2 Chronicles 20:21
तब उसने प्रजा के साथ सम्मति कर के कितनों को ठहराया, जो कि पवित्रता से शोभायमान हो कर हथियारबन्दों के आगे आगे चलते हुए यहोवा के गीत गाएं, और यह कहते हुए उसकी स्तुति करें, कि यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि उसकी करुणा सदा की है।
2 Chronicles 20:21 in Other Translations
King James Version (KJV)
And when he had consulted with the people, he appointed singers unto the LORD, and that should praise the beauty of holiness, as they went out before the army, and to say, Praise the LORD; for his mercy endureth for ever.
American Standard Version (ASV)
And when he had taken counsel with the people, he appointed them that should sing unto Jehovah, and give praise in holy array, as they went out before the army, and say, Give thanks unto Jehovah; for his lovingkindness `endureth' for ever.
Bible in Basic English (BBE)
And after discussion with the people, he put in their places those who were to make melody to the Lord, praising him in holy robes, while they went at the head of the army, and saying, May the Lord be praised, for his mercy is unchanging for ever.
Darby English Bible (DBY)
And he consulted with the people, and appointed singers to Jehovah, and those that should praise in holy splendour, as they went forth before the armed men, and say, Give thanks to Jehovah; for his loving-kindness [endureth] for ever!
Webster's Bible (WBT)
And when he had consulted with the people, he appointed singers to the LORD, and that should praise the beauty of holiness, as they went out before the army, and to say, Praise the LORD; for his mercy endureth for ever.
World English Bible (WEB)
When he had taken counsel with the people, he appointed those who should sing to Yahweh, and give praise in holy array, as they went out before the army, and say, Give thanks to Yahweh; for his loving kindness endures forever.
Young's Literal Translation (YLT)
And he taketh counsel with the people, and appointeth singers to Jehovah, and those giving praise to the honour of holiness, in the going out before the armed `men', and saying, `Give ye thanks to Jehovah, for to the age `is' His kindness.'
| And when he had consulted | וַיִּוָּעַץ֙ | wayyiwwāʿaṣ | va-yee-wa-ATS |
| with | אֶל | ʾel | el |
| the people, | הָעָ֔ם | hāʿām | ha-AM |
| he appointed | וַיַּֽעֲמֵ֤ד | wayyaʿămēd | va-ya-uh-MADE |
| singers | מְשֹֽׁרֲרִים֙ | mĕšōrărîm | meh-shoh-ruh-REEM |
| unto the Lord, | לַֽיהוָ֔ה | layhwâ | lai-VA |
| praise should that and | וּֽמְהַלְלִ֖ים | ûmĕhallîm | oo-meh-hahl-LEEM |
| the beauty | לְהַדְרַת | lĕhadrat | leh-hahd-RAHT |
| holiness, of | קֹ֑דֶשׁ | qōdeš | KOH-desh |
| as they went out | בְּצֵאת֙ | bĕṣēt | beh-TSATE |
| before | לִפְנֵ֣י | lipnê | leef-NAY |
| the army, | הֶֽחָל֔וּץ | heḥālûṣ | heh-ha-LOOTS |
| say, to and | וְאֹֽמְרִים֙ | wĕʾōmĕrîm | veh-oh-meh-REEM |
| Praise | הוֹד֣וּ | hôdû | hoh-DOO |
| the Lord; | לַֽיהוָ֔ה | layhwâ | lai-VA |
| for | כִּ֥י | kî | kee |
| mercy his | לְעוֹלָ֖ם | lĕʿôlām | leh-oh-LAHM |
| endureth for ever. | חַסְדּֽוֹ׃ | ḥasdô | hahs-DOH |
Cross Reference
1 Chronicles 16:34
यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; उसकी करुणा सदा की है।
Psalm 107:1
यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है!
2 Chronicles 5:13
तो जब तुरहियां बजाने वाले और गाने वाले एक स्वर से यहोवा की स्तुति और धन्यवाद करने लगे, और तुरहियां, झांझ आदि बाजे बजाते हुए यहोवा की यह स्तुति ऊंचे शब्द से करने लगे, कि वह भला है और उसकी करुणा सदा की है, तब यहोवा के भवन मे बादल छा गया,
Psalm 29:2
यहोवा के नाम की महिमा करो; पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत् करो।
1 Chronicles 16:29
यहोवा की महिमा और सामर्थ को मानो। यहोवा के नाम की महिमा ऐसी मानो जो उसके नाम के योग्य है। भेंट ले कर उसके सम्मुख आाओ, पवित्रता से शोभायमान हो कर यहोवा को दण्डवत करो।
Ezra 3:10
और जब राजों ने यहोवा के मन्दिर की नेव डाली तब अपने वस्त्र पहिने हुए, और तुरहियां लिये हुए याजक, और झांझ लिये हुए आसाप के वंश के लेवीय इसलिये नियुक्त किए गए कि इस्राएलियों के राजा दाऊद की चलाई हुई रीति के अनुसार यहोवा की स्तुति करें।
Psalm 106:1
याह की स्तुति करो! यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है!
Jeremiah 33:11
इन्हीं में हर्ष और आनन्द का शब्द, दुल्हे-दुल्हिन का शब्द, और इस बात के कहने वालों का शब्द फिर सुनाईं पड़ेगा कि सेनाओं के यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि यहोवा भला है, और उसकी करुणा सदा की है। और यहोवा के भवन में धन्यवादबलि लाने वालों का भी शब्द सुनाईं देगा; क्योंकि मैं इस देश की दशा पहिले की नाईं ज्यों की त्यों कर दूंगा, यहोवा का यही वचन है।
Psalm 96:9
पवित्रता से शोभायमान होकर यहोवा को दण्डवत करो; हे सारी पृथ्वी के लोगों उसके साम्हने कांपते रहो!
Psalm 90:17
और हमारे परमेश्वर यहोवा की मनोहरता हम पर प्रगट हो, तू हमारे हाथों का काम हमारे लिये दृढ़ कर, हमारे हाथों के काम को दृढ़ कर॥
2 Chronicles 7:6
और याजक अपना अपना कार्य करने को खड़े रहे, और लेवीय भी यहोवा के गीत के गाने के लिये बाजे लिये हुए खड़े थे, जिन्हें दाऊद राजा ने यहोवा की सदा की करुणा के कारण उसका धन्यवाद करने को बनाकर उनके द्वारा स्तुति कराई थी; और इनके साम्हने याजक लोग तुरहियां बजाते रहे; और सब इस्राएली खड़े रहे।
2 Chronicles 7:3
और जब आग गिरी और यहोवा का तेज भवन पर छा गया, तब सब इस्राएली देखते रहे, और फर्श पर झुक कर अपना अपना मुंह भूमि की ओर किए हुए दण्डवत किया, और यों कह कर यहोवा का धन्यवाद किया कि, वह भला है, उसकी करुणा सदा की है।
1 Chronicles 16:41
और उनके संग उसने हेमान और यदूतून और दूसरों को भी जो नाम ले कर चुने गए थे ठहरा दिया, कि यहोवा की सदा की करुणा के कारण उसका धन्यवाद करें।
1 Chronicles 13:1
और दाऊद ने सहस्त्रपतियों, शतपतियों और सब प्रधानों से सम्मति ली।
2 Chronicles 29:25
फिर उसने दाऊद और राजा के दशीं गाद, और नातान नबी की आज्ञा के अनुसार जो यहोवा की ओर से उसके नबियों के द्वारा आई थी, झांझ, सारंगियां और वीणाएं लिए हुए लेवियों को यहोवा के भवन में खड़ा किया।
Nehemiah 12:27
और यरूशलेम की शहरपनाह की प्रतिष्ठा के समय लेवीय अपने सब स्थानों में ढूंढ़े गए, कि यरूशलेम को पहुंचाए जाएं, जिस से आनन्द और धन्यवाद कर के और झांझ, सारंगी और वीणा बजाकर, और गाकर उसकी प्रतिष्ठा करें।
Psalm 50:2
सिय्योन से, जो परम सुन्दर है, परमेश्वर ने अपना तेज दिखाया है।
Psalm 136:1
यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है, और उसकी करूणा सदा की है।
Proverbs 11:14
जहां बुद्धि की युक्ति नहीं, वहां प्रजा विपत्ति में पड़ती है; परन्तु सम्मति देने वालों की बहुतायत के कारण बचाव होता है।
2 Chronicles 30:21
और जो इस्राएली यरूशलेम में उपस्थित थे, वे सात दिन तक अखमीरी रोटी का पर्व्व बड़े आनन्द से मनाते रहे; और प्रतिदिन लेवीय और याजक ऊंचे शब्द के बाजे यहोवा के लिये बजा कर यहोवा की स्तुति करते रहे।