में लगाम लगाएगा॥
Isaiah 30:28 in Other Translations
King James Version (KJV)
And his breath, as an overflowing stream, shall reach to the midst of the neck, to sift the nations with the sieve of vanity: and there shall be a bridle in the jaws of the people, causing them to err.
American Standard Version (ASV)
and his breath is as an overflowing stream, that reacheth even unto the neck, to sift the nations with the sieve of destruction: and a bridle that causeth to err `shall be' in the jaws of the peoples.
Bible in Basic English (BBE)
And his breath is as an overflowing stream, coming up even to the neck, shaking the nations for their destruction, like the shaking of grain in a basket: and he will put a cord in the mouths of the people, turning them out of their way.
Darby English Bible (DBY)
and his breath as an overflowing torrent, which reacheth even to the neck, to sift the nations with the sieve of destruction, and [to put] a bridle into the jaws of the peoples, that causeth them to go astray.
World English Bible (WEB)
and his breath is as an overflowing stream, that reaches even to the neck, to sift the nations with the sieve of destruction: and a bridle that causes to err [shall be] in the jaws of the peoples.
Young's Literal Translation (YLT)
And His breath `is' as an overflowing stream, Unto the neck it divideth, To sift nations with a sieve of vanity, And a bridle causing to err, `Is' on the jaws of the peoples.
| And his breath, | וְרוּח֞וֹ | wĕrûḥô | veh-roo-HOH |
| as an overflowing | כְּנַ֤חַל | kĕnaḥal | keh-NA-hahl |
| stream, | שׁוֹטֵף֙ | šôṭēp | shoh-TAFE |
| midst the to reach shall | עַד | ʿad | ad |
| of | צַוָּ֣אר | ṣawwār | tsa-WAHR |
| the neck, | יֶֽחֱצֶ֔ה | yeḥĕṣe | yeh-hay-TSEH |
| sift to | לַהֲנָפָ֥ה | lahănāpâ | la-huh-na-FA |
| the nations | גוֹיִ֖ם | gôyim | ɡoh-YEEM |
| sieve the with | בְּנָ֣פַת | bĕnāpat | beh-NA-faht |
| of vanity: | שָׁ֑וְא | šāwĕʾ | SHA-veh |
| and there shall be a bridle | וְרֶ֣סֶן | wĕresen | veh-REH-sen |
| in | מַתְעֶ֔ה | matʿe | maht-EH |
| the jaws | עַ֖ל | ʿal | al |
| of the people, | לְחָיֵ֥י | lĕḥāyê | leh-ha-YAY |
| causing them to err. | עַמִּֽים׃ | ʿammîm | ah-MEEM |
Cross Reference
Isaiah 37:29
इस कारण कि तू मुझ पर अपना क्रोध भड़काता और तेरे अभिमान की बातें मेरे कानों में पड़ी हैं, मैं तेरी नाक में नकेल डालकर और तेरे मुंह में अपनी लगाम लगाकर जिस मार्ग से तू आया है उसी मार्ग से तुझे लौटा दूंगा॥
2 Thessalonians 2:8
तब वह अधर्मी प्रगट होगा, जिसे प्रभु यीशु अपने मुंह की फूंक से मार डालेगा, और अपने आगमन के तेज से भस्म करेगा।
Isaiah 11:4
परन्तु वह कंगालों का न्याय धर्म से, और पृथ्वी के नम्र लोगों का निर्णय खराई से करेगा; और वह पृथ्वी को अपने वचन के सोंटे से मारेगा, और अपने फूंक के झोंके से दुष्ट को मिटा डालेगा।
Isaiah 8:8
और वह यहूदा पर भी चढ़ आएगा, और बढ़ते बढ़ते उस पर चढ़ेगा और गले तक पहुंचेगा; और हे इम्मानुएल, तेरा समस्त देश उसके पंखों के फैलने से ढंप जाएगा॥
Amos 9:9
मेरी आज्ञा से इस्राएल का घराना सब जातियों में ऐसा चाला जाएगा जैसा अन्न चलनी में चाला जाता है, परन्तु उसका एक भी पुष्ट दाना भूमि पर न गिरेगा।
2 Kings 19:28
इस कारण कि तू मुझ पर अपना क्रोध भड़काता और तेरे अभिमान की बातें मेरे कानों में पड़ी हैं; मैं तेरी नाक में अपनी नकेल डाल कर और तेरे मुंह में अपना लगाम लगा कर, जिस मार्ग से तू आया है, उसी से तुझे लोटा दूंगा।
Matthew 3:12
उसका सूप उस के हाथ में है, और वह अपना खलिहान अच्छी रीति से साफ करेगा, और अपने गेहूं को तो खत्ते में इकट्ठा करेगा, परन्तु भूसी को उस आग में जलाएगा जो बुझने की नहीं॥
Luke 22:31
शमौन, हे शमौन, देख, शैतान ने तुम लोगों को मांग लिया है कि गेंहूं की नाईं फटके।
2 Thessalonians 2:11
और इसी कारण परमेश्वर उन में एक भटका देने वाली सामर्थ को भेजेगा ताकि वे झूठ की प्रतीति करें।
Hebrews 4:12
क्योंकि परमेश्वर का वचन जीवित, और प्रबल, और हर एक दोधारी तलवार से भी बहुत चोखा है, और जीव, और आत्मा को, और गांठ गांठ, और गूदे गूदे को अलग करके, वार पार छेदता है; और मन की भावनाओं और विचारों को जांचता है।
Revelation 1:16
और वह अपने दाहिने हाथ में सात तारे लिए हुए था: और उसके मुख से चोखी दोधारी तलवार निकलती थी; और उसका मुंह ऐसा प्रज्वलित था, जैसा सूर्य कड़ी धूप के समय चमकता है।
Revelation 2:16
सो मन फिरा, नहीं तो मैं तेरे पास शीघ्र ही आकर, अपने मुख की तलवार से उन के साथ लडूंगा।
Habakkuk 3:12
तू क्रोध में आकर पृथ्वी पर चल निकला, तू ने जाति जाति को क्रोध से नाश किया।
Hosea 13:3
इस कारण वे भोर के मेघ, तड़के सूख जाने वाली ओस, खलिहान पर से आंधी के मारे उड़ने वाली भूसी, या चिमनी से निकलते हुए धूएं के समान होंगे॥
1 Kings 22:20
तब यहोवा ने पूछा, अहाब को कौन ऐसा बहकाएगा, कि वह गिलाद के रामो पर चढ़ाई करके खेत आए तब किसी ते कुछ, और किसी ने कुछ कहा।
Job 39:17
क्योंकि ईश्वर ने उसको बुद्धिरहित बनाया, और उसे समझने की शक्ति नहीं दी।
Psalm 18:15
तब जल के नाले देख पड़े, और जगत की नेवें प्रगट हुई, यह तो यहोवा तेरी डांट से, और तेरे नथनों की सांस की झोंक से हुआ॥
Psalm 32:9
तुम घोड़े और खच्चर के समान न बनो जो समझ नहीं रखते, उनकी उमंग लगाम और बाग से रोकनी पड़ती है, नहीं तो वे तेरे वश में नहीं आने के॥
Proverbs 26:3
घोड़े के लिये कोड़ा, गदहे के लिये बाग, और मूर्खों की पीठ के लिये छड़ी है।
Isaiah 19:3
और मिस्रियों की बुद्धि मारी जाएगी और मैं उनकी युक्तियों को व्यर्थ कर दूंगा; और वे अपनी मूरतों के पास और ओझों और फुसफुसाने वाले टोन्हों के पास जा जा कर उन से पूछेंगे;
Isaiah 19:12
अब तेरे बुद्धिमान कहां है? सेनाओं के यहोवा ने मिस्र के विषय जो युक्ति की है, उसको यदि वे जानते हों तो तुझे बताएं।
Isaiah 28:17
और मैं न्याय को डोरी और धर्म को साहुल ठहराऊंगा; और तुम्हारा झूठ का शरणस्थान ओलों से बह जाएगा, और तुम्हारे छिपने का स्थान जल से डूब जाएगा।
Isaiah 29:6
और सेनाओं का यहोवा अचानक बादल गरजाता, भूमि को कम्पाता, और महाध्वनि करता, बवण्डर और आंधी चलाता, और नाश करने वाली अग्नि भड़काता हुआ उसके पास आएगा।
Isaiah 33:10
यहोवा कहता है, अब मैं उठूंगा, मैं अपना प्रताप दिखाऊंगा; अब मैं महान ठहरूंगा।
Ezekiel 14:7
क्योंकि इस्राएल के घराने में से और उसके बीच रहने वाले परदेशियों में से भी कोई क्यों न हो, जो मेरे पीछे हो लेना छोड़ कर अपनी मूरतें अपने मन में स्थापित करे, और अपने अधर्म की ठोकर अपने साम्हने रखे, और तब मुझ से अपनी कोई बात पूछने के लिये भविष्यद्वक्ता के पास आए, तो उसको, मैं यहोवा आप ही उत्तर दूंगा।
2 Samuel 17:14
तब अबशालोम और सब इस्राएली पुरुषों ने कहा, एरेकी हूशै की सम्मति अहीतोपेल की सम्मति से उम्तम है। यहोवा ने तो अहीतोपेल की अच्छी सम्मति को निष्फल करने के लिये ठाना था, कि यह अबशालोम ही पर विपत्ति डाले।